इस बारे में मैंने काफी सोचा कि हम लोगों की मानसिकता क्या है? अगर सर्दी-बुखार -जुकाम हो जाए तो बजाय घर के किचन में से एक चम्मच अजवाईन निकाल कर निगलने के, हम तुरंत मेडिकल स्टोर की तरफ भागते हैं. मैंने कितना ही आपको मेथी, गिलोय ,मूसली, अश्वगंधा के बारे में बताया हो किन्तु आप बस पढ़ कर रह जाते हैं. मैंने सोचा अगर एक ऐसा हेल्थ पैक तैयार किया जाए जो आपके घर में मौजूद हो और भले ही आपको कोई तकलीफ न हो किन्तु आप एक-दो चम्मच रोज लेते रहें तो तमाम बीमारियाँ आपके घर से चार सौ मीटर दूर ही रहेंगी.
*सिर से लेकर गर्दन तक के लिए जटामांसी
*शरीर की सूजन आदि वात विकारों के लिए गिलोय
*फेफड़े,लीवर ,हृदय, रक्त-विकार के लिए अश्वगंधा + मूसली +सतावर
*पेट, मूत्राशय, मलाशय, कमर के लिए अजवाइन+ सौंफ +कुचला
*हड्डियों, जोड़ों, घुटने के लिए मेथी+देसी घी
आप बताएं कि अगर ये सभी आपके घर में पांच या छः डिब्बों में मौजूद हो. और आपको बस सवेरे किसी एक डिब्बे में से दो चम्मच निगल लेना हो तो आपके लिए आसानी होगी न. इसमें से कोई चीज दवा नहीं है. ये कुछ ऐसा ही हुआ कि आज आपने अपने भोजन में एक रसगुल्ला या बर्फी बढ़ा ली बस
और इसका रिजल्ट-
सिर से ही शुरू करते हैं- बाल मजबूत और टिकाऊ , याददाश्त तेज, तनाव ख़त्म, चेहरे पर अद्भुत चमक, दांत मजबूत,
आँखों की रोशनी तेज, सांस की परेशानियां ख़त्म, फेफड़े की क्षमता में वृद्धि, जमा हुआ बलगम ख़त्म, लीवर मुस्कुराता रहेगा , हृदय की बीमारियाँ काबू में, ब्लड-प्रेशर नार्मल, पेट बिलकुल ठीक ,अपच-बदहजमी से राहत, मूत्राशय शुद्ध, खून बढेगा, नाखून लाल-लाल, हड्डियां मजबूत होंगी, शरीर पुष्ट रहेगा, जोड़ों का दर्द बुढापे में पास नहीं फटकेगा.
नींद अच्छी आयेगी , मन अन्दर से प्रसन्नता की अनुभूति करेगा
मुझे लगता है कि इतना तो सुखी जीवन के लिए काफी है .
इसी को कहते हैं निरोगी काया
चित्र गूगल से साभार
ये मेरा वतन
ये तेरा चमन
ये मेरी ईमानदारी
ये तेरी दरियादिली
ये मेरा ज्ञान
ये तेरा ध्यान
ये मेरी आरजू
ये तेरी जुस्तज
ये मेरी भक्तियाँ
ये तेरी शक्तियां
यही तो हमारे देश की रौनक है, दौलत है
यही हमारा विश्वास है
और इसका हमें आभास है
आइये लेते हैं हम संकल्प
इस खजाने को हम सुरक्षित रखेंगे, संरक्षित करेंगे, बढाते रहेंगे
स्वंत्रता दिवस मुबारक
अलका सर्वत मिश्रा
इन आलेखों में पूर्व विद्वानों द्वारा बताये गये ज्ञान को समेट कर आपके समक्ष सरल भाषा में प्रस्तुत करने का छोटा सा प्रयत्न मात्र है .औषध प्रयोग से पूर्व किसी मान्यताप्राप्त हकीम या वैद्य से सलाह लेना आपके हित में उचित होगा
23 टिप्पणियां:
Wah! Badi kaamki baaten batayin! Note kar liya hai sab!
आनंद आ गया आपकी शैली देखकर बहुत उपयोगी है आपका ब्लाग ! शुभकामनायें !
Alka Ji, Greetings of the Day...!!! Its a wonderful piece of advice and very useful, You have explained in a very simple manner...Hope to get more information from your end soon, Thanks a Lot, Keep writing…
Best Wishes are always with you….!
बहुत उपयोगी क्या जटामांसी कुचला सतावर यह सब पीसे हुए कहाँ से मिलेंगे ? शुक्रिया
बहुत सुंदर जानकारी दी आप ने, धन्यवाद
उपयोगी है,मुम्बई में खोजते हैं ।
बहुत अच्छी जानकारी ...आभार
यह तो बिलकुल आसान है जी.
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
bahoot gyaan kee baate hai
आदरणीय अल्का जी,
नमस्कार !
आपकी यह जानकारी अत्यंत महत्वपूर्ण एवम उपयोगी है।
आप ने अच्छे योग बताए हैँ।इनमे से बहुत सी सामग्री घर मेँ ही उपलब्द है मगर लेने का संयोग ही नहीँ बनता।
मुझे विश्वास है कि आप एक न एक दिन मुझे उच्चरक्तचाप से मुक्त होने के लिए दवा जरूर भेजेँगी! पति सेवा स्त्री का एवम पत्नी सेवा पति का धर्म है।आप अपने धर्म का पालन कर रही हैँ यह जान कर प्रसन्नता हुई।
नमस्कार अल्का जी,
मेरा पता जो ब्लोग पर भी है-
ओम पुरोहित"कागद"
24-दुर्गा कालोनी,
हनुमानगढ संगम-335512
[][][][][][][][][][][][]
OM PUROHIT "KAGAD"
24-DURGA COLONY,
HANUMANGARH JUNCTIPON-335512
फ़ोन नम्बर=-01552-268863
मोबाइल नम्बर=-09414380571
[] कष्ट के लिए क्षमा !
नमस्कार अल्का जी,
मेरा पता जो ब्लोग पर भी है-
ओम पुरोहित"कागद"
24-दुर्गा कालोनी,
हनुमानगढ संगम-335512
[राजस्थान]
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OM PUROHIT "KAGAD"
24-DURGA COLONY,
HANUMANGARH JUNCTION-335512
[RAJASTHAN}
फ़ोन नम्बर=-01552-268863
मोबाइल नम्बर=-09414380571
[] कष्ट के लिए क्षमा !
अल्का जी,
सर्वप्रथम तो आभार आपका,आपने स्वयं मेरे ब्लोग पर आ कर समाधान दिया।
मां नियमित सर्दियों में मेथी व देशी घी के लड्डु बनाती थी,पिताजी के लिये,स्वयं के लिये और हमें भी नियमित खाने को कहती थी। कहती थी इससे कभी हड्डीयों की समस्या नहिं होगी। मिश्री डले होते हुए भी हमें बडे खारे लगते थे। हमने नियमित नहीं खाये, आज मां नहिं रही,साथ ही वह लड्डु की विधि भी न रही, अब जोडों में दर्द भी रहता है,लेकिन आज जब आपने मेथी के गुण बताए तो मां की दू्रंदेशी याद हो आई।
काश वो परंपरा हमारे परिवार में नियमित रहती
अल्का मेडम, मेने जब पहेली बार यह ब्लॉग पढ़ा तो मुझे लगा ये इतना आसान नहीं हो शकता. मेने मेरे २१ साल के बेटे की पसीनेकी दुर्गन्ध दूर करने के लिए बहोत कुछ किया. पर सिर्फ आपके बिल पत्र के पान वाले प्रयोग से फ़ायदा हुआ.
मेरी पत्नी के पाँव में एडी और उंगलियों के बिच के भाग में किसी वजह से दर्द रहता है, डॉ. कहते है घुटनों की हड्डी की बोर्नमोरो घिस गई है, कोई इलाज नहीं है. ये दर्द बस उसी वजह से है. आप कोई हल बताओ तो बात बने. उसकी उम्र ३९ साल, वजन ६२ किलो, उचाई ४'१०". वो ज़रा हेवी वेइट है. घुटनों में दर्द करीब सात साल से है. घरमे मेरी ८४ साल की मा के अलावा और कोई नहीं है, और माँ काम करने की हालत में नहीं है. तो पुष्पा को ही सारा काम करना पडता है. मेहमान भी बहोत लगते है. मेने शादी के बाद ५ साल तक पुष्पा को बड़ा परेशां किया था, मगर जब मेने पाया की वो मेरे माँ-बाप की अच्छी सेवा करती है, तो उसके बदले में में उसे सिर्फ आपकी बताई दवाई देकर तन्दुरस्त बनाना चाहता हू ताकि वो मेरी माँ की भी अच्छी सेवा कर सके.
आपका आभार.
आपका छोटा भाई - हिरेन ९४२८१५१७०८
मानीया, आप वह कार्य कर रही हैं जो भारत सरकार के स्वास्थ्य, संस्कृति मंत्रालयों को मिल कर करना था. आप यह नुस्खे यहाँ लिख कर लोगों का ज्ञान बढ़ाने का पुनीत कार्य कर रही हैं और लोग इन्हें आजमाने की जगह आपके लेखन की प्रशंसा कर के चल देते हैं.
आप के इन नुस्खों से लाभ लेने का प्रयास कितने लोगों ने किया?
पाँचवाँ वेद अर्थात’ ’आयुर्वेद’ आम जनता के लिए अत्यन्त उपयोगी है। उसके उन्नयन मे आपके द्वारा किए जा रहे प्रयास हेतु हार्दिक बधाई।
-सद्भावी -डॉ० डंडा लखनवी
सबसे पहले रमज़ान और नागपंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं !!!
आपकी सलाह बड़ी कारगर होती है ..अजवाइन और सौंफ वाला तो सेवन कर रही हूँ .... इन सबको कैसे लिया जाए ये भी बता दें
बहुत अच्छी जानकारी ...आभार ...
upyogi v anukarniya jaankari....sadhuwaad swikaren Alka ji..
ये तो बडा आसान तरीका है स्वस्थ रहने का । मै मेथी के लड्डू बनाने का कई बार सोचती हूँ पर कोलेस्ट्रॉल की वजह से नही बनाती । पर अब ये पक्का करना है ।
अलका जी सबसे पहले तो इस हेल्थ पैक के लिए बहुत बहुत बधाई,आपकी रचनात्मकता एक और सुंदर उदाहरण I आपने ये नहीं बताया की इस मिश्रण में किसका अनुपात कितना होगा एवं खुराक की मात्रा कितनी होगी ? :-
*सिर से लेकर गर्दन तक के लिए जटामांसी
*शरीर की सूजन आदि वात विकारों के लिए गिलोय
*फेफड़े,लीवर ,हृदय, रक्त-विकार के लिए अश्वगंधा + मूसली +सतावर
*पेट, मूत्राशय, मलाशय, कमर के लिए अजवाइन+ सौंफ +कुचला
*हड्डियों, जोड़ों, घुटने के लिए मेथी+देसी घी
कृपया मिश्रण का अनुपात, और खुराक की मात्रा बताये, धन्यवाद
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