आयुर्वेद का अर्थ औषधि - विज्ञान नही है वरन आयुर्विज्ञान अर्थात '' जीवन-का-विज्ञान'' है

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शुक्रवार, 23 अप्रैल 2010

सुरक्षा इस जानलेवा गरमी से

 हमारा देश छः मौसमों वाला देश है .कभी सर्दी रुलाती है तो कभी गरमी . आजकल सूरज दादा आग बरसा रहे हैं ,जिसे देखिये वही नाक मुंह ढाप तोप कर निकल रहा है,कमनीय कन्याओं का और बुरा हाल है. अगर लू लग गयी तो पुरानी सोयी हुई बीमारियाँ भी जाग जाती हैं .शरीर में पानी की कमी न होने पाए तो लोग पानी की बोतल साथ ले के चलते हैं .लेकिन वो तो बस हाथी के दिखाने वाले दांत की तरह होती है .उसी बोतल में से घूंट घूंट पानी लोग दिन भर पीते हैं और शाम तक पानी बच भी जाता है .जल संरक्षण के अभियान में सभी लोग सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं.  अभी कल के समाचारपत्र में डिहाईड्रेशन से मरने वाली महिला की  खबर छपी थी. बस आपको अपनी जान प्यारी है तो पेट में भोजन भले न हो मगर पानी हमेशा भरा होना चाहिए .
            
खैर इस गरमी में सुरक्षित रहने के लिए कुछ छोटे छोटे उपाय बताना चाहती हूँ मैं -     मानना न मानना आपकी मर्जी


१- बेल का शरबत --ये मौसम बेल का है .अगर आप सवेरे खाली पेट एक गिलास [२५० ग्राम]पके बेल के गूदे का शरबत पी लीजिये तो उसके बाद धूप या गरमी आपको छूकर भी नहीं गुजरेगी. सामान्य तौर पर लोग दिन भर में किसी भी समय बेल का शरबत पी लेते हैं ,वह पीना सिर्फ आपकी प्यास बुझा सकता है या स्वाद का एहसास  करा सकता है ,किन्तु न तो वह पेट के लिए लाभकारी होगा न ही गरमी से आपको सुरक्षित करेगा .इसलिए अगर आपको बेल का शरबत उपलब्ध है तो उसका सही तरीके से प्रयोग करके आप सुखी और सुरक्षित रह सकते हैं .


२- आम का पना --ये तो अमृत है .इसके लिए आप १५० ग्राम कच्चे आम लीजिये और उसे धोकर एक लीटर पानी में दस से पंद्रह मिनट तक उबाल लीजिये ,अब उसे ठंडा होने दीजिये, जब पानी ठंडा हो जाए तो उसी पानी में आमों को अच्छी तरह से मसल लें . गुठली ,छिलके आदि अच्छी तरह निचोड़ कर फेंक दें ,अब इसमें स्वाद के अनुसार नामक या चीनी मिला लीजिये साथ ही थोड़ी सी पीसी हुई काली मिर्च .इसमें बाहर से कच्चा पानी या बर्फ मिलाने की कोई जरुरत नहीं है .इसे आप फ्रिज में रखकर ठंडा जरुर कर सकते है .आम का पना तैयार है.अगर लू या गरमी से बुखार ,उल्टी ,दस्त ,बेचैनी आदि समस्याए हो रही हैं तो यह पना सिर्फ एक गिलास [२०० ग्राम ]छः घंटे के अंतराल पर दो बार पी लीजिये .आप बिलकुल ठीक हो जायेंगे
स्वस्थ आदमी को यह प्रतिदिन एक गिलास तो पी ही लेना चाहिए ,जब तक कच्चे आम आपको मिल जाया करें .
इससे स्किन जलने और घमौरियों से भी निजात हासिल होती है.


३-- कच्चा प्याज --हम बुजुर्गों से सुनते आये कि कच्चा प्याज का एक टुकडा जेब में रख कर चलो तो धूप और लू से शरीर बचा रहता है .सर झुका कर उनकी बात मानने में ही भलाई  है.इसकी तेज गंध आपके शरीर को एक सुरक्षा कवच प्रदान करती है .


४-- अजवाइन --अजवाइन गरम जरूर होती है किन्तु यह गरमी से भी आपके शरीर को वैसे ही बचाती है जैसे ठंड से .बेहतर होगा कि सप्ताह में दो दिन एक चम्मच अजवाईन पानी से निगल ली जाए . 
सबसे पहले आप जब सवेरे जगे तो दो गिलास पानी पीजिये ताकि रात में आपके शरीर में जितनी उर्जायें एकत्र हो गयी हैं वे अपने सही कार्यों में लग सकें


इन आलेखों में पूर्व विद्वानों द्वारा बताये गये ज्ञान को समेट कर आपके समक्ष सरल भाषा में प्रस्तुत करने का छोटा सा प्रयत्न मात्र है .औषध प्रयोग से पूर्व किसी मान्यताप्राप्त हकीम या वैद्य से सलाह लेना आपके हित में उचित होगा

17 टिप्‍पणियां:

Satish Saxena ने कहा…

शुक्रिया अलका जी !
इस विषय पर नियमित लेखन की बेहद आवश्यकता लगती है ! आपकी इस मुफ्त सेवा के लिए समाज आपका आभारी होगा !

रंजू भाटिया ने कहा…

बहुत सरल और उपयोगी उपाय बताये हैं आपने अलका जी ...शुक्रिया

Apanatva ने कहा…

alakajee bahut bahut dhanyvad...........
satish jee ke kathan se mai bhee pooree tour par sahmat hoo.

Apanatva ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
अजित वडनेरकर ने कहा…

बहुत शुक्रिया। आम का पना और बेल का शरबत तो अमृत हैं।

बाकी अजवायन कभी भी खाएं, फायदेमंद हैं। आपके ब्लाग की हरितिमा भी लू से राहत पहुंचा रही है।

हिमांशु{''हरीश ''} बिष्ट दिल्ली (उत्तराखंड) ने कहा…

Raat Bhar Raat Satati Rahi,
Din Bhar Din Satata Raha.
Aakhir Insaan Kab Soye, Ye
Jaanne Ke Liye Main Jagta Rahaa.

हिमांशु{''हरीश ''} बिष्ट दिल्ली (उत्तराखंड) ने कहा…

Garmi the bahut tab soch raha tha main....

मनोज कुमार ने कहा…

बहुत अच्छी जानकारी।

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत बढ़िया जानकारी मिली....सच बहुत गर्मी है इससे बचने के उपाय बता कर थोड़ी ठंडक प्रदान की ...शुक्रिया

ओम पुरोहित'कागद' ने कहा…

bachpan me hamai nani pilati thi or ab hamari maan. kache aam ko bhoon kar sharbat bana kar.is sharbat se loo ka bukhar utar jata hai.garmi or loo ke liye aajmaya hua hai.
aap ke bataye prayog maan karti rehti hai.aap ne yaden taja kardi.dhanywad!

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत सुंदर जानकारी दी आप ने, धन्यवाद

vijay kumar sappatti ने कहा…

alka ji , bahut sundar jaankaari .. padhkar bahut khushi hui .. ab mai choonki travel karta hoon ,,,to apna dhyaan rakhunga ..

bahut dhanywaad

vijay

दिगम्बर नासवा ने कहा…

शुक्रिया आपके सुझावों का ... बहुत ज़रूरत थी इनकी अलका जी ...

अनामिका की सदायें ...... ने कहा…

shukriya alka ji apki is prakar ki post ka hamesha intzar rahta hai.

कविता रावत ने कहा…

upyogi labhprad jankari ke liye aabhar..

kshama ने कहा…

Ajvain ki upyogita hazne ke liye to pata hai,lekin garmise bachati hai,yah badi achhee jankari dee apne..!
Har thode dinon se aapke blogka chakkar laga leti hun!

Dr.R.Ramkumar ने कहा…

भीषण गर्मी में तरावट देती आपकी सलाहें.
आपको खस सा सुगंधित और कूलर सा ठंडा धन्यवाद. एक महिला हिफाजत की चिन्ता औरों से बेहतर करती है आपने बता दिया।
फिर एक बार शुक्रिया....

मुझे 'बैल' बहुत मिलते हैं 'बेल' कहां से लाऊं ?