प्रिय पाठको को शारदीय नवरात्र की शुभकामनाएं देते हुए मैं यह बताना चाहूंगी कि किसी भी पेड़ -पौधे से अगर आप फूल ,फल या पत्ती आदि कुछ भी दवा के उपयोग हेतु तोड़ रहे हैं तो यथासंभव निम्न मंत्र का उच्चारण करें । इसमें पौधे से यह निवेदन किया गया है कि वे अपने तेज [शक्ति] का हमारे रोग को दूर करने में प्रयोग करें-- येन त्वां खनते ब्रह्मा येन त्वां खनते भृगु :। येन हीन्द्रोSथ वरुणो येन त्वामपचक्रमे । तेनाहं खनयिश्यामि मंत्र शतेन पाणिना। मामाते पानि पतिते माते तेजोSन्यथा भवेत। अत्रेव तिष्ठ कल्याणि मम कार्य करी भवं । मम कार्य कृते सिद्धे ततः स्वर्गगमिश्यसि।
8 टिप्पणियां:
इस मन्त्र में टंकण सम्बन्धी अशुद्धियों की भरमार है । कृपया इस मन्त्र का ठीक-ठीक सन्दर्भ ग्रन्थ बताएँ ।
आपका यह ब्लॉग तो ज्ञान का खजाना है। आप इसे नियमित प्रकाशित करें। आपने बहुत अच्छा काम प्रारम्भ किया है। साधुवाद।
बहुत ज्ञानवर्द्धक जानकारी !!
इसका अनुवाद सरल हिंदी में दे यहाँ हर कोई इस मन्त्र को शुद्ध रूप से नहीं पढ़ सकता है ..शुक्रिया इस अनमोल जानकारी के लिए
यह अभी तक नहीं मालूम था , आयुर्वेद के बारे में हमारी (आधुनिक भारतीयों )जानकारी शून्य समान ही रही है ! समाज आपका आभारी रहेगा !
शुभकामनायें !
यूँ तो आपके ब्लॉग पर दी गई सभी जानकारियाँ हमारे लिए बहुत ही लाभप्रद होती हैं. परन्तु उपरोक्त जानकारी भारतीय वैदिक संस्कृति व संस्कारों की दृष्टी से अति श्रेष्ठ कही जा सकती है. मैं इसी प्रकार की जानकारियों को एकत्रित कर रहा हूँ .
यदि आप की अनुमति हो तो मैं इसे व इसके अनुवाद को आपके व आपके ब्लॉग के नाम के साथ अपने धार्मिक ब्लॉग sidhivinayak81 (गूगल पर ) पर प्रकाशित करना चाहूँगा.
धन्यवाद .
अनुमति की प्रतीक्षा में..... विनायक शर्मा
aapke blog me kitna saara khazana bhara hua hai .. main bahut der se aapka blog padh raha hoon .. mujhe backpain ke liye kuch acchi si dawayi bataye ..
is shaandar blog ke liye meri badhai sweekar kare..
dhanywad
vijay
09849746500
www.poemofvijay.blogspot.com
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