१- नमक ,हल्दी और मेथी का पावडर तीनों एक-एक चम्मच ले लीजिये ,नहाने से पांच मिनट पहले इसका पानी मिलाकर पेस्ट बना लीजिये. अब इसे साबुन की तरह पूरे शरीर में रगड़ रगड़ कर लेप लीजिये. फिर ५ मिनट छोड़ दीजिये ,फिर आराम से नहा लीजिये. इसे हर ४ दिन बाद प्रयोग करेंगे तो घमौरियों, फुंसियों, त्वचा की सभी बीमारियों से दूर रहेंगे, त्वचा अगर मुलायम हो जाए और चमकने लगे तो इसे एक पर एक फ्री वाला गिफ्ट समझ लीजिएगा
२- हर ४ दिन बाद एक चम्मच [५ग्राम ] अजवाईन जरूर पानी से निगलते रहें ताकि अन्दर के शारीरिक पार्ट भी कीड़ों से बचे रहें.
इस मौसम में ग्रामीण हिस्सों में सांप ,बिच्छू और ततैया आदि जहरीले जानवर मनुष्यों और पशुओं दोनों को परेशान करते हैं. आइये कुछ रक्षात्मक उपायों पर गौर करें -----------
**१०-१० ग्राम हल्दी, सेंधा नमक और शहद तथा ५ग्राम देसी घी अच्छे तरीके से मिला लीजिये. इसे खाने या चटाने से कुत्ता ,सांप, बिच्छु, मेढक, गिरगिट, आदि जहरीले जानवरों का विष ख़त्म हो जाता है .
**आषाढ़ का महीना शुरू हो चुका है, ११ या १२ जुलाई को पुष्य नक्षत्र पड़ना चाहिए, इस दिन अगर सिरस की जड़ को चावल के पानी में पीस कर पी लिया जाए तो उसे सांप गलती से भी नहीं काटेगा ,जो सांप उस इंसान या जानवर [गाय, भैंस ,बकरी] को काटेगा वह खुद ही मरेगा.
**एक पुरानी पोस्ट में भी मैं यह बात लिख चुकी हूँ कि पुष्य नक्षत्र के दिन सफ़ेद पुनर्नवा की जड़ को चावल के पानी में पीस कर पीने से एक साल तक मनुष्य सांप से बचा रह सकता है.
**घी, शहद, पीपल, सोंठ, काली मिर्च , और सेंधानमक सभी को १०-१० ग्राम लेकर पीस कर अच्छी तरह से मिला लीजिये और एक बार में सिर्फ १० ग्राम खाएं ,किसी भी जहरीले सांप का विष उतर जाएगा
**जीरे को पीस लीजिये उसमें थोड़ा सा घी और जीरे के बराबर सेंधानामक मिला दीजिये. घी इतना मिलाईएगा कि पेस्ट बन जाए. अब इस पेस्ट को विशेषकर बिच्छू या किसी भी जहरीले कीड़े के काटे हुए स्थान पर लेप कर देने से जहर और दर्द दोनों ख़त्म हो जाएगा
इन आलेखों में पूर्व विद्वानों द्वारा बताये गये ज्ञान को समेट कर आपके समक्ष सरल भाषा में प्रस्तुत करने का छोटा सा प्रयत्न मात्र है .औषध प्रयोग से पूर्व किसी मान्यताप्राप्त हकीम या वैद्य से सलाह लेना आपके हित में उचित होगा
18 टिप्पणियां:
आपके नुख्शे अनुभूत हैं।
बरसात के समय कीट विपदाओं से बचने की अच्छी जानकारी है।
कृपया लाल रंग के फ़ोंट आंखों को चुभ रहे हैं।
पढे नहीं जा रहे,उनका रंग बदल दिजिए
आभार
बहुत सुंदर जानकारी जी धन्यवाद
जितने खतरे आपने बताए सभी अपने इलाके में हैं.
सही समय पर उपयोगी पोस्ट ।
बस थोड़ा जल्दी जल्दी लिखा करिये ।
इस बहुत जरुरी पोस्ट के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आपका.
बहुत अच्छा किया,मानसून आने से पहले और कुछ स्थानों में मानसून होने के समय,पर इस समय होने वाले रोगों,और विषेषकर कीड़े,मकोड़ों के काटने के कारण ।
बहुत बहुत शुक्रिया इस जानकारी के लिए
आपकी ये लेख कल २/७/१० के चर्चा मंच के लिए लिया गया है.
http://charchamanch.blogspot.com/
आभार
आपने बहुत महत्त्व पूर्ण जानकारी दी है...आभार
आपके नुस्खे सच में लाजवाब होते हैं ... और सामयिक भी ... शुक्रिया ...
इस जानकारी के लिए धन्यवाद!
बहुत अच्छी जानकारी दी इसके लिए धन्यवाद.
गठिया हेतु लिखे ,आभार.
अलका जी,
धन्यवाद,हमारे ब्लोग सुज्ञ पर भ्रमण कर आई आप्।
सुज्ञ का भावार्थ है,जिसे सरलता से ज्ञेय(ज्ञान) हो।
आपका यह ब्लोग जानकारियों से भरपूर है,स्वास्थ्य दायक स्वस्थ लेख ही कहुंगा।
एक लेख नमक पर लिखें,जिसमें तीनों नमक,सादा नमक,सेंधा नमक,काला नमक के गुण-दोषों पर वर्णन हो।
अलका जी बहुत उपयोगी जानकारी ।
adbhut jaankari.........achchha laga aapke blog pe aakar!
isliye follow karne se apne ko rok nahi paaya..:)
adbhut jaankari.........achchha laga aapke blog pe aakar!
isliye follow karne se apne ko rok nahi paaya..:)
adbhut jaankari
yesi jankari k liye shukriya. aabhar.
उपयोगी पोस्ट ।
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