आयुर्वेद का अर्थ औषधि - विज्ञान नही है वरन आयुर्विज्ञान अर्थात '' जीवन-का-विज्ञान'' है

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मंगलवार, 8 मई 2012

ये आम "ख़ास" है "आम" नहीं

 बंधुओ ये आम का मौसम है .आम तो आम सी ही चीज है पर कभी कभी ये जीवन दायी भी साबित हो जाता है .कुछ रोग ऐसे हैं जिनमे कोई दवा ही काम नहीं करती ,वहाँ ये आम रोगी के लिए ख़ास का दर्जा रखता है आम का नहीं .इस आम का वैज्ञानिक नाम है- Magnifera indica

इस आम के सारे अंग ही प्रयोग में लिए जा सकते हैं आम की मौर,  पत्ते ,छाल, फूल, बीज, गुठली, गोंद , जड़, पका फल, कच्चा फल, सभी का आयुर्वेदिक प्रयोग है . देखा आपने ये आम  है कितने काम की चीज 
इस आम में मंजीफैरिंन , प्रोटीन, आयरन, कार्बोंहाइड्रेट , फैट, अमीनोएसिड , कैल्शियम, फास्पोरस, केरोटीन, ग्लूकोज, सुक्रोज, फ्रक्टोज, गैलोटेनिन, गेलिक एसिड, इथाइल गैलेट, आइसोकवेरसेटिन, बीटा-सिटोस्तीराल , विटामिन सी और ए , रिबोफ्लेविन, डीटरपेन, जिरानियाल, लिमोनिना,नेराल, टैनिंन, मेंजीफेरान,मेंजीफेराल
आदि तत्व पाए जाते हैं।
 

 ये आम के फूल या बौर है ये भी दवा के काम आती है।अगर आपको गले में कोई तकलीफ हो गयी हो ,या आवाज में मधुरता लानी है या कफ जनित कोई बीमारी है तो आम के ये सूखे हुए फूल बड़ा काम करते हैं .इन्हें मिश्री ,मुलेठी और आवले के साथ पीस कर काले अंगूर में मिक्स करके गोलियां बना लीजिये ,ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारी भी ये दवा ख़त्म कर देगी।आवाज तो सुरीली होगी ही. 
 अगर मकडी ने काट लिया है तो अमचूर को पानी में मिला कर लेप कीजिए। 
आँतों में अन्दर ही अन्दर खून निकल रहा हो तो आम के पेड़ की छाल  का काढा बनाइये और 2 चम्मच  काढा आधा कप पानी में मिला कर 2-2 घंटे पर पीते रहिये।चार ही दिन में घाव ठीक होते देखा गया है।
खूनी बवासीर का तुरंत ईलाज करना हो तो आम के कोमल या नये पत्ते पानी में पीस कर चीनी मिला कर एक गिलास
 पानी में घोल कर पी जाएँ .कम से कम 21 दिन पीने से ये बीमारी जड़ से ही ख़त्म हो जायेगी 
ल्यूकोरिया में आप आम की छाल का काढा सुबह शाम 20-20 ग्राम एक कप पानी में मिला कर पीजिये ,एक महीने तक लगातार .
हिचकी बार बार आ रही हो तो आम के पत्तो का धुँआ  सुन्घिये।
कितनी ही तेज लू लग जाए और बुखार उलटी दस्त होने लगे हो तो सिर्फ आम ही आपको जिन्दगी वापस दे सकता है 
कच्चा आम छिलके समेत पानी में उबालिए फिर उसी पानी में हाथ से उस आम को मसल दीजिये और स्वाद के अनुसार नमक या चीनी मिला  
 कर पिला दीजिये ,सुबह दोपहर शाम एक एक गिलास बस। सारी बीमारी ख़त्म। 
कितना ही तकलीफदेह  दस्त आ रहा हो ,आप आम की गुठली के अन्दर   जो गिरी होती है उसकी चटनी पीस कर रोगी को बस आधा चम्मच    खिला दीजिये उसमें नमक या चीनी मिला सकते हैं  एक ही बार खिलाना काफी रहेगा वैसे सुबह शाम भी खिला सकते हैं. 
किसी को दाद खाज खुजली हो तो उस प्रभावित स्थान पर आम का चोप लगा दीजिये।इस काम को रोज एक बार कीजिए 21 दिनों तक। 
पके आम का रस पीने से शरीर सुन्दर और तेजस्वी बनता है .
पके आम का शरबत गले से डिप्थीरिया जैसी बीमारी को ख़त्म करता है। 
अगर गले में खराश हो गयी हो तो आम के पत्तो का काढा सुबह खाली पेट एक गिलास पी लीजिये ,एक गिलास काढ़े के लिए 10 पत्ते काफी हैं। 
नकसीर हो गयी है अर्थात नाक से खून निकल रहा है तो आम की गुठली तोड़ कर गिरी निकालिए और उसे पीस कर सुन्घिये।

देखा आपने कि  ये आम कितना ख़ास है।
इन आलेखों में पूर्व विद्वानों द्वारा बताये गये ज्ञान को समेट कर आपके समक्ष सरल भाषा में प्रस्तुत करने का छोटा सा प्रयत्न मात्र है .औषध प्रयोग से पूर्व किसी मान्यताप्राप्त हकीम या वैद्य से सलाह लेना आपके हित में उचित होगा

16 टिप्‍पणियां:

Kailash Sharma ने कहा…

वाह....बहुत उपयोगी जानकारी...आभार

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

रोचक तथ्य

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

ye aam bahut khas hai:)

दिगम्बर नासवा ने कहा…

आमों के आम गुठलियों के दाम ... पता नहीं ये आम के लए है या नहीं ... पर आम उपयोगी है इतना ये आज पता चला .. अच्छा हुवा इतने आम खाता हूँ मैं ..

shikha varshney ने कहा…

आम का क्या मुकाबला..आम तो बस आम है.

Dr. sandhya tiwari ने कहा…

mera sabse priy phal hai aur bhagalpur ka jardalu aam mera sabse priy aam hai

babanpandey ने कहा…

इसलिए है आम का नाम

Kunwar Kusumesh ने कहा…

आम इतना लाभदायक है,मुझे तो पता ही नहीं था.
Thanks.

Madhuresh ने कहा…

एक बार फिर बहुत ज्ञानवर्धक जानकारी... आभार

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

बहुत उपयोगी जानकारी


सादर

सदा ने कहा…

उपयोगी जानकारी के लिए आभार ।

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') ने कहा…

उपयोगी रोचक जानकारी...
सादर.

Asha Joglekar ने कहा…

आम तो आम गुठली के भी दाम ।
ये चोप क्या होता है अलका जी, कहीं तौर तो नही, पर इससे तो फुन्सीयां निकल आती हैं ऐसा बचपन में सुना था ।

Asha Joglekar ने कहा…

आम तो आम गुठली के भी दाम ।
ये चोप क्या होता है अलका जी, कहीं तौर तो नही, पर इससे तो फुन्सीयां निकल आती हैं ऐसा बचपन में सुना था ।

Unknown ने कहा…

THANKU SIR MUJHE HARBERIAM FILE K LIYE 10 PATE CHAHIYE THE JISME MANGO V THA TO USK BARE ME BTANE K LIYE THANKS

bijnior district ने कहा…

मेरे दादा वैद्य थे। वे बताते थे कि जब आम का पहली बार बोर देखो तो उसे दोनों हाथों पर अच्छी तरह रगड़ लो। उनगलियो की जड़ तक में। बस साल बल के लिए आप के पास बिच्छु के काटे का इलाज हो गया। किशी को बिच्छु काटे तो उसे काटने की जगह पैर हथेली से पकडे और नीचे की और तीन बार उतर दें । जहर खत्म हो जाएगा । निचे का मतलब है की यही हाथ की कोहनी में काटा है तो कोहनी सी पकड़ क़र उँगलियों के पोरवो की और उतारें ।