आज तक हमने केले का उपयोग फल के रूप में ही किया है. हम इसे सस्ता और ताकत देने वाला फल मानते रहे हैं , लेकिन इसके इतने सारे औषधीय गुण हैं कि ये आपको एक बेहतर डाक्टर के रूप में दिखाई देने लगेगा. चलिए आज हम इसी केले पर अपना ध्यान केन्द्रित करते हैं.
इस केले को हिन्दुस्तान में अधिकाँश राज्यों में केला, तमिल में वालें, अरम्बई और तेलगू में अनन्ति और कदली ,संस्कृत में भानुफल, कदली, राजेष्टा, रम्भा, सुफल और वनलक्ष्मी ,अंग्रेजी में बनाना और वैज्ञानिक भाषा में- Musa sapientum कहते हैं.
अब इसके तत्वों के बारे में जानते हैं-
इसमें पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नेशियम, मैगनीज, कापर, आयरन, फास्पोरस,सल्फर, आयोडीन, अलुमिनियम, जिंक, कोबाल्ट, सिट्रिक एसिड, मैलिक एसिड ,आक्जेलिक एसिड तथा केले के फूल में डोपामाइन, कैफिक एसिड, गेलिक एसिड, प्रोतोकेतेच्विक एसिड, कम्पेस्तेराल, फेरुलिक एसिड, स्तीग्मास्तीराल, डोपानोराद्रेनालिन , सेलेनाल ,ग्लायकोसाइड्स ,सिनामिक एसिड आदि तत्व पाए जाते हैं.
** केला अगर एक निश्चित मात्रा में रोज खाया जाए तो ये किडनी को मजबूत बनाता है.
** केले का रस पीने से खुल कर पेशाब आता है और मूत्राशय (यूरीन ब्लैडर) साफ़ हो जाता है.जिससे देह में संचित रोग के कीटाणु नष्ट हो जाते हैं. परिणामतः रोग भी नष्ट हो जाते हैं.
** अगर खून की उलटी हो रही हो तो तुरंत एक या दो कच्चा केला खिला दीजिये.
** बहुत ज्यादा यूरीन हो रहा हो तो भी आप एक या दो कच्चा केला खा सकते हैं.
** किसी ने संखिया खा लिया हो तो केले की जड़ का रस निकाल कर पिला दीजिये.
** नकसीर में केले के पेड़ का रस सुंघा दीजिये रोगी को.
** केले के रस में टी.बी.को भी जड़ से ख़त्म करने की ताकत है.
** आग से बदन का कोई हिस्सा जल गया हो तो वहाँ केले को मसल कर रख दीजिये और ऊपर से कपडे से बाँध दीजिये.जलन भी कम होगी और घाव भी ठीक होगा.
** सुजाक की बीमारी में केले की जड़ के रस में थोड़ी चीनी और घी मिलाकर पिलायें ,५ दिनों में आराम मिल जाएगा.
** अगर फेफड़े से खून निकल रहा हो या जननांगों से रक्तस्राव हो रहा हो तो केले की जड़ का रस बिना कुछ मिलाये पिला दीजिये.
** किसी ने ज्यादा मात्रा में अफीम खा ली हो और उसकी जान पे संकट आ गया हो तो केले के छिलके और केले के पत्तों का रस पिला दीजिये.
** अगर किसी को सांप काट ले तो तुरंत केले के पेड़ से १०० ग्राम की मात्र में ताजा रस निकाल कर पिला दीजिये,सांप का जहर तुरंत उतर जाएगा.
** अगर किसी को काली खांसी हो गयी है तो केले के तने को सुखाकर फिर जला कर जो राख बचती है वह दो-तीन चुटकी लीजिये और शहद मिला कर चटा दीजिये . काली खांसी जड़ से ख़त्म हो जाएगी.
** केले के तने की भस्म को पानी में घोल कर पीने से मूत्राशय की पथरी गल के निकल जाती है .
** जिनकी पाचन शक्ति कमजोर हो उन्हें केले के आटे की रोटी खानी चाहिए. केले को सुखा के पिस लेंगे तो केले का आटा बन जायेगा.
** केला सुखाकर पीसकर उसका पावडर बना कर रख लीजिये. इस पावडर को छोटे बच्चों को ५ ग्राम की मात्र में रोज खिला दीजिये.६ महीने तक खिला देंगे तो आपका कमजोर बच्चा पहलवान जैसा मजबूत हो जाएगा. चहरे पर चमक भी आ जाएगी.** कच्चे केले की सब्जी बहुत ताकतवर और पौष्टिक होती है मगर कच्चा केला आप ऐसे ही कभी न खाएं उसे सब्जी के रूप में ही खाएं.
** स्कर्वी के रोगी को तो रोज ही पके केले खाने चाहिए ताकि उसका रोग भी दूर हो और वह ताकतवर भी बने.
** जब केले पर कालिमा आ जाए तो आप उसे सदा जानकार फेकियें मत ,उस समय केला और पौष्टिक हो जाता है.केला कभी सड़ता नहीं है.
** केले को अगर दूध में मिक्स करके खाया जाये तो यह पूरे भोजन की ताकत दे देता है. फिर आप दिन भर भोजन न भी करें तो कमजोरी नहीं फील होगी.
** किसी को संग्रहणी की शिकायत हो तो वह पके केले के साथ इमली और नमक खाए , यह मिश्रण संग्रहणी दूर कर देता है.
** जंगली केले के बीजों में स्माल पाक्स दूर करने की ताकत है . इन बीजो का पावडर बस २ चुटकी काफी होता है. साल भर में एक बार खिला दीजिये तो चेचक कभी नहीं निकलेगी और अगर निकल गयी है तो २-३ बार खिलने से ख़त्म हो जाएगी.
** सांस से सम्बंधित कोई बीमारी हो तो एक केला लीजिये ,उसमे बीच में चीरा लगाकर काली मिर्च का ३-४ ग्राम पावडर भर के रात भर रख दीजिये, सवेरे इस केले को तवे पर ज़रा सा देशी घी डाल कर सेंक लीजिये.फिर खा लीजिये .३ दिन लगातार यही काम करे. सांस की बीमारी ख़त्म.** अगर महिलाओं को माहवारी के समय बहुत ज्यादा रक्तस्राव होता हो तो केले के फूलों का रस निकाल कर उसे दही मिला कर पी लें. इस दवा से पतले दस्त में भी बहुत फायदा होता है.
** हैजे से ग्रसित रोगी को सुबह शाम एक एक पका केला जरूर खिला देना चाहिए.
** केले के फूलों का सत मिल जाए तो इसे ब्लड सुगर को कंट्रोल करने के लिए रोजाना एक चुटकी खा लीजिये. बहुत अचूक दवा है.
इन आलेखों में पूर्व विद्वानों द्वारा बताये गये ज्ञान को समेट कर आपके समक्ष सरल भाषा में प्रस्तुत करने का छोटा सा प्रयत्न मात्र है .औषध प्रयोग से पूर्व किसी मान्यताप्राप्त हकीम या वैद्य से सलाह लेना आपके हित में उचित होगा
11 टिप्पणियां:
हमें भी बड़ा प्रिय है।
Achha laga aapko likhte hue dekh!
कमाल की जानकारी दी है आपने|आभार|
बहुत बढ़िया जानकारी ... अनेक बीमारियों की दवाई है केला .
BAHUT ACHCHHI JANKARI DI HAI AAPNE .AABHAR
इतने गुण तो नहीं जानते थे। केला मुझे भी पसंद है लेकिन मित्रों ने कहा कि 50 की उम्र में केला नहीं खाते। इसको खाने से मोटापा बढ़ता है तो खाना बंद कर दिया। क्या सही है?
वाह कितना ..ये तो पता ही नहीं था ! बहुत अच्छी जानकारी रही !
केला खाने में मज़ा तो बहुत आता है ... इतने सारे गुण हैं पता नहीं था .. शुक्रिया इस जानकारी के लिए ...
बहुत ही अच्छी पोस्ट अलका जी , बहुत दिनों के बाद आया हूँ आपके ब्लॉग पर अब आते रहूँगा .. आपके लेख हमेशा ही अच्छे होते है ..
बधाई !!
आभार
विजय
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कृपया मेरी नयी कविता " फूल, चाय और बारिश " को पढकर अपनी बहुमूल्य राय दिजियेंगा . लिंक है : http://poemsofvijay.blogspot.com/2011/07/blog-post_22.html
नमस्कार सर क्या केला छिल कर सुखाना है या छिलके के साथ
सर पुराना सुजाक है तो उसके लिये कैसे उपयोग करें
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