आयुर्वेद का अर्थ औषधि - विज्ञान नही है वरन आयुर्विज्ञान अर्थात '' जीवन-का-विज्ञान'' है

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शनिवार, 27 अगस्त 2016

पीने का औषधीय पानी


हर घर में पेट की बिमारी है, एक सरल काम आप कर सकते हैं, जिससे लीवर, किडनी दोनों ही सही रहेंगे ---
एक घड़े में या किसी भी उस बर्तन में जिसमें आप पीने का पानी रखते हैं, उसमें एक चम्मच अजवाइन एक कपडे की पोटली में बाँध कर डाल दीजिये।1 बार की पोटली 3 दिन रहने दीजिये रोज उसी बर्तन में और पानी भर लीजिये, 3 दिन बाद पोटली बदलनी है।फिर नयी पोटली में  एक चम्मच जीरा रख कर पीने के पानी में डाल दीजिये।3 दिन बाद नई पोटली में मेथी  फिर ३ दिन बाद सौंफ।एक चम्मच में १० ग्राम सामान आना  चाहिए।
इस क्रिया से पानी शुद्ध भी होगा और दवा के गुण भी आ जाएंगे। यह पानी पेट की सारी परेशानियो से आपको मुक्त कर देगा।

1 टिप्पणी:

सागर नाहर ने कहा…

बढ़िया उपाय है, आजमा कर देखते हैं।