आयुर्वेद का अर्थ औषधि - विज्ञान नही है वरन आयुर्विज्ञान अर्थात '' जीवन-का-विज्ञान'' है

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गुरुवार, 16 सितंबर 2010

पथरी का सरल इलाज

हर महीने में पांच दिन आप हथेली की गदोली भर कर वन अजवाईन लीजिये,(इसे अजमोद भी कहते हैं)  और ठंडे पानी से निगल जाएं ,पथरी शरीर में कभी नहीं बनेगी  .        

17 टिप्‍पणियां:

अर्चना तिवारी ने कहा…

कमाल है आपका जड़ी बूटियों का ज्ञान..

kshama ने कहा…

Ye ajwain to qareeban har marz ki dawa lagti hai! Aapke kahne se maine ise niyamit sewan karna shuru kiya hai.

G.N.SHAW ने कहा…

आप जिस रास्ते पर कदम बढ़ा कर चल रही है,वाकई तारीफ के योग्य है.धन्यवाद.

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

कमाल है!

Unknown ने कहा…

अति उपयोगी और ......उत्तम पोस्ट !

RAJNISH PARIHAR ने कहा…

अति उपयोगी और ......तारीफ के योग्य !

ZEAL ने कहा…

very informative post.
Thanks and regards,

अविनाश वाचस्पति ने कहा…

और जो पेट में
उग आयेंगे पौधे
अजवायन के
क्‍योंकि
दिल्‍ली में बारिशें
खूब घनघोर हो रही हैं

शिक्षामित्र ने कहा…

क्या इस विधि से पथरी के रोगी छुटकारा पा सकते हैं?

ओशो रजनीश ने कहा…

हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई, नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें

इसे भी पढ़कर कुछ कहे :-
(आपने भी कभी तो जीवन में बनाये होंगे नियम ??)
http://oshotheone.blogspot.com/2010/09/blog-post_19.html

अजय कुमार ने कहा…

इसे कहते हैं ,दूर की कौड़ी । सार्थक और उपयोगी।

Darshan Lal Baweja ने कहा…

आजमाते है फिर तो ...

Asha Joglekar ने कहा…

वाह इतना आसान इलाज पथरी का ।

दिगम्बर नासवा ने कहा…

ये तो सबसे आसान आरीका बताया आपने ... धन्यवाद ...

बेनामी ने कहा…

I wonder just what Pablo says about that!?

Unknown ने कहा…

Bhetrin me bhi azma kar dekhunga..
lekin sabhi ki ray jankar accha laga.....

Unknown ने कहा…

आपने बहुत ही अच्छी जानकारी दिया
बहुत बहुत धन्यवाद ।
आपकी वेवसाइट कौन सी हैं