आयुर्वेद का अर्थ औषधि - विज्ञान नही है वरन आयुर्विज्ञान अर्थात '' जीवन-का-विज्ञान'' है

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बुधवार, 5 दिसंबर 2018

ये है देश में फैल रहे रोगों की जड़

आजकल शेफ का कैरियर बहुत चार्मिंग समझा जा रहा है और कुक की डिमांड ही नहीं बढ़ रही है,वरन स्ट्रीटफूड और रेस्तरां में लंच डिनर का क्रेज लोगो के सिर चढ़ कर बोल रहा है। घर में भोजन पकाने का समय नही है या आलस एक बड़ी वजह है, भगवान जाने।मगर ये लक्षण एक भयावह त्रासदी को जन्म देने वाले हैं।
त्रासदी और आपदा सिर्फ आंधी ,तूफान,बाढ़, जलजला, ज्वालामुखी और दावानल ही नही होते वरन सबसे बड़ी त्रासदी है महामारी।चाहे वो फ्लू के रूप में हो या थायराइड, डायलिसिस, कैंसर, हार्ट डिजीज, गैस, शुगर या विकृत शिशु के रूप में। प्राकृतिक त्रासदी में तो जरूर एक दो जीव ही बच गए तो वे संतति द्वारा पुनः एक विशाल जन समूह की रचना कर लेंगे ।लेकिन इन महामारियों के बाद तो बचे हुए जीव संतति योग्य रहेंगे ही नहीं।

अगर गंभीरता से सोचा जाए तो ये महामारियां अब भी विद्यमान हैं लेकिन छोटे रूप में।इसीलिए किसी के कान पर जूं नही रेंगती और हमारे देश का स्वास्थ्य बजट शेष देशों के मुकाबले बहुत कम है।अब इनके कारण पर निगाह डालिये वह है भोजन पकाने की विधि।चाहे आपके घर में या होटल खोमचे और ढाबों में। पकाने वाले का सिर्फ एक उद्देश्य है कि भोजन स्वादिष्ट हो।यह स्वाद खोजने के चक्कर मे जो प्रयोग किये जा रहे हैं वह ही बिमारी को पैदा कर रहे हैं। अब न तो गृह विज्ञान की शिक्षा लड़कियों को दी जाती है न ही सामान्य खाद्यान्न के गुणों का ज्ञान किसी के पास है।तो पकाने वाले यह जानेंगे कैसे कि किन चीजों का मिश्रण जहर का काम करता है या क्या वस्तु कब खाने से किडनी लीवर डैमेज हो सकते हैं।
उदाहरण देखिये - किसी होटल में जाएं तो सलाद में मूली गाजर प्याज आपको हमेशा मिलेगा और रायता भी।अब यहीं से जहर बनना शुरू हो गया क्योंकि मूली के साथ दही जहर का काम करती है।यह जहर आपकी जान नही लेगा बल्कि लीवर या किडनी को डैमेज करेगा।जो कुछ भी परोसा जाता है उसमें लाल मिर्च या इमली/आम की खटाई जरूर पड़ी होती है, जो लीवर और मलाशय के साथ जननेन्द्रियों की कार्य करने की क्षमता को भी कम करती है।किसी भी दाल/ कढ़ी  /रसेदार सब्जी का स्वाद बढ़ाने के लिए उसमें दही या क्रीम मिलाया जाता है।इसका दुष्प्रभाव तो ज्यादा भयानक है।दूध से बनी चीजों और नमक का मिश्रण स्किन डिजीज, सोरायसिस, खुजली, बालझड़ना और कब्ज को पैदा करता है।मांसाहार पकाते समय भी दही दूध का समावेश पेट काफी देर तक भारी रहने का कारण बनता है।
बेमौसम की सब्जियां खाते समय लोग गर्व और गौरव का अनुभव करते हैं। जो बेहद हानिकारक होती है।गर्मी के मौसम में मटर पुलाव, मटर पनीर, बैगन, धनिया, गोभी, गाजर के हलुवे का बड़ा क्रेज है।जबकि ये सर्दी के मौसम में पैदा होने वाली सब्जियां हैं।जिन्हें पचाने के लिए पाचक रस गर्मी में नही निकलेगा।नतीजा उल्टी, दस्त, फ़ूड प्वाइजनिंग का शिकार हो जाते हैं।इस बात पर कुतर्क करने से पहले सिर्फ इतना सोच लीजिये कि सर्दी में आपका शरीर शाल, स्वेटर, रजाई में सुख का अनुभव करता है क्या गर्मी में गर्म कपड़े बरदाश्त होंगे ???

अब आप आँखे बंद करके थोड़ी देर गंभीरता से सोचिये कि आपने अपने पेट में कब कौन सा जहर डाला है जिसके कारण आप कुछ बीमारियों के मालिक बन गए है।अब से हम नही सम्भले तो महामारी नामक त्रासदी तय है।हमें अपनी शिक्षा और खान पान के ढांचे में आमूलचूल परिवर्तन करना होगा।गृहविज्ञान की शिक्षा सबके लिए अनिवार्य होनी चाहिए।वह भी सिर्फ पास होने के स्तर पर नही बल्कि ज्ञान के स्तर पर।कौन सा मसाला कब और किस तरह से किस महीने में खाना है।किस सब्जी के साथ किस अनाज का मिश्रण उचित है।इसका सम्पूर्ण ज्ञान गृहिणियों, छात्र छात्राओं, शेफ, खोमचे ,ढाबे ,होटल वालों सभी को होना चाहिए। तब जाकर हम एक स्वस्थ समाज का निर्माण कर पाएंगे।स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क रहता है।स्वस्थ मस्तिष्क ही बेहतर डाक्टर, इंजीनियर ,राजनीतिज्ञ, न्यायविद ,माता और पिता बना सकता है।

गुरुवार, 29 नवंबर 2018

कैंसर

कीमोथिरेपी के दुष्परिणाम खत्म हो जाएंगे। आप मुझे फोन कर लीजिये
9889478084

शनिवार, 17 नवंबर 2018

छोटे छोटे नुस्खे 3

*******बाल उगाने वाले तेल की 3 अद्भुत क्रिया लोगों ने बताई है----
बढियां और गहरी नींद
बाल झड़ना और सफेद होना एक हफ्ते में बंद
पेट में से अनावश्यक गैस खत्म

ये सब तो बोनस है। है न.
******************************* पवित्र कार्तिक माह शुरू हो गया है।इस महीने में मठ्ठा और दाल खाने की मनाही होती है।
इस समय जो किडनी खराब के केस बढ़ रहे हैं वह इसी महीने में दाल/प्रोटीन खाने के कारण हैं।क्योंकि लीवर की प्रोटीन को तोड़ने की क्षमता कम हो जाती है।फलतः किरीटीनीन बढ़ जाता है या यूरिक एसिड बढ़ता है।
इस महीने अगर आपने आंवले की चटनी खूब खाली तो बल्ले बल्ले ।
****************************** आंवला, सिंघाड़ा, सूरन, बथुआ ये चार चीजें खूब खाइये इस महीने में।
रक्त बढ़ जाएगा
लीवर ताकतवर होगा
बवासीर, भगंदर, कब्ज तो टाटा बाय बाय कर देंगे
आपका चेहरा खिला खिला लगेगा
*********************************सर्वे संतु निरामयाः
मूली और दही का संयोग फ़ूड प्वाइजनिंग का काम करेगा।इसलिए मूली का रायता कभी न बनाएं।
********************************आज कुछ जड़ी बूटियों का सेवन जरूर करें और स्वास्थ्य के देवता धन्वंतरि भगवान से प्रार्थना करें कि हमारे शरीर को सभी बीमारियों से मुक्त कर दें।
****************************** अगर आपके दांतों में भोजन फंसता है और खरिका / टूथपीक के साथ काफी देर  मशक्कत करनी पड़ती है तो संभल जाइए अब से।
अपनी उंगलियों से मंजन करना शुरू कीजिए।भले केवल सरसो का तेल और नमक ही हो। ब्रश चाहे 150 का खरीद लें या 1500  का।वो कत्तई मसूढ़ों की मालिश नहीं कर पायेगा।
दांतों की सारी बीमारियां केवल मसूढ़ों की पकड़ कमजोर होने से होती हैं। मसूढ़ों की मजबूती के लिए सिर्फ मालिश चाहिए और कोई इलाज नही। सिर्फ 5 मिनट ही उंगलियों से मंजन कीजिये।
एक ही हफ्ते में फर्क दिखेगा।
फिर सारी जिंदगी दांत आपके साथ रहेंगे।

रविवार, 15 जुलाई 2018

विशेष अमृत

ये सभी मेरे द्वारा निर्मित खास उत्पाद हैं----

1--- आयुष्कामीय रसायन

ये एक साल तक खाना होता है। मनुष्य की उम्र 500 वर्ष तक बढ़ जाती है।सभी इन्द्रियाँ बलवती हो जाती हैं। सुनने ,देखने, याद रखने की क्षमता बढ़ जाती है। स्वर मोहक हो जाता है। संतानोत्पत्ति की क्षमता भी बढ़ जाती है।

2--- निर्गुन्डी रसायन

स्लिप डिस्क, सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस, और प्रोस्टेट की सबसे अच्छी दवा है।चूंकि रसायन है तो अद्भुत ताकत भी देता है।इसे 3 महीने खाकर पूरे वर्ष आप रिचार्ज राह सकते हैं।

3---- पावर बम

पहले दिन से ही असर दिखेगा ।टाइमिंग बढ़ेगी।
नर नारी दोनों ले सकते हैं।

4--- भिलावा रसायन

ठंड के 3 महीने खाएं ।शरीर के अंदर कैंसर भी पनपता होगा तो खत्म हो जाएगा।शरीर के सभी अंगों -लीवर, किडनी, हार्ट, पेट, फेफड़े आदि का सुरक्षा कवच है ये।

5---- खलित पलित नाशक तेल

बाल उगाने और झुर्रियां खत्म करने की अद्भुत ताकत इस तेल में है।चेहरे पर चमक और लावण्यता आ जाती है।

गुरुवार, 15 मार्च 2018

एक प्रस्ताव आपको स्वस्थ रखने के लिए

हमारे देश मे सबसे सस्ता अपने शरीर को समझा जाता है।अगर किसी रोग के इलाज पर 4-5000 रु खर्च होते हों तो व्यक्ति इलाज नही कराता।उसकी सोच होती है कि अभी तो चल रहा है न, छोड़ो, बाद में देखेंगे।जबकि आयुर्वेद का उदय शरीर और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए हुआ था।बीमारियों के इलाज की स्थिति शायद ही कभी पैदा होती थी।क्योंकि हर आदमी अपने शरीर की शक्ति और क्षमता को निरंतर जड़ी बूटियों से बढ़ाता रहता था।
अब ऐसी जड़ी बूटियां सहज सुलभ नही हैं।तो काम के बोझ से परेशान हम लोग अतिरिक्त काम करने की बिल्कुल इच्छा नही रखते।
मैंने इसका उपाय सोचा है।आपको पसंद आये तो जरूर करें।शक्ति और क्षमता बढ़ाने में जो रसायन कारगर हैं वो है हल्दी रसायन ,निर्गुन्डी रसायन, भिलावा रसायन, पीप्पली रसायन,आमलकी रसायन और बहेड़ा रसायन।लेकिन ये सब महंगे हैं।सबसे सस्ता भी 2000 का होता है।
यदि आप वर्ष के 12 महीनों तक 12 तरह की रसायन और दवाएं खा लें तो आपको अपने शरीर में युवाओं वाली चुस्ती फुर्ती स्फूर्ति महसूस होगी।जो काफी लंबे समय तक कायम रहेगी।
इसके लिए आपको हर महीने केवल 1000 रु खर्च करने होंगे।हर महीने आपको एक नया रसायन या नया आयुर्वेदिक योग मिलेगा।जो आपके कफ, वात ,पित्त, पेट, गैस, हार्ट ब्लॉकेज, कोलेस्ट्रॉल, बी पी आदि को कंट्रोल करके आपको पूर्णतया रोगरहित कर देगा।
अगर आपको यह प्रस्ताव पसंद हो तो फोन कीजिये।
अलका मिश्रा
9170702195
9889478084

मंगलवार, 13 फ़रवरी 2018

एक सामाजिक मुद्दा

सभी पूज्यनीय महात्मा, साधक, मंत्र विशेषज्ञ, तंत्र विशेषज्ञ, पुजारी, पण्डित एवं ज्ञानी जन से हाथ जोड़कर एक जिज्ञासा का समाधान चाहती हूं------मान लीजिये हम कोई पूजा, किसी देवी देवता की आराधना कर रहे हैं और वह पूजा हमें नुकसान पहुंचा रही है तो उसकी काट क्या होगी।                 जैसे मैं आयुर्वेद का थोड़ा बहुत ज्ञान रखती हूं । मैंने आपको कोई जड़ी बूटी या दवा लीवर सही करने के लिए दी।उस दवा ने लीवर तो सही किया नही, बल्कि अच्छी खासी किडनी खराब कर दी। लक्षण पता चलते ही उस दवा की काट दे दी गयी तो नुकसान की भरपाई हो गयी। जो जड़ी बूटियां जीवन बचाती हैं वही कभी कभी जीवन खत्म भी कर देती हैं ।ठीक इसी तरह पूजा साधना मंत्रो की भी स्थिति है।आप ऐं मन्त्र का जप कर रहे हैं माँ सरस्वती के लिए ।कहीं ऐसा हो कि ज्ञान तो मिल नहीं चलने की शक्ति और खत्म हो गयी।तो इसकी काट का पता होना चाहिए।जैसे भांग खाने वाले नीबू या अमरूद रखे रहते हैं कि अगर ज्यादा चढ़ गई चक्कर वगैरा आने लगे तो उसकी काट नीबू या अमरूद तुरंत खा लेंगे।।                             तो प्लीज पूजा साधना न सहने पर उसकी काट की जानकारी जिन्हें हो, कृपया मुझे बताएं।
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जी शायद आप मेरी तकलीफ के सबसे ज्यादा निकट पहुंच गए हैं।जब खुद को तकलीफ होती है तो दूसरे की पीड़ा समझ मे आती है।मुझे सैकड़ो लोग मिले होंगे जो बताते है बहुत अनुष्ठान करा लिए, अनेक पंडितो से मिल आये ,कोई रिजल्ट नही मिला।और अनेको का विश्वास ही पूजा पाठ से हट जाता है ।जितनी दलीलें यहां  है न ,मैं भी ऐसे ही बताती रही हूं कि मंत्रो में बड़ी शक्ति है बशर्ते सही ढंग से पढ़ा जाए। मन्त्र है ॐ नमः शिवाय ।लोग पढ़ते है ॐ नमः सिवाय।शिवाय का अर्थ है कल्याण के लिये।सिवाय का अर्थ हुआ अतिरिक्त या अलावा।तो फल भी तो गलत ही मिलेगा।
यह समझाने की चीज तो है और सत्य भी किन्तु अब सुंदरकांड का पाठ करना नुकसान दे रहा है तो क्या करें।हनुमान जी को फल फूल चढ़ाना नुकसान दे रहा है तो क्या करें।

सोचिये और मनन करके ठोस मार्ग खोजिये। वरना हम अपने धर्म और मंत्रो को इज्जत नही दिल पाएंगे।पंडितो की तो वैसे ही समाज हंसी उड़ा रहा है।

मंगलवार, 6 फ़रवरी 2018

छोटे छोटे नुस्खे

[22:45, 14/12/2017]

महिलाओं के लिए एक अमृत नुस्खा ----

आधा किलो पानी उबाल कर ठंडा कर लीजिए, फिर उसमें 7 या 8 चम्मच चीनी, 1 चम्मच नमक और 3 नींबू का रस मिला दीजिये। ठीक 12 बजे दोपहर में आधा रस पीएं और बाकी आधा ठीक एक घण्टे बाद।
जिन्हें यूरीन संबंधी शिकायत है वे लोग इस मिश्रण में एक चम्मच जीरा भून कर पीस कर मिला लीजिए।
यह पेय होली आने तक रोज पीएं।फिर खुद में अद्भुत शक्ति का एहसास करें, जो पूरे वर्ष बनी रहेगी।आपकी 50 प्रतिशत बीमारियां इसी से खत्म हो जाएंगी।

: सर्दी के मौसम में सबसे बड़ी परेशानी है --- पैर और एड़ियां फटना/खुरदुरा होना।वैसे तो यह स्थिति गालों और हथेलियों के पिछले हिस्से की भी होती है।पर पैर इसलिए ज्यादा परेशान करते हैं क्योंकि ये कम्बल और रजाई में फँसते हैं।
इसका घरेलू उपाय है 25 ग्राम देसी घी का रोज प्रयोग कीजिये, 2 दिन में फर्क मिलेगा।
आयुर्वेदिक उपाय अश्वगंधा और दालचीनी का चूर्ण 3-3 ग्राम लीजिये और 1 गिलास पानी मे 20 मिनट तक उबालकर गुड़ या शहद मिलाकर रोज पीजिये।

[09:16, 01/01/2018] आइये नवीन वर्ष 2018 की शुरुआत दही चीनी खाकर की जाए।
यदि आप प्रतिदिन केवल 2 चम्मच दही शक्कर मिला कर खाएंगे तो आपका लीवर बिल्कुल दुरुस्त हो जाएगा।
गैस, बदहजमी, भूख न लगना, कब्ज, आदि इत्यादि पेट की दिक्कतें स्वतः दूर होती चली जायेगी।
मीठी दही लीवर के लिए टॉनिक है, यह आयुर्वेद का प्राचीनतम सिद्धांत है।
मीठी दही नए काम को शुरू करने का शुभ सगुन तो है ही।
आपका स्वास्थ्य अच्छा रहे यही मेरी मंगलकामना है।

[10:00, 06/01/2018] : ठंड की वजह से लूज मोशन या खांसी बुखार हो तो तेज गरम पानी में 2 चम्मच नमक डालिये और इस पानी मे पैर डूबा कर 10 मिनट से 20 मिनट बैठे रहिये।
तुरंत आराम महसूस कीजिये।

[17:03, 11/01/2018]  आपके आधे रोगों की जड़ है कोलेस्ट्रॉल।

आइये सबसे पहले इसी को खत्म करें ताकि ठण्ड के मसालेदार और स्वादिष्ट भोजन का भरपूर आनंद ले सकें।

शुद्ध जड़ी बूटियों का मिश्रण तैयार किया है मैंने।आवश्यकता महसूस हो तो प्रयोग कीजिये।
9170702195

[09:55, 13/01/2018]  नवजात शिशुओं के सिर के बाल(थोड़े से) और नाभिनाल हमेशा सहेजकर और सुरक्षित रखने चाहिए यह स्टेम सेल की तरह काम करते हैं अर्थात बहुत कीमती होते हैं।
हालांकि मैं आयुर्वेद से हूँ, लेकिन एलोपैथ वैज्ञानिकों को इस दिशा में काम करना चाहिए।यह दुर्घटना या अंगभंग के समय बहुत काम आएंगे।

[21:05, 17/01/2018] हमारे शरीर में मुख्यतः 3 द्वार हैं।एक जिससे हम भोजन ग्रहण करते हैं ,शेष दो जिनसे हम अपशिष्ट बाहर निकालते हैं।यदि आप नित्य इन द्वारों को साबुन/शैम्पू से धोते हैं और बेहतर तरीके से साफ करते हैं तो आप कई तरह के इंफेक्शन और 3 तरह के कैंसर से हमेशा बचे रहेंगे। प्रोस्टेट/यूट्रस कैंसर, पाइल्स/फिस्टुला, बड़ी आंत का कैंसर।

[10:06, 23/01/2018]
आपके दांत

वाकई जब दांतों में जान रहेगी तब तो आप इतने सारे स्वादिष्ट भोज्य पदार्थों का आनंद उठा पाएंगे।बाजार में इतने सारे टूथपेस्ट और टूथ पावडर हैं ,किन्तु अकेले सफेद कनेर के पेड़ की दातुन उन सब पर भारी है, आपको मिल जाये तो जरूर हफ्ते में 2 बार सफेद कनेर की टहनी से दातुन कीजिये।
या जरूरत समझे तो मुझसे संपर्क कर लीजिए।
[23:21, 26/01/2018]

नींद

जिनको सहज रूप से नींद नही आती है वे लोग 25 ग्राम सौंफ को 250 ग्राम पानी मे 15 मिनट ढक कर उबालें और शाम की चाय के वक्त पी लिया करें।

छोटे छोटे नुस्खे

[22:45, 14/12/2017]

महिलाओं के लिए एक अमृत नुस्खा ----

आधा किलो पानी उबाल कर ठंडा कर लीजिए, फिर उसमें 7 या 8 चम्मच चीनी, 1 चम्मच नमक और 3 नींबू का रस मिला दीजिये। ठीक 12 बजे दोपहर में आधा रस पीएं और बाकी आधा ठीक एक घण्टे बाद।
जिन्हें यूरीन संबंधी शिकायत है वे लोग इस मिश्रण में एक चम्मच जीरा भून कर पीस कर मिला लीजिए।
यह पेय होली आने तक रोज पीएं।फिर खुद में अद्भुत शक्ति का एहसास करें, जो पूरे वर्ष बनी रहेगी।आपकी 50 प्रतिशत बीमारियां इसी से खत्म हो जाएंगी।

: सर्दी के मौसम में सबसे बड़ी परेशानी है --- पैर और एड़ियां फटना/खुरदुरा होना।वैसे तो यह स्थिति गालों और हथेलियों के पिछले हिस्से की भी होती है।पर पैर इसलिए ज्यादा परेशान करते हैं क्योंकि ये कम्बल और रजाई में फँसते हैं।
इसका घरेलू उपाय है 25 ग्राम देसी घी का रोज प्रयोग कीजिये, 2 दिन में फर्क मिलेगा।
आयुर्वेदिक उपाय अश्वगंधा और दालचीनी का चूर्ण 3-3 ग्राम लीजिये और 1 गिलास पानी मे 20 मिनट तक उबालकर गुड़ या शहद मिलाकर रोज पीजिये।

[09:16, 01/01/2018] आइये नवीन वर्ष 2018 की शुरुआत दही चीनी खाकर की जाए।
यदि आप प्रतिदिन केवल 2 चम्मच दही शक्कर मिला कर खाएंगे तो आपका लीवर बिल्कुल दुरुस्त हो जाएगा।
गैस, बदहजमी, भूख न लगना, कब्ज, आदि इत्यादि पेट की दिक्कतें स्वतः दूर होती चली जायेगी।
मीठी दही लीवर के लिए टॉनिक है, यह आयुर्वेद का प्राचीनतम सिद्धांत है।
मीठी दही नए काम को शुरू करने का शुभ सगुन तो है ही।
आपका स्वास्थ्य अच्छा रहे यही मेरी मंगलकामना है।

[10:00, 06/01/2018] : ठंड की वजह से लूज मोशन या खांसी बुखार हो तो तेज गरम पानी में 2 चम्मच नमक डालिये और इस पानी मे पैर डूबा कर 10 मिनट से 20 मिनट बैठे रहिये।
तुरंत आराम महसूस कीजिये।

[17:03, 11/01/2018]  आपके आधे रोगों की जड़ है कोलेस्ट्रॉल।

आइये सबसे पहले इसी को खत्म करें ताकि ठण्ड के मसालेदार और स्वादिष्ट भोजन का भरपूर आनंद ले सकें।

शुद्ध जड़ी बूटियों का मिश्रण तैयार किया है मैंने।आवश्यकता महसूस हो तो प्रयोग कीजिये।
9170702195

[09:55, 13/01/2018]  नवजात शिशुओं के सिर के बाल(थोड़े से) और नाभिनाल हमेशा सहेजकर और सुरक्षित रखने चाहिए यह स्टेम सेल की तरह काम करते हैं अर्थात बहुत कीमती होते हैं।
हालांकि मैं आयुर्वेद से हूँ, लेकिन एलोपैथ वैज्ञानिकों को इस दिशा में काम करना चाहिए।यह दुर्घटना या अंगभंग के समय बहुत काम आएंगे।

[21:05, 17/01/2018] हमारे शरीर में मुख्यतः 3 द्वार हैं।एक जिससे हम भोजन ग्रहण करते हैं ,शेष दो जिनसे हम अपशिष्ट बाहर निकालते हैं।यदि आप नित्य इन द्वारों को साबुन/शैम्पू से धोते हैं और बेहतर तरीके से साफ करते हैं तो आप कई तरह के इंफेक्शन और 3 तरह के कैंसर से हमेशा बचे रहेंगे। प्रोस्टेट/यूट्रस कैंसर, पाइल्स/फिस्टुला, बड़ी आंत का कैंसर।

[10:06, 23/01/2018]
आपके दांत

वाकई जब दांतों में जान रहेगी तब तो आप इतने सारे स्वादिष्ट भोज्य पदार्थों का आनंद उठा पाएंगे।बाजार में इतने सारे टूथपेस्ट और टूथ पावडर हैं ,किन्तु अकेले सफेद कनेर के पेड़ की दातुन उन सब पर भारी है, आपको मिल जाये तो जरूर हफ्ते में 2 बार सफेद कनेर की टहनी से दातुन कीजिये।
या जरूरत समझे तो मुझसे संपर्क कर लीजिए।
[23:21, 26/01/2018]

नींद

जिनको सहज रूप से नींद नही आती है वे लोग 25 ग्राम सौंफ को 250 ग्राम पानी मे 15 मिनट ढक कर उबालें और शाम की चाय के वक्त पी लिया करें।

गुरुवार, 7 सितंबर 2017

यूँ अच्छे होंगे मुंह के छाले, घाव

मेहंदी सावन भादो में बहुत हरी भरी रहती है।ये बहुत काम आ सकती है, उन लोगों के, जिनके मुंह में अक्सर कटे फ़टे का घाव या छाले बने रहते हैं।या जीभ में घाव रहता हो या जिनके दांत और मसूड़े अक्सर दर्द करते हैं।
थोड़े से मेहंदी के पत्ते एक गिलास पानी में 10 मिनट तक ढक के उबालिये ।फिर ठंडा करके इस काढ़े को 2 मिनट तक मुंह मे रखिये फिर थूक दीजिये।
3 या 4 बार कीजिये।
पहले दिन 50 प्रतिशत आराम नजर आएगा।
3 दिन कर लीजिए।

शुक्रवार, 11 अगस्त 2017

जो गत माह व्हाट्सएप्प पर लिखा

पथरी

पत्थरचट्टा, जिसे पाषाणभेद भी कहते हैं, यह पथरी नही दूर करता सिर्फ पथरी का दर्द दूर करता है।

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जठराग्नि को तेज करने के लिए

भोजन के बाद सौंफ मिश्री अब बंद कर देनी चाहिए ।पूरे देश के पेट के मरीजों की तकलीफ का विश्लेषण करके मैंने यह नतीजा निकाला है कि अपने पेट की उपापचय की क्रिया अर्थात जठराग्नि को सही रखने के लिए जरूरी है कि भोजन के बाद 10 तुलसी के पत्ते 4 दाने काली मिर्च और सिर्फ एक पीपल का पत्ता चबाया जाना चाहिए।
लीवर की लाइन एवं लेंथ बिल्कुल दुरुस्त हो जाएगी।एक माह लगातार ले लीजियेगा उसके बाद गैप भी हो जाये तो चिंता की बात नही।
इसे चूर्ण बनाकर भी रखा जा सकता है।

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गैस का इलाज

अगर आप एसिडिटी, गैस, पेट की समस्या से पूर्णतया छुटकारा चाहते हैं तो अपनी रसोई में एक छोटा सा बदलाव करें।
दाल, सब्जी आदि जिन भी भोज्य पदार्थ को छौंक लगाई जाती है उस छौंक में सौंफ जरूर डाली जाए।चाहे जिस चीज से छौंके लेकिन सौंफ जरूर जरूर और जरूर जलनी चाहिए।एक सप्ताह बाद ही घर के सभी मेम्बर को राहत मिलनी शुरू हो जाएगी।

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हड्डियों में फ्रैक्चर

जिनकी हड्डियों में किसी वजह से फ्रैक्चर हुआ हो या माइनर फ्रैक्चर हुआ हो वे पुराने चावल बना कर खाएं।पुराने चावलों में हड्डी जोड़ने की अद्भुत क्षमता होती है।ऐसा महान वैद्य सुश्रुत का कहना है।अतः अकाट्य है।

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डेंगू,चिकनगुनिया से बचाव

सावन अपनी रिमझिम फुहारों के साथ बहार पर है,किन्तु सावधान मच्छरों से होने वाले रोग भी अपनी पराकाष्ठा पर हैं। इसलिए डेंगू, चिकनगुनिया, स्वाइन फ्लू, इंसेफेलाइटिस आदि इत्यादि रोगों से बचने के लिए रोज कलौंजी अर्थात मंगरैला से दाल, सब्जी आदि में छौक जरूर लगाएं बल्कि 20 दाने कलौंजी के यूं ही चबा के खा लें ।बच्चे बूढ़े सभी।

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हमारा शरीर

शरीर मे 7 धातुएं होती हैं---
वात
पित्त
कफ
मल (पुरीष )
मूत्र
रक्त
वीर्य
ये सभी प्राण वायु को ताकत प्रदान करती हैं।अतः सभी की उचित मात्रा शरीर मे बनी रहनी चाहिए।

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गठन में दर्द का इलाज

शरीर में कहीं भी गठान हो जाये और दर्द करती हो तो उस पर काले तिल पानी में पीस कर लेप कीजिये,थोड़ा मोटा लेप।जौ भी पीस कर लेप लगा सकते हैं।यह बहुत फायदा करता है ।अंदर ही अंदर दूषित रक्त को बिखेर देता है।
यह लेप ऐसे घाव में भी फायदा देगा जो जल्दी ठीक न हो रहा हो।

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पेट अंदर करने की सालिड दवा

पेट समतल करना है ?
3 महीने के फुल कोर्स का खर्च 24000 मात्र ।
शुद्ध आयुर्वेदिक।
न लूज मोशन , न परहेज।

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एसिडिटी और नपुंसकता

एसिडिटी की दवा खाने वाले के प्रजनन अंग शिथिल हो जाते हैं, अतः कामेच्छा खत्म या कम हो जाती है।
अतः एसिडिटी की दवा से बचना ही बुद्धिमानी है।
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वैद्यों से

यह लेख मैं उन विद्वान वैद्यों के लिए लिख रही हूँ, जो दर्जनों जड़ी बूटियों को मिला कर किसी रोग की दवा बनाने की विधि व्हाट्सएप्प पर पोस्ट करते रहते हैं।ज्यादा मिश्रण का प्रभाव क्या होता है यह ऊपर पुस्तक के पृष्ठ में स्पष्ट लिखा है। वे प्रबुद्ध पाठक भी ध्यान दें, जो व्हाट्सएप्प पढ़ कर दवा बनाने की कोशिश करते हैं। मैं इससे भी सहमत नहीं हूं कि किसी कम्पनी द्वारा निर्मित दवाओं को कूट पीस कर आपस में मिश्रित करके दवा तैयार की जाय क्योंकि वहां भी अपमिश्रण होकर गुणधर्म चेंज हो सकते हैं।जबकि 2 या 4 जड़ी बूटियों का मिश्रण ज्यादा शक्तिशाली होता है।फिर भी मैं अकेली औषधि ( जड़ी बूटी) से दवा तैयार करने के पक्ष में हूँ, क्योंकि वह पूर्णतया निरापद है और पूर्ण चंद्रमा की तरह शरीर में प्रकाश फैलाती है।
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पाइल्स के लिए

अगर आपको बवासीर ( पाइल्स ) की समस्या है तो जिमीकंद/सूरन/ओल का अचार रोज खाइये।लेकिन अचार में ज्यादा मसाले मिर्च न डलवाएं।तेल ज्यादा ही रखें।बवासीर और कब्ज जड़ से खत्म होगी।
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भादो में दही नहीं

भादो का महीना शुरू हो चुका है, इस माह में दही खाना वर्जित है।इस माह में दही खाने से पेट की पाचक क्षमता पर बहुत खराब असर पड़ता है ,जिसका दुष्परिणाम बदहजमी से लेकर पेट निकलने के रूप में सामने आता है।