आयुर्वेद का अर्थ औषधि - विज्ञान नही है वरन आयुर्विज्ञान अर्थात '' जीवन-का-विज्ञान'' है

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गुरुवार, 13 नवंबर 2014

माजूफल एक चमत्कारी फल है


वैसे तो कुदरत का करिश्मा मामूली सी घास में भी छिपा हुआ है ,ये हमारी ही कमी है कि हम पहचान नहीं पाते एक अनोखा सा फल है माजूफल--इसको अंग्रेजी में Gallnut कहते हैं और वैज्ञानिक भाषा में Quercus infecttoria .


इसको gallnut कहते हैं। 
यह दाँतो का बहुत माहिर डाक्टर है। दाँतो में कैसी भी परेशानी हो ,पानी लगता हो ,पायरिया हो, मसूढ़ों से खून आता हो या दर्द होता हो ,दांत कमजोर हैं या दाँतो से भी खून आता है तो आप घर पर ही ये मंजन बना सकते हैं--इसके लिए चाहिए बस माजूफल और छोटी छोटी घरेलू चीजें। एक माजूफल को बारीक पीसकर सरसो  के तेल में मिलाकर बस मसूढ़ों पर मालिश कीजिए इससे मसूढ़ों का दर्द और खून आना तो बंद होगा ही दांत भी मजबूत हो जाएंगे। दाँतो में बहुत तेज दर्द हो रहा है तो माजूफल का चूर्ण उस दांत के नीचे दबाएं १० मिनट में ही दर्द गायब हो जाएगा। एक भुनी हुई  सुपारी और एक भुना हुआ माजूफल और एक कच्चा माजूफल इन तीनो को महीन पीसकर मंजन बनाकर तो हमेशा घर  में रखना चाहिए और हो सके तो रोज या फिर सन्डे सन्डे इससे जरूर मंजन करना चाहिए ताकि दाँतो में कोई रोग लगे ही  न। दांत बहुत तेज दर्द कर रहा हो तो भुनी हुई फिटकरी ,हल्दी और माजूफल २५-२५ ग्राम ले लीजिये और पीस कर चूर्ण बना लीजिये ,इससे दो बार मंजन करने से ही दर्द गायब हो जाएगा।  


एक अजीब सी बीमारी है मलद्वार का बाहर निकलना। यह कई कारणों से होता है। कब्ज हो तो मल त्यागते समय व्यक्ति जोर लगाता है। लगातार पेट साफ़ करने वाली  दवाएं खाने से भी मलद्वार बाहर निकल जाता है। बवासीर और भगन्दर हो तो भी ऐसा हो जाता है। खैर किसी भी कारण से मलद्वार बाहर निकला हो तो आप माजूफल की शरण में जाइए। १ गिलास पानी में एक माजूफल पीस कर डालिये फिर इसे पकाइये। १० मिनट उबलने के बाद उतार कर ठंडा कीजिए और इसी पानी से मलद्वार की धुलाई कीजिए। बवासीर के मस्सों का दर्द ,भगन्दर का दर्द और मलद्वार का बाहर निकलना तीनो में आराम मिलेगा। यह क्रिया ५-६ दिनों तक लगातार   कीजिए।
मलद्वार से ही सम्बंधित एक बीमारी है गुदाभ्रंश। यह बच्चों में ज्यादा होती है। इसके लिए आप आधा चम्मच फिटकरी लीजिये उसको भून  कर चूर्ण बनाये फिर दो माजूफल पीस कर चूर्ण बनाएं। अब दोनों के चूर्ण को १०० ग्राम पानी में मिलाएं। दवा तैयार है। अब इस दवा में रूई का मोटा टुकड़ा भिगाए और गुदा पर बाँध लीजिये। एक क्रिया आपको १०-१५ दिन करनी पड़ सकती है।जितना पुराना रोग होगा उतना ही अधिक समय लेगा ठीक होने में ,किन्तु ठीक अवश्य हो जाएगा।


यदि अंडकोष में पानी भर गया है या फिर चोट आदि लगने से सूजन आ गयी है तो फिर माजूफल आपका सच्चा साथी साबित होगा। पानी भरने की दशा में १० ग्राम माजूफल और ५ ग्राम फिटकरी पानी में महीन पीस कर पेस्ट बना लीजिये फिर अंडकोष पर लेप करके १ घंटे तक छोड़ दीजिये तत्पश्चात सादे पानी से धो लीजिये। कम से कम २१ दिन यह काम करने से पानी सूख जाएगा। अगर सूजन हो गयी है तो १०-१० ग्राम माजूफल और अश्वगंधा लीजिये ,पानी में पीस कर पेस्ट बनाइये, फिर थोड़ा गरम कीजिए और सुहाता सा लेप करके कोई कपडा बाँध लीजिये ३-४ दिन में भी सूजन उत्तर सकती है और १० दिन भी लग सकते हैं। 

माजूफल का चूर्ण १०-१० ग्राम सुबह शाम गाय के दूध से निगलने से गर्भ धारण में सहायता मिलती है। यह प्रक्रिया चार  से पांच माह लगातार करनी होगी। उसके पहले गर्भाशय को कलौंजी के काढ़े से शुद्ध कर लेना चाहिए।  

माजूफल ल्यूकोरिया की भी दवा है। एक-एक ग्राम चूर्ण सुबह शाम पानी से खाया जाता है। २१ दिन तक। 

अगर आपको पतले होंठ पसंद हैं तो माजूफल  को दूध में पीसकर पेस्ट बनाइये और होठों पर लगाकर सो जाएँ। ११ दिन में ही होठ पतले हो जाएंगे।

माजूफल का लेप लगाकर बांधने से टूटी हुई हड्डी भी जुड़ जाती है।  

माजूफल का छोटा सा टुकड़ा चूसते रहने से मुंह के छाले  भी नष्ट हो जाते हैं।