यह लेख कादम्बिनी के फरवरी २०११ के अंक में प्रकाशित हो चुका है
गाजर ये तो खरगोश की पहली पसंद है. लेकिन आज से आप सभी इसे अपनी ख़ास पसंद में शामिल कीजिए. आपने कभी गाजर का मुरब्बा खाया है वो भी शहद में बना हुआ. अद्भुत और अपूर्व शक्ति देता है ये.छः महीने तक बादाम घी खाकर आप जितनी ताकत अर्जित करेंगे उतनी सिर्फ २ किलो शहद वाला गाजर का मुरब्बा खाने से मिल जायेगी. इस गाजर में विटामिन ए,बी,और सी तो पाए ही जाते हैं साथ में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, वसा, कार्बोहाईड्रेट, थायमीन, रीबोफ्लेविन,निकोटेनिक एसिड, रेशे आदि महत्वपूर्ण तत्व भी मौजूद हैं इसमें.
इसका प्रयोग मुंह से बदबू का आना, बवासीर, बदन दर्द, हृदय रोग, तिल्ली बढ़ना,दमा, हिचकी, हैजा, सड़े हुए घाव को ठीक करने में ,आसानी से प्रसव कराने में,आखों, दस्त, कीड़े मारने और किडनी को मजबूत करने के लिए होता है.
आप खुद सोचिये कि ये अमृत है या नहीं.
** गाजर की सब्जी आपने कभी नहीं खायी होगी जबकि ये आपकी किडनी के लिए अमृत का काम करती है. सामान्य तरीके से हल्दी नमक मसाले आलू या कोई भी और सब्जी मिक्स करके आप इसे बना सकते हैं. ये सब्जी बदन में कहीं भी दर्द हो तो उसे ठीक कर देगी. अगर खूनी बवासीर हो तो केवल गाजर की सब्जी को ऊपर से मक्खन या दही मिला कर १० दिन खा लीजिये.
** अगर दस्त हो रही हो तो गाजर का रस पिलायें.
** प्रसूता नारी को बिना दर्द के आराम से प्रसव हो जाए इसके लिए आप गाजर के पत्तों का काढा बना कर उसे पिला दीजिये.
** जो घाव किसी भी दवा से न भर रहा हो उस घाव में गाजर उबाल कर मसल कर भर दीजिये. आप घाव को ३ दिनों में ही भरते हुए देखेंगे सिर्फ मनुष्यों के घाव ही नहीं ,जानवरों के भी. आजमा कर देखिये.
** हैजा में गाजर उबाल कर वह पानी थोड़ा ठंडा करके पिलायें ,कम से कम ५ बार.१ बार में १०० ग्राम पिला सकते हैं.
** पेट के कीड़े मारने के लिए तो बस कच्ची गाजरे खाते जाएं.
** अगर शरीर में कहीं खून जम गया हो तो गाजर और गाजर के पत्ते ज़रा सा आग पर पका कर क्रीम बना लीजिये और उस स्थान पर लेप कर दीजिये. दो बार में ही खून का थक्का गायब.
** तिल्ली को स्वस्थ रखने के लिए गाजर का अचार खाएं
** गाजर का मुरब्बा हृदय को भी मजबूत कर देता है.
निष्कर्ष ये कि गाजर जैसे भी खायी जाए ये किसी न किसी बीमारी को ख़त्म कर ही देती है. तो तय कीजिए कि वर्ष भर तो संभव नहीं फिर पूरे मौसम ही आप गाजर की सब्जी ,हलुवा, मुरब्बा, या रस या काढा या फिर कच्ची ही खाते-पीते रहेंगे. ताकि किडनी, हृदय, तिल्ली सब मजबूत हो जाए और हर दशा में गाजर आँखों की रोशनी तो बढाती ही है.
अब पता लगा आपको कि खरगोश क्यों गाजरें खाता है !!!!!!!!!
इन आलेखों में पूर्व विद्वानों द्वारा बताये गये ज्ञान को समेट कर आपके समक्ष सरल भाषा में प्रस्तुत करने का छोटा सा प्रयत्न मात्र है .औषध प्रयोग से पूर्व किसी मान्यताप्राप्त हकीम या वैद्य से सलाह लेना आपके हित में उचित होगा