आयुर्वेद का अर्थ औषधि - विज्ञान नही है वरन आयुर्विज्ञान अर्थात '' जीवन-का-विज्ञान'' है

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गुरुवार, 19 मई 2011

फुटकर दवाएं


ये कुछ रोगों की फुटकर दवाएं हैं. ये नुस्खे पूर्णिमा वर्मन जी की पत्रिका अभिव्यक्ति में भी प्रकाशित हैं ,पाठक बन्धु इनसे लाभ उठा सकते हैं कहीं पर कोई शंका हो तो फोन पर भी पूछ सकते हैं
१-

स्तनों की वृद्धि के लिए और उनको सुडौल आकार प्रदान करने लिए आप घर में ही ये दवा बना सकते हैं.
इनका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होगा .न ही स्किन प्राब्लम 

अश्वगंधा  5 ग्राम 
गजपीपल  5 ग्राम 
बच    5 ग्राम  
तीनो पिस  कर  पावडर  बना  लीजिये  . इस  पावडर  को  घी  में  मिक्स  करके  दोनों  ब्रेस्ट  पर  लेप  दीजिये  .कम  से  कम  4 घंटे  के  लिए 

ये  काम  35 दिनों  तक  कीजिये 

२-
आप चाहें तो अपनी किडनी को चुस्त दुरुस्त रख सकते हैं . क्योंकि ये किडनी ही है जो बीमार तो खुद होती है और डैमेज और अंगों को करती है. और नहीं तो ये बड़े चुपके से खराब होती है .बाक़ी बीमारियाँ और अंग तो बाकायदा एनाउंस करके अपने बीमार या खराब होने की घोषणा करते हैं पर किडनी बहुत धोखेबाज है .तो बेहतर है की हम हर महीने इसकी खोज खबर ले लें.
इसके लिए आपको बहुत छोटा सा काम करना है -
अमलतास के गूदे को अंजीर के रस में पका कर हलुआ बना लीजिये और सुबह शाम इसे चाट कर खा लीजिये . ५० ग्राम अमलतास का गूदा काफी रहेगा.हर माह में ४-५ दिन ये काम कर लिया करें ताकि कभी किडनी आपको धोखा न देने पाए 

3-
नई धनिया आ गयी है ,अब आप लोग मसाले पिसवा कर साल भर के प्रयोग के लिए संग्रह करेंगे, बस थोडा ध्यान दें तो ये मसाला दवा के रूप में बदल सकता है -
आयुर्वेद के अनुसार इस मसाले में खुरासानी अजवाईन , भांग के बीज , दालचीनी , लौंग , तेजपात, जायफल, जावित्री, अश्वगंधा, मंगरैल, सेंधा नमक, काली मिर्च ,सोंठ, इलायची, अजवाईन,जीरा,कालाजीरा, सौंफ ,मेथी, कालातिल, सरसों, पडी हुई हो तो आप पथरी, सांस की बीमारी ,घुटनों के दर्द और मौसमी बुखारों से बचे रह सकते हैं.

4- 
अमलतास बहुत उपयोगी और जाना पहचाना पौधा है ,जिसे लोग अक्सर अपने घरों में लगाते हैं.

इसके कुछ उपयोग मैं आपको बताती हूँ जिन्हें आप घरों में छोटी छोटी बीमारियों के लिए अपना सकते हैं-
१- अगर पेट में गैस बन गयी हो या गैस के कारण आपका शरीर फूल गया हो तो अमलतास के ताजे पत्तों का रस निकाल कर रोज ४-५ चम्मच पी लीजिये.
पेट की गैस तो तुरंत ख़त्म हो जायेगी और अनावश्यक फूल गये शरीर को ये सही कर देगा.
२- अगर नाक और मुंह से बलगम के साथ खून के कतरे भी गिर रहे हो तो अमलतास की फलियों का गूदा शहद मिला कर दे दीजिये .
३-छोटे बच्चों को अपच के कारण पेट दर्द कर रहा हो तो अमलतास की फलियों के गूदे को गर्म पानी में मिला कर पेट पर लेप कर दीजिये.
४-अमलतास के ताजे पत्तों का रस निकाल कर शरीर पर लेप कर देंगे तो स्किन डीजीज से निजात हासिल हो जायेगी.
 ५- अमलतास के पत्तों की सब्जी बनाकर खा लेंगे तो कमर का अनावश्यक फैलाव भी ख़त्म हो जाएगा और कमर स्लिम हो जायेगी.


५-
अगर यूरिक एसिड बढ़ा हो तो-
हरड का पावडर - १०० ग्राम,
बड़ी हरड का पावडर - १०० ग्राम,
आवंला का पावडर - १००ग्राम,
जीरा का पावडर -१०० ग्राम,
गिलोय का पावडर - २०० ग्राम
इन सभी को आपस में मिला दीजिये . प्रतिदिन ५ ग्राम सुबह और ५ ग्राम शाम को पानी से निगल लीजिये . यूरिक एसिड नार्मल होते देर नहीं लगेगी.
लेकिन सावधान आपको लाल मिर्च  का पावडर और किसी  भी  अन्य खटाई ,अचार का सेवन बिल्कुल नहीं  
करना है.

6-
ल्यूकोरिया नामक रोग पुरुषों और स्त्रियों दोनों को बहुत परेशान करता है . कमजोरी, चिडचिडापन, लगातार अजीब सी दुर्गन्ध की फीलिंग आदि चीजें मनुष्य के चेहरे की चमक उड़ा ले जाती हैं.इससे बचने का एक आसान सा उपाय-
एक- एक पका केला सुबह और शाम को पुरे एक चम्मच देशी घी के साथ खा जाइए 
११-१२ दिनों में आराम दिखाई देगा . इस प्रयोग को २१ दिनों तक जारी रखना चाहिए. 



7-
आपको श्वास से सम्बंधित कोई बीमारी है तो दो चुटकी बच की जड़ का पावडर शहद में मिला कर चाटें.
यह नुस्खा बच्चे से लेकर बूढ़े लोगों के लिए भी बहुत कारगर सिद्ध होता है.
8-
**सतौना के पेड़ की छाल बड़े काम की चीज है. ये वह पौधा है जिसे आप बड़ी आसानी से पहचान सकते हैं .एक ही वृंत पर सात पत्ते लगे रहते हैं ,इसका पेड़ आठ फिट ऊंचाई का भी मिलता है. जुकाम या बुखार में इसकी छाल उबाल कर पी लीजिये लगभग आधा  कप  कहीं  कोई घाव  न  भर  रहा  हो  तो इसकी छाल को  दूध  में महीन  पीस  कर उस  घाव  में लेप  कर दीजिये  बहुत जल्दी  वह घाव  भर  जाएगा . बेड सोर   में भी ये नुस्खा  काम देता  है.

9-
**अगर  किडनी  में पथरी  हो  गयी   है तो गुल्खारो  के बीज  का पावडर रोजाना  चार  ग्राम  पानी  से निगल  लीजिये. 

10-
** चौलाई का साग तो आप जानते ही होंगे. अगर शरीर में दाद ,खाज ,खुजली जैसे चर्मरोग सिर उठा रहे हैं तो चौलाई के पत्तों को महीन पीस कर सारे शरीर में लेप कर दीजीये और सो जाएँ , सुबह सादे पानी से नहा लीजिये. ५ दिन ये काम कर लीजिये.

 . 11-
अगर आपको अपने स्तनों को बढ़ाना है तो चौलाई के साग को अरहर की डाल के साथ पकाकर खाइए १५ दिनों तक. -- 

     





इन आलेखों में पूर्व विद्वानों द्वारा बताये गये ज्ञान को समेट कर आपके समक्ष सरल भाषा में प्रस्तुत करने का छोटा सा प्रयत्न मात्र है .औषध प्रयोग से पूर्व किसी मान्यताप्राप्त हकीम या वैद्य से सलाह लेना आपके हित में उचित होगा