आयुर्वेद का अर्थ औषधि - विज्ञान नही है वरन आयुर्विज्ञान अर्थात '' जीवन-का-विज्ञान'' है

फ़ॉलोअर

गुरुवार, 16 अप्रैल 2020

छोटे तीर

देवियों अगर आपको अनचाही अनजानी सी शारीरिक / मानसिक परेशानी महसूस हो रही हो तो सोते वक्त ईयर रिंग उतार दिया करें।
---------------------------------------------

यदि आपका रोग एक दिन पुराना है तो 7 घण्टे में औषधि असर करती है।एक महीना पुराना है तो 7 दिन बाद औषधि का असर दिखेगा।एक साल पुराना है तो 7 हफ्ते तक औषधि का प्रभाव होगा यदि कई वर्ष पुराना है तो उतने ही महीनों तक औषधि सेवन कीजिए।

पुराना होता हुआ रोग स्वरूप बदल कर कई अन्य बीमारियां भी उत्पन्न करता है और औषधियां सभी विकृतियों का नाश करके शरीर को साम्यावस्था में लाती हैं।
इसलिए औषधि सेवन धैर्य और आस्था से किया जाना चाहिए, तभी उत्तम प्रभाव देता है।
–---------------------////-–-----/---------

सबकी सुरक्षा हो गयी आंख भूल गए।
सरसो के तेल की एक एक बून्द दोनों आंखों में डालिये थोड़ा लगेगा किन्तु बहुत लाभ मिलेंगे।
प्रतिदिन

---------------------------------------------

W H O जब किसी दवा की पुष्टि करेगा तब उसे डाक्टर अपनाएंगे।मैंने जो दवा तैयार की है उसे who से पुष्टि कराने का कोई मार्ग मेरे पास नही। अब ये डॉक्टर्स और रोगियों के अपने विवेक पर है कि वो kovid 19 को लाइलाज समझ मृत्यु की प्रतीक्षा करें या इस आयुर्वेदिक दवा को अपनाकर जीने की इच्छा पुनः जागृत करें।

–---/---//---------------------------------

जिनके घरों के आस पास पीपल के पेड़ हैं वे लोग 5 पत्ते रोज एक गिलास पानी में 10 मिनट तक उबाल के पीएं।
प्रति व्यक्ति 5 पत्ते प्रतिदिन। इससे
गला फेफड़ा अंदरूनी पावर बढियां रहेंगे।किसी वायरस की मजाल नही कि आपको छू दे

शनिवार, 28 मार्च 2020

कोरोना

कोरोना संक्रमण को लेकर हर व्यक्ति कहीं न कहीं उबल रहा है।यह उबाल अगर हमने अपनी कमियों से शिक्षा लेकर उसे सही करने में लगा दिया, तब तो सार्थक होगा और हमें सुंदर भविष्य और सुंदर देश मिलेगा।
कल जब मैंने एक व्हाट्सएप मैसेज पढ़ा कि शनि ग्रह जब जब अपनी राशि मकर में आता है तो रोगजनित तबाही फैलाता है।यही इतिहास में कई बार देखा गया है।मैसेज में ये भी लिखा था कि 22 मार्च को मंगल भी मकर में प्रवेश करेगा और स्थितियां अधिक विकट हो जाएंगी।29 मार्च को जब इसी मकर राशि मे बृहस्पति का प्रवेश होगा तब जाकर मंगल और शनि की उग्रता पर कुछ लगाम लगेगी।मैं ज्योतिष की जानकार नहीं हूं किन्तु इतना ज्ञात है कि ज्योतिष ही वह विधा है जो ग्रह  नक्षत्रों की चाल को सटीक रूप से पढ़कर भविष्य का वर्णन कर सकती है। यही गणना हमे आने वाली आपदा के प्रति सचेत कर सकती है और हम तदनुसार तैयारियां कर सकते हैं।

अब आइये मुख्य मुद्दे पर।आप सबने देखा होगा कि देश मे चुनाव  नजदीक आते ही तमाम ज्योतिषाचार्य तमाम नेताओं की कुंडलियाँ खोलकर भविष्यवाणी करने लगते हैं। अखबारों में रोज एक कालम आने लगता है।मैं पूछती हूँ उन सभी से क्या उन्हें केवल नेताओं की कुंडली की गणना करने की ही शिक्षा मिली है? उन्हें ग्रह नक्षत्रों की वह गन्ना समझ मे नही आती जो अकाल, बाढ़, महामारी, आपदा, जीवन मृत्यु या सरकारी योजनाओं की सार्थकता-निरर्थकता के बारे में बताती हो, जो देश की भौगोलिक, आर्थिक, सामाजिक स्थितियों पर प्रकाश डालती हो।ऐसी जानकारियां वे समय समय पर जनता और सत्ता को क्यो नही बताते ताकि वक्त रहते उचित प्रबंध किए जा सके ।
मेरा अगला सवाल सत्तापक्ष से है। राजनीति को जब हम इतिहास के आईने में देखते हैं तो स्पष्ट दिखाई पड़ता है कि राजाओं के  दरबार मे नवरत्नों में ज्योतिषाचार्य , आयुर्वेदाचार्य, नजूमी, भौगिलिक खण्ड के गणक, तारों की स्थितियों के गणक का प्रमुख स्थान होता था।यहां तक कि युद्धादि  भी ज्योतिष गणना से उचित मुहूर्त में ही लड़े जाते थे  ताकि कम से कम नुकसान करके विजय मिल जाये। आज हमारे देश के इतने विशाल मन्त्रिमण्डल में किसी ज्योतिषी किसी नजूमी किसी आयुर्वेदाचार्य के लिए कोई स्थान है, जो अपना कार्य उचित तरीके से करके देश और समाज की रक्षा कर सके? क्या आज का राजा खुद ही इतना विद्वान है कि वह ये सारे काम कर सकता है? और अगर कर सकता है तो देश आज इटनिविष्म परिस्थिति से क्यो जूझ रहा है।
हमारा भारत प्राचीन काल मे विश्वगुरु इसलिए था कि जल थल नभ तीनो के विषय मे उसके ज्ञान का कोई मुकाबला नही था।सोने की चिड़िया ये तभी बना जब देश के समस्त प्राकृतिक संसाधनों का हर नागरिक समुचित उपयोग करके सुखी रहता था ।तभी अर्थ , धर्म, न्याय, ज्ञान, साहित्य, पराक्रम सादाचार  के क्षेत्र में हमारी तूती बोलती थी और शेष विश्व के शासक उसी लालच में बार बार हम पर आक्रमण करके भी पराजित होते रहे।
शायद इस कोरोना आपदा ने पुनः हमीक बार पीछे मुड़कर देखने सोचने और सचेत हो जाने का अवसर दिया हो और हम पुनः अपनी अलौकिक क्षमताओं का उचित उपयोग कर खुद को सुरक्षित और संरक्षित कर सकें।

अलका मिश्रा
लखनऊ

गुरुवार, 19 मार्च 2020

हैलो कोरोना

Please click to watch full video at:

https://youtu.be/J2MdzqN4xag

कोरोना का भूत और हौवा सारी दुनिया मे देखा जा रहा है। बचाव और निदान के जगह जगह उपाय भी बताए जा रहे हैं।

कुछ जड़ी बूटियों से कोरोना वायरल से बचाव के नुस्ख़े दे रही हूं।

देखें सबसे पहले, "Gopal Raju Motivational Videos" चैनल यू ट्यूब में गोपाल राजू जी के माध्यम से।

डॉ अलका मिश्रा
लखनऊ

रविवार, 28 जुलाई 2019

Swelling, Anti Ageing, Wrinkles, Boost Energy, Hair Growth Etc.Treatmen...

इन आलेखों में पूर्व विद्वानों द्वारा बताये गये ज्ञान को समेट कर आपके समक्ष सरल भाषा में प्रस्तुत करने का छोटा सा प्रयत्न मात्र है .औषध प्रयोग से पूर्व किसी मान्यताप्राप्त हकीम या वैद्य से सलाह लेना आपके हित में उचित होगा

रविवार, 21 जुलाई 2019

माइग्रेन के लिए

Please click blue link to view full video in you tube at,

https://youtu.be/mAiqS4BFjWs

लखनऊ की अलका जी आयुर्वेद में बहुत ही अच्छा कार्य कर रही हैं।

उनके पूर्व में भी मैंने वीडियो दिए थे।

उनकी अकेले कार्य करने की लगन, सच्चाई और डॉक्टर या वैद्य का सबसे बड़ा गुण, मितभाषी और मधुरता, प्रभु ने प्राकृतिक रूप से उनमें भर दी है।

प्रस्तुत है माइग्रेन सिरदर्द का एक असरदार इलाज, जटामासी।

गोपाल राजू


रुचि न हो सारगर्भित चीज़ों में, तो कृपया न खोलें ये वीडियो।

मंगलवार, 9 जुलाई 2019

छोटे छोटे नुस्खे

ब्रश या मंजन करने की परंपरा सिर्फ दांतों को चमकदार बनाने के लिए नहीं पड़ी।अपितु इसका उद्देश्य मसूढ़ों की मालिश होता था। मसूढ़े मजबूत रहेंगे तभी तो दांतो पर उनकी पकड़ मजबूत होगी।अभी तक किसी कम्पनी ने कोई ऐसा ब्रश नही बनाया जो मसूढो की मालिश करके उन्हें मजबूती प्रदान करे। उंगली से मंजन करने से यह मालिश हो जाती है और दांत मजबूती से धंसे रहते हैं हिलते नही और न ही कैविटी बनने पाती है।दांतो के बीच अनाज भी नही फंसता।पायरिया ,दर्द से भी मुक्ति मिलती है।

क्या आप आज से सरसो का तेल नमक और उँगली से मंजन शुरू करेंगे।सिर्फ 5 मिनट।

नींद न आने की एक बहुत अच्छी दवा जंगली जायफल है।यह सामान्य जायफल की अपेक्षा आकार में बड़ा होता है।
इसे थोड़ा सा पीस कर शहद के साथ चाटिए।अच्छी नींद आएगी


अजवाइन के 3 महत्वपूर्ण उपयोग हमेशा याद रखिये तथा औरो को भी बताइये--
पेट के लिए आधा चम्मच अजवाइन 2 चुटकी नमक के साथ साबुत ही निगलनी है।
हार्ट के लिए एक चम्मच अजवाइन का काढ़ा बना कर पीना है।
बुखार और बदन दर्द के लिए एक चम्मच अजवाइन साबुत ही पानी के साथ निगलनी है।

कल से आषाढ़ का महीना शुरू है।अब पूरे एक महीने तक बेल बिल्कुल मत खाइएगा।और केला भरपूर खाइएगा।अपने लीवर की तंदुरुस्ती के लिए।

शतावर के चूर्ण को पानी में घोल कर उससे बाल धोएं।बाल लंबे होने लगेंगे।

Check out @alkasarwatra’s Tweet: https://twitter.com/alkasarwatra/status/1146817875241385984?s=09

गुरुवार, 24 जनवरी 2019

सर्वाइकल के लिए तेल

https://youtu.be/31d9ttjbd84

बहुत मेहनत से दर्द एक तेल बनाया  है । कई लोगों ने बताया कि मात्र एक बार के प्रयोग से ही उनको दर्द में बहुत आराम मिला है।
वैसे तो ये सर्वाइकल के लिए रामबाण सिद्ध हुआ है, तथापि शरीर के किसी भी भाग में दर्द के लिए इसका प्रयोग किया जा सकता है।
अलका मिश्रा
लखनऊ

✅Please click blue link to view full video at you tube.

गुरुवार, 17 जनवरी 2019

लीवर के लिए

https://youtu.be/8ukneO1lmCc

शरीर का ये अंग बिना किसी को तंग किये अपने कार्य में संलग्न है, इसीलिए इसके महत्व को जान नहीं पाते।
पर भैया जिस दिन ये बिगड़ गया तो फिर बस शरीर की शामत और बीमारियों का बोल बाला।
ये है आपका लीवर और इसको घरेलू उपाय से मज़बूत भी बनाया जा सकता हैं।

अलका मिश्रा
लखनऊ


*Please click blue link to view full video*

आंखों के लिए

https://youtu.be/aVZJ4LbuDXI

ये अद्भुत तेल

https://youtu.be/0Ja2EVMhUDo

🤢मोटापे और बालों की समस्या हल करने वाला अद्भुत तेल जिसको भारत सरकार के एक उपक्रम द्वारा सम्मानित भी किया गया है।

गोपाल राजू जी की सहायता से मेरा पहला वीडियो।

🔴पूरा देखने के लिए
वीडियो की फ़ोटो नहीं बल्कि लिंक में क्लिक करें।
अच्छा लगे तो कृपया लाइक व  सब्सक्राइब ज़रूर कर दें।
नोटिफिकेशन बेल में क्लिक करना न भूले, इससे हमारे हर नए वीडियो आपको सबसे पहले मिलेंगे।
🙏🏻अलका मिश्रा
लखनऊ

रविवार, 6 जनवरी 2019

ये प्याज

प्याज का उचित प्रयोग कीजिये ये अमृत है

ग्रंथो में स्पष्ट लिखा है कि प्याज की सेवन मात्रा 10 से 15 ग्राम ही है।इससे अधिक प्रयोग निरंतर करने से शरीर की जीवनी शक्ति कमजोर हो जाती है और स्मरण शक्ति को भी हानि पहुंचती है।यूरिक एसिड बढ़ जाता है। जीवनी शक्ति कमजोर होते ही तमाम रोगों का आक्रमण शरीर झेल नही पाता।स्नायु तंत्र को उत्तेजित करने वाली प्याज का हम मारक उपयोग कर रहे हैं।

जैसे परमाणु शक्ति अद्भुत है।उससे बिजली भी पैदा कर सकते है और बम भी बना सकते हैं।यह आपको सोचना होता है कि उसका सदुपयोग कैसे करें।

यही स्थिति प्याज की है।वह अमृत है कई बीमारियों की अद्भुत दवा है तो वही दूसरी ओर पका के या तल के खाते रहने से वह बीमारियां पैदा भी कर देती है।यही हो रहा है आजकल।

मैं अभी सिर्फ दो उपयोग प्याज के बताने जा रही हूं जिससे आप अपनी बीमारियां जड़ से खत्म कर सकते हैं।शर्त ये है कि आपके भोजन में प्याज बिल्कुल नही होनी चाहिए।

यदि आपको हार्ट की प्रॉब्लम है तो आप प्रतिदिन सुबह एक चम्मच प्याज का रस ताजा निकला हुआ पी लीजिये। सिर्फ 2 माह में हार्ट प्राब्लम खत्म हो जाएगी।

यदि आपको शरीर मे कहीं भी खुजली है तो आप वहां रोज प्याज का रस लगा कर सोएं।और अपने सिरहाने एक प्लेट में प्याज काट कर किसी मेज पर या जमीन पर रखें और सुबह उसको घर से बाहर फेंक दें।कई लोगो की खुजली एक हफ्ते में ही खत्म हो गयी है।आप तब तक ऐसा करें जब तक जड़ से खुजली खत्म न हो जाये।

लेकिन ध्यान रहे प्याज भोजन में बिल्कुल नही होनी चाहिए।

बुधवार, 5 दिसंबर 2018

ये है देश में फैल रहे रोगों की जड़

आजकल शेफ का कैरियर बहुत चार्मिंग समझा जा रहा है और कुक की डिमांड ही नहीं बढ़ रही है,वरन स्ट्रीटफूड और रेस्तरां में लंच डिनर का क्रेज लोगो के सिर चढ़ कर बोल रहा है। घर में भोजन पकाने का समय नही है या आलस एक बड़ी वजह है, भगवान जाने।मगर ये लक्षण एक भयावह त्रासदी को जन्म देने वाले हैं।
त्रासदी और आपदा सिर्फ आंधी ,तूफान,बाढ़, जलजला, ज्वालामुखी और दावानल ही नही होते वरन सबसे बड़ी त्रासदी है महामारी।चाहे वो फ्लू के रूप में हो या थायराइड, डायलिसिस, कैंसर, हार्ट डिजीज, गैस, शुगर या विकृत शिशु के रूप में। प्राकृतिक त्रासदी में तो जरूर एक दो जीव ही बच गए तो वे संतति द्वारा पुनः एक विशाल जन समूह की रचना कर लेंगे ।लेकिन इन महामारियों के बाद तो बचे हुए जीव संतति योग्य रहेंगे ही नहीं।

अगर गंभीरता से सोचा जाए तो ये महामारियां अब भी विद्यमान हैं लेकिन छोटे रूप में।इसीलिए किसी के कान पर जूं नही रेंगती और हमारे देश का स्वास्थ्य बजट शेष देशों के मुकाबले बहुत कम है।अब इनके कारण पर निगाह डालिये वह है भोजन पकाने की विधि।चाहे आपके घर में या होटल खोमचे और ढाबों में। पकाने वाले का सिर्फ एक उद्देश्य है कि भोजन स्वादिष्ट हो।यह स्वाद खोजने के चक्कर मे जो प्रयोग किये जा रहे हैं वह ही बिमारी को पैदा कर रहे हैं। अब न तो गृह विज्ञान की शिक्षा लड़कियों को दी जाती है न ही सामान्य खाद्यान्न के गुणों का ज्ञान किसी के पास है।तो पकाने वाले यह जानेंगे कैसे कि किन चीजों का मिश्रण जहर का काम करता है या क्या वस्तु कब खाने से किडनी लीवर डैमेज हो सकते हैं।
उदाहरण देखिये - किसी होटल में जाएं तो सलाद में मूली गाजर प्याज आपको हमेशा मिलेगा और रायता भी।अब यहीं से जहर बनना शुरू हो गया क्योंकि मूली के साथ दही जहर का काम करती है।यह जहर आपकी जान नही लेगा बल्कि लीवर या किडनी को डैमेज करेगा।जो कुछ भी परोसा जाता है उसमें लाल मिर्च या इमली/आम की खटाई जरूर पड़ी होती है, जो लीवर और मलाशय के साथ जननेन्द्रियों की कार्य करने की क्षमता को भी कम करती है।किसी भी दाल/ कढ़ी  /रसेदार सब्जी का स्वाद बढ़ाने के लिए उसमें दही या क्रीम मिलाया जाता है।इसका दुष्प्रभाव तो ज्यादा भयानक है।दूध से बनी चीजों और नमक का मिश्रण स्किन डिजीज, सोरायसिस, खुजली, बालझड़ना और कब्ज को पैदा करता है।मांसाहार पकाते समय भी दही दूध का समावेश पेट काफी देर तक भारी रहने का कारण बनता है।
बेमौसम की सब्जियां खाते समय लोग गर्व और गौरव का अनुभव करते हैं। जो बेहद हानिकारक होती है।गर्मी के मौसम में मटर पुलाव, मटर पनीर, बैगन, धनिया, गोभी, गाजर के हलुवे का बड़ा क्रेज है।जबकि ये सर्दी के मौसम में पैदा होने वाली सब्जियां हैं।जिन्हें पचाने के लिए पाचक रस गर्मी में नही निकलेगा।नतीजा उल्टी, दस्त, फ़ूड प्वाइजनिंग का शिकार हो जाते हैं।इस बात पर कुतर्क करने से पहले सिर्फ इतना सोच लीजिये कि सर्दी में आपका शरीर शाल, स्वेटर, रजाई में सुख का अनुभव करता है क्या गर्मी में गर्म कपड़े बरदाश्त होंगे ???

अब आप आँखे बंद करके थोड़ी देर गंभीरता से सोचिये कि आपने अपने पेट में कब कौन सा जहर डाला है जिसके कारण आप कुछ बीमारियों के मालिक बन गए है।अब से हम नही सम्भले तो महामारी नामक त्रासदी तय है।हमें अपनी शिक्षा और खान पान के ढांचे में आमूलचूल परिवर्तन करना होगा।गृहविज्ञान की शिक्षा सबके लिए अनिवार्य होनी चाहिए।वह भी सिर्फ पास होने के स्तर पर नही बल्कि ज्ञान के स्तर पर।कौन सा मसाला कब और किस तरह से किस महीने में खाना है।किस सब्जी के साथ किस अनाज का मिश्रण उचित है।इसका सम्पूर्ण ज्ञान गृहिणियों, छात्र छात्राओं, शेफ, खोमचे ,ढाबे ,होटल वालों सभी को होना चाहिए। तब जाकर हम एक स्वस्थ समाज का निर्माण कर पाएंगे।स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क रहता है।स्वस्थ मस्तिष्क ही बेहतर डाक्टर, इंजीनियर ,राजनीतिज्ञ, न्यायविद ,माता और पिता बना सकता है।

गुरुवार, 29 नवंबर 2018

कैंसर

कीमोथिरेपी के दुष्परिणाम खत्म हो जाएंगे। आप मुझे फोन कर लीजिये
9889478084

शनिवार, 17 नवंबर 2018

छोटे छोटे नुस्खे 3

*******बाल उगाने वाले तेल की 3 अद्भुत क्रिया लोगों ने बताई है----
बढियां और गहरी नींद
बाल झड़ना और सफेद होना एक हफ्ते में बंद
पेट में से अनावश्यक गैस खत्म

ये सब तो बोनस है। है न.
******************************* पवित्र कार्तिक माह शुरू हो गया है।इस महीने में मठ्ठा और दाल खाने की मनाही होती है।
इस समय जो किडनी खराब के केस बढ़ रहे हैं वह इसी महीने में दाल/प्रोटीन खाने के कारण हैं।क्योंकि लीवर की प्रोटीन को तोड़ने की क्षमता कम हो जाती है।फलतः किरीटीनीन बढ़ जाता है या यूरिक एसिड बढ़ता है।
इस महीने अगर आपने आंवले की चटनी खूब खाली तो बल्ले बल्ले ।
****************************** आंवला, सिंघाड़ा, सूरन, बथुआ ये चार चीजें खूब खाइये इस महीने में।
रक्त बढ़ जाएगा
लीवर ताकतवर होगा
बवासीर, भगंदर, कब्ज तो टाटा बाय बाय कर देंगे
आपका चेहरा खिला खिला लगेगा
*********************************सर्वे संतु निरामयाः
मूली और दही का संयोग फ़ूड प्वाइजनिंग का काम करेगा।इसलिए मूली का रायता कभी न बनाएं।
********************************आज कुछ जड़ी बूटियों का सेवन जरूर करें और स्वास्थ्य के देवता धन्वंतरि भगवान से प्रार्थना करें कि हमारे शरीर को सभी बीमारियों से मुक्त कर दें।
****************************** अगर आपके दांतों में भोजन फंसता है और खरिका / टूथपीक के साथ काफी देर  मशक्कत करनी पड़ती है तो संभल जाइए अब से।
अपनी उंगलियों से मंजन करना शुरू कीजिए।भले केवल सरसो का तेल और नमक ही हो। ब्रश चाहे 150 का खरीद लें या 1500  का।वो कत्तई मसूढ़ों की मालिश नहीं कर पायेगा।
दांतों की सारी बीमारियां केवल मसूढ़ों की पकड़ कमजोर होने से होती हैं। मसूढ़ों की मजबूती के लिए सिर्फ मालिश चाहिए और कोई इलाज नही। सिर्फ 5 मिनट ही उंगलियों से मंजन कीजिये।
एक ही हफ्ते में फर्क दिखेगा।
फिर सारी जिंदगी दांत आपके साथ रहेंगे।

रविवार, 15 जुलाई 2018

विशेष अमृत

ये सभी मेरे द्वारा निर्मित खास उत्पाद हैं----

1--- आयुष्कामीय रसायन

ये एक साल तक खाना होता है। मनुष्य की उम्र 500 वर्ष तक बढ़ जाती है।सभी इन्द्रियाँ बलवती हो जाती हैं। सुनने ,देखने, याद रखने की क्षमता बढ़ जाती है। स्वर मोहक हो जाता है। संतानोत्पत्ति की क्षमता भी बढ़ जाती है।

2--- निर्गुन्डी रसायन

स्लिप डिस्क, सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस, और प्रोस्टेट की सबसे अच्छी दवा है।चूंकि रसायन है तो अद्भुत ताकत भी देता है।इसे 3 महीने खाकर पूरे वर्ष आप रिचार्ज राह सकते हैं।

3---- पावर बम

पहले दिन से ही असर दिखेगा ।टाइमिंग बढ़ेगी।
नर नारी दोनों ले सकते हैं।

4--- भिलावा रसायन

ठंड के 3 महीने खाएं ।शरीर के अंदर कैंसर भी पनपता होगा तो खत्म हो जाएगा।शरीर के सभी अंगों -लीवर, किडनी, हार्ट, पेट, फेफड़े आदि का सुरक्षा कवच है ये।

5---- खलित पलित नाशक तेल

बाल उगाने और झुर्रियां खत्म करने की अद्भुत ताकत इस तेल में है।चेहरे पर चमक और लावण्यता आ जाती है।

गुरुवार, 15 मार्च 2018

एक प्रस्ताव आपको स्वस्थ रखने के लिए

हमारे देश मे सबसे सस्ता अपने शरीर को समझा जाता है।अगर किसी रोग के इलाज पर 4-5000 रु खर्च होते हों तो व्यक्ति इलाज नही कराता।उसकी सोच होती है कि अभी तो चल रहा है न, छोड़ो, बाद में देखेंगे।जबकि आयुर्वेद का उदय शरीर और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए हुआ था।बीमारियों के इलाज की स्थिति शायद ही कभी पैदा होती थी।क्योंकि हर आदमी अपने शरीर की शक्ति और क्षमता को निरंतर जड़ी बूटियों से बढ़ाता रहता था।
अब ऐसी जड़ी बूटियां सहज सुलभ नही हैं।तो काम के बोझ से परेशान हम लोग अतिरिक्त काम करने की बिल्कुल इच्छा नही रखते।
मैंने इसका उपाय सोचा है।आपको पसंद आये तो जरूर करें।शक्ति और क्षमता बढ़ाने में जो रसायन कारगर हैं वो है हल्दी रसायन ,निर्गुन्डी रसायन, भिलावा रसायन, पीप्पली रसायन,आमलकी रसायन और बहेड़ा रसायन।लेकिन ये सब महंगे हैं।सबसे सस्ता भी 2000 का होता है।
यदि आप वर्ष के 12 महीनों तक 12 तरह की रसायन और दवाएं खा लें तो आपको अपने शरीर में युवाओं वाली चुस्ती फुर्ती स्फूर्ति महसूस होगी।जो काफी लंबे समय तक कायम रहेगी।
इसके लिए आपको हर महीने केवल 1000 रु खर्च करने होंगे।हर महीने आपको एक नया रसायन या नया आयुर्वेदिक योग मिलेगा।जो आपके कफ, वात ,पित्त, पेट, गैस, हार्ट ब्लॉकेज, कोलेस्ट्रॉल, बी पी आदि को कंट्रोल करके आपको पूर्णतया रोगरहित कर देगा।
अगर आपको यह प्रस्ताव पसंद हो तो फोन कीजिये।
अलका मिश्रा
9170702195
9889478084

मंगलवार, 13 फ़रवरी 2018

एक सामाजिक मुद्दा

सभी पूज्यनीय महात्मा, साधक, मंत्र विशेषज्ञ, तंत्र विशेषज्ञ, पुजारी, पण्डित एवं ज्ञानी जन से हाथ जोड़कर एक जिज्ञासा का समाधान चाहती हूं------मान लीजिये हम कोई पूजा, किसी देवी देवता की आराधना कर रहे हैं और वह पूजा हमें नुकसान पहुंचा रही है तो उसकी काट क्या होगी।                 जैसे मैं आयुर्वेद का थोड़ा बहुत ज्ञान रखती हूं । मैंने आपको कोई जड़ी बूटी या दवा लीवर सही करने के लिए दी।उस दवा ने लीवर तो सही किया नही, बल्कि अच्छी खासी किडनी खराब कर दी। लक्षण पता चलते ही उस दवा की काट दे दी गयी तो नुकसान की भरपाई हो गयी। जो जड़ी बूटियां जीवन बचाती हैं वही कभी कभी जीवन खत्म भी कर देती हैं ।ठीक इसी तरह पूजा साधना मंत्रो की भी स्थिति है।आप ऐं मन्त्र का जप कर रहे हैं माँ सरस्वती के लिए ।कहीं ऐसा हो कि ज्ञान तो मिल नहीं चलने की शक्ति और खत्म हो गयी।तो इसकी काट का पता होना चाहिए।जैसे भांग खाने वाले नीबू या अमरूद रखे रहते हैं कि अगर ज्यादा चढ़ गई चक्कर वगैरा आने लगे तो उसकी काट नीबू या अमरूद तुरंत खा लेंगे।।                             तो प्लीज पूजा साधना न सहने पर उसकी काट की जानकारी जिन्हें हो, कृपया मुझे बताएं।
////////////////////////////////////
जी शायद आप मेरी तकलीफ के सबसे ज्यादा निकट पहुंच गए हैं।जब खुद को तकलीफ होती है तो दूसरे की पीड़ा समझ मे आती है।मुझे सैकड़ो लोग मिले होंगे जो बताते है बहुत अनुष्ठान करा लिए, अनेक पंडितो से मिल आये ,कोई रिजल्ट नही मिला।और अनेको का विश्वास ही पूजा पाठ से हट जाता है ।जितनी दलीलें यहां  है न ,मैं भी ऐसे ही बताती रही हूं कि मंत्रो में बड़ी शक्ति है बशर्ते सही ढंग से पढ़ा जाए। मन्त्र है ॐ नमः शिवाय ।लोग पढ़ते है ॐ नमः सिवाय।शिवाय का अर्थ है कल्याण के लिये।सिवाय का अर्थ हुआ अतिरिक्त या अलावा।तो फल भी तो गलत ही मिलेगा।
यह समझाने की चीज तो है और सत्य भी किन्तु अब सुंदरकांड का पाठ करना नुकसान दे रहा है तो क्या करें।हनुमान जी को फल फूल चढ़ाना नुकसान दे रहा है तो क्या करें।

सोचिये और मनन करके ठोस मार्ग खोजिये। वरना हम अपने धर्म और मंत्रो को इज्जत नही दिल पाएंगे।पंडितो की तो वैसे ही समाज हंसी उड़ा रहा है।

मंगलवार, 6 फ़रवरी 2018

छोटे छोटे नुस्खे

[22:45, 14/12/2017]

महिलाओं के लिए एक अमृत नुस्खा ----

आधा किलो पानी उबाल कर ठंडा कर लीजिए, फिर उसमें 7 या 8 चम्मच चीनी, 1 चम्मच नमक और 3 नींबू का रस मिला दीजिये। ठीक 12 बजे दोपहर में आधा रस पीएं और बाकी आधा ठीक एक घण्टे बाद।
जिन्हें यूरीन संबंधी शिकायत है वे लोग इस मिश्रण में एक चम्मच जीरा भून कर पीस कर मिला लीजिए।
यह पेय होली आने तक रोज पीएं।फिर खुद में अद्भुत शक्ति का एहसास करें, जो पूरे वर्ष बनी रहेगी।आपकी 50 प्रतिशत बीमारियां इसी से खत्म हो जाएंगी।

: सर्दी के मौसम में सबसे बड़ी परेशानी है --- पैर और एड़ियां फटना/खुरदुरा होना।वैसे तो यह स्थिति गालों और हथेलियों के पिछले हिस्से की भी होती है।पर पैर इसलिए ज्यादा परेशान करते हैं क्योंकि ये कम्बल और रजाई में फँसते हैं।
इसका घरेलू उपाय है 25 ग्राम देसी घी का रोज प्रयोग कीजिये, 2 दिन में फर्क मिलेगा।
आयुर्वेदिक उपाय अश्वगंधा और दालचीनी का चूर्ण 3-3 ग्राम लीजिये और 1 गिलास पानी मे 20 मिनट तक उबालकर गुड़ या शहद मिलाकर रोज पीजिये।

[09:16, 01/01/2018] आइये नवीन वर्ष 2018 की शुरुआत दही चीनी खाकर की जाए।
यदि आप प्रतिदिन केवल 2 चम्मच दही शक्कर मिला कर खाएंगे तो आपका लीवर बिल्कुल दुरुस्त हो जाएगा।
गैस, बदहजमी, भूख न लगना, कब्ज, आदि इत्यादि पेट की दिक्कतें स्वतः दूर होती चली जायेगी।
मीठी दही लीवर के लिए टॉनिक है, यह आयुर्वेद का प्राचीनतम सिद्धांत है।
मीठी दही नए काम को शुरू करने का शुभ सगुन तो है ही।
आपका स्वास्थ्य अच्छा रहे यही मेरी मंगलकामना है।

[10:00, 06/01/2018] : ठंड की वजह से लूज मोशन या खांसी बुखार हो तो तेज गरम पानी में 2 चम्मच नमक डालिये और इस पानी मे पैर डूबा कर 10 मिनट से 20 मिनट बैठे रहिये।
तुरंत आराम महसूस कीजिये।

[17:03, 11/01/2018]  आपके आधे रोगों की जड़ है कोलेस्ट्रॉल।

आइये सबसे पहले इसी को खत्म करें ताकि ठण्ड के मसालेदार और स्वादिष्ट भोजन का भरपूर आनंद ले सकें।

शुद्ध जड़ी बूटियों का मिश्रण तैयार किया है मैंने।आवश्यकता महसूस हो तो प्रयोग कीजिये।
9170702195

[09:55, 13/01/2018]  नवजात शिशुओं के सिर के बाल(थोड़े से) और नाभिनाल हमेशा सहेजकर और सुरक्षित रखने चाहिए यह स्टेम सेल की तरह काम करते हैं अर्थात बहुत कीमती होते हैं।
हालांकि मैं आयुर्वेद से हूँ, लेकिन एलोपैथ वैज्ञानिकों को इस दिशा में काम करना चाहिए।यह दुर्घटना या अंगभंग के समय बहुत काम आएंगे।

[21:05, 17/01/2018] हमारे शरीर में मुख्यतः 3 द्वार हैं।एक जिससे हम भोजन ग्रहण करते हैं ,शेष दो जिनसे हम अपशिष्ट बाहर निकालते हैं।यदि आप नित्य इन द्वारों को साबुन/शैम्पू से धोते हैं और बेहतर तरीके से साफ करते हैं तो आप कई तरह के इंफेक्शन और 3 तरह के कैंसर से हमेशा बचे रहेंगे। प्रोस्टेट/यूट्रस कैंसर, पाइल्स/फिस्टुला, बड़ी आंत का कैंसर।

[10:06, 23/01/2018]
आपके दांत

वाकई जब दांतों में जान रहेगी तब तो आप इतने सारे स्वादिष्ट भोज्य पदार्थों का आनंद उठा पाएंगे।बाजार में इतने सारे टूथपेस्ट और टूथ पावडर हैं ,किन्तु अकेले सफेद कनेर के पेड़ की दातुन उन सब पर भारी है, आपको मिल जाये तो जरूर हफ्ते में 2 बार सफेद कनेर की टहनी से दातुन कीजिये।
या जरूरत समझे तो मुझसे संपर्क कर लीजिए।
[23:21, 26/01/2018]

नींद

जिनको सहज रूप से नींद नही आती है वे लोग 25 ग्राम सौंफ को 250 ग्राम पानी मे 15 मिनट ढक कर उबालें और शाम की चाय के वक्त पी लिया करें।

छोटे छोटे नुस्खे

[22:45, 14/12/2017]

महिलाओं के लिए एक अमृत नुस्खा ----

आधा किलो पानी उबाल कर ठंडा कर लीजिए, फिर उसमें 7 या 8 चम्मच चीनी, 1 चम्मच नमक और 3 नींबू का रस मिला दीजिये। ठीक 12 बजे दोपहर में आधा रस पीएं और बाकी आधा ठीक एक घण्टे बाद।
जिन्हें यूरीन संबंधी शिकायत है वे लोग इस मिश्रण में एक चम्मच जीरा भून कर पीस कर मिला लीजिए।
यह पेय होली आने तक रोज पीएं।फिर खुद में अद्भुत शक्ति का एहसास करें, जो पूरे वर्ष बनी रहेगी।आपकी 50 प्रतिशत बीमारियां इसी से खत्म हो जाएंगी।

: सर्दी के मौसम में सबसे बड़ी परेशानी है --- पैर और एड़ियां फटना/खुरदुरा होना।वैसे तो यह स्थिति गालों और हथेलियों के पिछले हिस्से की भी होती है।पर पैर इसलिए ज्यादा परेशान करते हैं क्योंकि ये कम्बल और रजाई में फँसते हैं।
इसका घरेलू उपाय है 25 ग्राम देसी घी का रोज प्रयोग कीजिये, 2 दिन में फर्क मिलेगा।
आयुर्वेदिक उपाय अश्वगंधा और दालचीनी का चूर्ण 3-3 ग्राम लीजिये और 1 गिलास पानी मे 20 मिनट तक उबालकर गुड़ या शहद मिलाकर रोज पीजिये।

[09:16, 01/01/2018] आइये नवीन वर्ष 2018 की शुरुआत दही चीनी खाकर की जाए।
यदि आप प्रतिदिन केवल 2 चम्मच दही शक्कर मिला कर खाएंगे तो आपका लीवर बिल्कुल दुरुस्त हो जाएगा।
गैस, बदहजमी, भूख न लगना, कब्ज, आदि इत्यादि पेट की दिक्कतें स्वतः दूर होती चली जायेगी।
मीठी दही लीवर के लिए टॉनिक है, यह आयुर्वेद का प्राचीनतम सिद्धांत है।
मीठी दही नए काम को शुरू करने का शुभ सगुन तो है ही।
आपका स्वास्थ्य अच्छा रहे यही मेरी मंगलकामना है।

[10:00, 06/01/2018] : ठंड की वजह से लूज मोशन या खांसी बुखार हो तो तेज गरम पानी में 2 चम्मच नमक डालिये और इस पानी मे पैर डूबा कर 10 मिनट से 20 मिनट बैठे रहिये।
तुरंत आराम महसूस कीजिये।

[17:03, 11/01/2018]  आपके आधे रोगों की जड़ है कोलेस्ट्रॉल।

आइये सबसे पहले इसी को खत्म करें ताकि ठण्ड के मसालेदार और स्वादिष्ट भोजन का भरपूर आनंद ले सकें।

शुद्ध जड़ी बूटियों का मिश्रण तैयार किया है मैंने।आवश्यकता महसूस हो तो प्रयोग कीजिये।
9170702195

[09:55, 13/01/2018]  नवजात शिशुओं के सिर के बाल(थोड़े से) और नाभिनाल हमेशा सहेजकर और सुरक्षित रखने चाहिए यह स्टेम सेल की तरह काम करते हैं अर्थात बहुत कीमती होते हैं।
हालांकि मैं आयुर्वेद से हूँ, लेकिन एलोपैथ वैज्ञानिकों को इस दिशा में काम करना चाहिए।यह दुर्घटना या अंगभंग के समय बहुत काम आएंगे।

[21:05, 17/01/2018] हमारे शरीर में मुख्यतः 3 द्वार हैं।एक जिससे हम भोजन ग्रहण करते हैं ,शेष दो जिनसे हम अपशिष्ट बाहर निकालते हैं।यदि आप नित्य इन द्वारों को साबुन/शैम्पू से धोते हैं और बेहतर तरीके से साफ करते हैं तो आप कई तरह के इंफेक्शन और 3 तरह के कैंसर से हमेशा बचे रहेंगे। प्रोस्टेट/यूट्रस कैंसर, पाइल्स/फिस्टुला, बड़ी आंत का कैंसर।

[10:06, 23/01/2018]
आपके दांत

वाकई जब दांतों में जान रहेगी तब तो आप इतने सारे स्वादिष्ट भोज्य पदार्थों का आनंद उठा पाएंगे।बाजार में इतने सारे टूथपेस्ट और टूथ पावडर हैं ,किन्तु अकेले सफेद कनेर के पेड़ की दातुन उन सब पर भारी है, आपको मिल जाये तो जरूर हफ्ते में 2 बार सफेद कनेर की टहनी से दातुन कीजिये।
या जरूरत समझे तो मुझसे संपर्क कर लीजिए।
[23:21, 26/01/2018]

नींद

जिनको सहज रूप से नींद नही आती है वे लोग 25 ग्राम सौंफ को 250 ग्राम पानी मे 15 मिनट ढक कर उबालें और शाम की चाय के वक्त पी लिया करें।