.......जो खग हों तो बसेरो करो मिलि कालिंदी कूल कदम्ब की डारन
मानुष हो तो वही रसखान ...................
बचपन में तो इसे रटा गया था , अब जब पूजा में कदम्ब के फल या फूल चढ़ाए जाते हैं तो याद आता है कि क्यों कृष्ण जी इसके दीवाने थे .
इस कदम्ब का वैज्ञानिक नाम है- Anthocephalus cadamba
इसमें अल्केलायद कदम्बाई न o 3, अल्फाडीहाइड्रो कदम्बीन ,ग्लैकोसीड्स एल्केलायद ,आइसो- डीहाइड्रो कदम्बीन , बीटासिटोस्तीराल ,क्लीनोविक एसिड ,पेंतासायक्लीक , ट्रायटार्पेनिक एसिड ,कदम्बाजेनिक एसिड,सेपोनिन ,उत्पत्त तेल, क्वीनारिक एसिड आदि रासायनिक तत्वों की भरमार होती है ,जिनकी वजह से कदम्ब देव वृक्ष की श्रेणी में आता है।
इसके तो फूल पत्ते, छाल, फल सभी लाभदायक हैं।
*** बुखार न जा रहा हो तो कदम्ब की छाल का काढा दिन में दो- तीन बार पी लीजिये।
***अगर पत्तों के काढ़े से कुल्ला करेंगे तो मुंह के छाले और दांत की बीमारियों में आराम मिलेगा।
*** बदहजमी हो गयी हो तो कदम्ब की कच्ची कोंपलें 4-5 चबा लीजिये।
*** बदन पर लाल चकत्ते पड़ गये हों तो कदम्ब किई -5 कोंपले सुबह-शाम चबाएं।
*** कदम्ब के फल आपके प्रजनन अंगों को मजबूत करते हैं।
*** खून में कोई कमी आ जाए तो कदम्ब के फल और पत्तों का 4 ग्राम चूर्ण लगातार एक महीना खा लीजिये।
*** फोड़े- फुंसी और गले के दर्द में कदम्ब के फूल और पत्तों का काढा बनाकर पीजिये।
***महिलाओं को अपने वक्ष -स्थल पुष्ट रखने हैं तो कदम्ब के फूलों की चटनी बनाकर लेप कीजिए।
*** दस्त हों रहे हों तो कदम्ब की छाल का काढा पी लीजिए या छाल का रस 2-2 चम्मच . लेकिन बच्चों को देते समय इस रस में जीरे का चूर्ण एक चुटकी और मिश्री भी मिला लीजिये।
*** आँख में खुजली हो रही है या आँख आ गयी है तो इसकी छाल का रस लेप कर लीजिये।
*** सांप के काटने पर इसके फल फूल पत्ते जो भी मिल जाएँ पहले तो पीस कर लेप कीजिए फिर काढा बनाकर पिलाइए।
*** दिल की तकलीफों या नाडी डूबने की हालत में इसका रस 2 चम्मच किसी तरह पिला दीजिये देखिये फिर चमत्कार।
इन आलेखों में पूर्व विद्वानों द्वारा बताये गये ज्ञान को समेट कर आपके समक्ष सरल भाषा में प्रस्तुत करने का छोटा सा प्रयत्न मात्र है .औषध प्रयोग से पूर्व किसी मान्यताप्राप्त हकीम या वैद्य से सलाह लेना आपके हित में उचित होगा