आजकल देश में लीवर बढ़ने की समस्या बड़ी तेजी से फैलती जा रही है . ये रोग लीवर सोरायसिस ,लीवर फेल्ड ,लीवर पेशेंट, आदि कई रूपों में दिखाई दे रहा है। एसिडिटी, हाजमा खराब होना इसके प्राथमिक लक्षण हैं . उलटी दस्त, पानी तक हज़म न होना सीरियस कंडीशन की तरफ इशारा करते हैं . हालांकि इससे बचने के तो कई सारे उपाय हैं लेकिन सबसे सरल उपाय मैं आपको आज बताती हूँ।
एक पौधा होता है भुई आंवला . ये इसी मौसम की पैदावार है -
इसकी पत्तियाँ पहचान लीजिये .इसकी लम्बाई मुश्किल से एक या डेढ़ फीट होती है . आपको पेट की कोई भी बीमारी हो या न हो ,अगर ये पौधा दिख जाए तो पूरा उखाड़ लीजिये और धोकर चबा जाइए।इसका वैज्ञानिक नाम है- Phyllanthus niruri
इसमें फ़ाइलैन्थीन ,हाइपोफ़ाइलैन्थीन ,विटामिन-सी, क्वेरसैट्रीन ,लिनोलिक एसिड, लिनोलेनिक एसिड, सैक्लोफ्लेवान, रिसीनालिक एसिड, एस्त्रोगैलिन क़्वेरसैट्रीन ,लिगनान आदि रासायनिक तत्व पाए जाते हैं।
अब इसके अन्य सदुपयोग सुनिए----
मलेरिया-----
अगर मलेरिया हो जाय तो पूरा पौधा उखाड़ कर उसका काढा बनाकर पी लीजिये। दिन में दो बार,दो- दो- पौधे का काढा .
सुगर----
आपको डायबीटीज ज्यादा परेशान कर रही हो तो 20 ग्राम इस पौधे का चूर्ण और 20 दाने काली मिर्च का चूर्ण दिन में एक बार पानी से निगल लीजिये ,एक माह लगातार ,फिर देखिये फायदा।
खुजली----
पूरे पौधे की चटनी पीस लीजिये उसमे सेंधा नमक मिलाइए और खुजली वाली जगह पर लेप कर लीजिये ।
प्रदर ----
किसी भी तरीके का प्रमेह या प्रदर हो तो या तो भूमि आमला के जड़ का काढा पीजिये या इसके बीजों का चूर्ण 2 चुटकी, चावल के पानी में मिला कर पीजिये।
दस्त ----
किसी को दस्त की बहुत पुरानी बीमारी हो तो पूरे पौधे के काढ़े में आधा चम्मच मेथी का चूर्ण मिलाकर पी लीजिये।
खांसी---
इस पौधे का काढा पुरानी खांसी और सांस की बीमारियों में भी बहुत तेज फायदा पहुंचाता है।दिन में दो बार पीना चाहिये।
हम फिर से लीवर पर आते हैं - लीवर के मरीजों को मकोय के पत्तो का रस 2 चम्मच और नीम के पत्तों का रस दो चम्मच सुबह, दोपहर शाम लेना चाहिए ,क्रांतिकारी परिवर्तन दिखाई देगा।
** इन्हें 250 ग्राम गुड एक दिन में खा लेना चाहिये, भले खाना खाने के लिए पेट में जगह न बचे।
** और पानी तो खैर हर आधे घंटे पर 150 ग्राम पी ही लेना चाहिए, भले ही प्यास न लगे।
चित्र गूगल से साभार
इन आलेखों में पूर्व विद्वानों द्वारा बताये गये ज्ञान को समेट कर आपके समक्ष सरल भाषा में प्रस्तुत करने का छोटा सा प्रयत्न मात्र है .औषध प्रयोग से पूर्व किसी मान्यताप्राप्त हकीम या वैद्य से सलाह लेना आपके हित में उचित होगा
11 टिप्पणियां:
भुई आंवला तो पता है पर ये मकोय क्या होती है । क्या ये दोनो औषधियां आयुर्वेदिक फार्मेसी में मिलेंगी ?
बढिया जानकारी ।
प्रकृति ने व्याधियाँ भी दी हैं और समाधान भी..
बहुत अच्छी जानकारी...लेकिन ये भुई आंवला क्या है और कहाँ मिलता है..
bahut baut aabhar es jankari ko pradan karne ke liye
Hameshakee tarah badee gyan wardhak post.
लाभदायक जानकारी।
जरूर प्रयोग करेंगे।
अच्छी जानकारी ...
सार्थक और सामयिक पोस्ट , आभार.
मेरे ब्लॉग " meri kavitayen "की नवीनतम पोस्ट पर आपका स्वागत है .
बहुत अच्छी जानकारी।।। धन्यवाद।
बहुत अच्छी जानकारी।।। धन्यवाद।
मुझे मिल गया भुई आवला किसी को पता करना तो मुझे से मिले फ़ोन न0 9058060415
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