आयुर्वेद का अर्थ औषधि - विज्ञान नही है वरन आयुर्विज्ञान अर्थात '' जीवन-का-विज्ञान'' है

फ़ॉलोअर

शुक्रवार, 8 अक्तूबर 2010

मुलेठी

आज बहुत छोटी मगर बड़े काम की बात आपको बता रही हूँ --
मुलेठी के बारे में तो सभी जानते हैं .आज से ये भी जान लीजिये कि पेप्टिक अल्सर में मुलेठी का चूर्ण अमृत की तरह काम करता है. बस सुबह शाम 2 -2  ग्राम पानी से निगल जाइए
यही नहीं इस मुलेठी के चूर्ण से आँखों की शक्ति भी बढ़ती है बस सुबह ३ ग्राम खा लीजिये.
अब इस मुलेठी की जन्म कुण्डली अगले किसी अंक में ................





                                                               चित्र गूगल बाबा की मदद से


इन आलेखों में पूर्व विद्वानों द्वारा बताये गये ज्ञान को समेट कर आपके समक्ष सरल भाषा में प्रस्तुत करने का छोटा सा प्रयत्न मात्र है .औषध प्रयोग से पूर्व किसी मान्यताप्राप्त हकीम या वैद्य से सलाह लेना आपके हित में उचित होगा

21 टिप्‍पणियां:

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' ने कहा…

अच्छी जानकारी दी है...
शुक्रिया.

Apanatva ने कहा…

bahut acchee jankaree .
dhanyvad

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

जब होती थी सर्दी,आता था बुखार, मुलेठी का कांड़ा, बहुत पिलाती थी माँ बार-बार। एक और गुण का पता चला।

आशीष मिश्रा ने कहा…

acchhi jankari ...janmkundli ka intajar rahega

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत सुंदर जानकारी , आप सब को नवरात्रो की शुभकामनायें,

अजय कुमार ने कहा…

अच्छी जानकारी । ये मुलेठी और मुलेहठी एक ही चीज है क्या ?

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

अभी तक तो मुलेठी गला ठीक करने के लिये उपयोग मे लाते थे।

Gyan Darpan ने कहा…

अच्छी जानकारी ।

शरद कोकास ने कहा…

हम तो इसके मुरीद है ।

दिगम्बर नासवा ने कहा…

गला खराब होने पर माता जी ज़रूर चुस्वाति थीं मुलठी ... अच्छी पोस्ट ...

सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼ ने कहा…

गला भी अच्छा करती है!
आभार!
आशीष
--
प्रायश्चित

विनोद कुमार पांडेय ने कहा…

सुना था मुलेठी बहुत काम की चीज़ है आज आपने इसके लाभ भी बता दिए..एक से बढ़ कर एक बढ़िया जानकारी आपके ब्लॉग पर उपलब्ध है....स्वास्थ के बारे में लाभकारी है...बढ़िया जानकारी भारी आलेख के लिए बहुत बहुत धन्यवाद अलका जी..

अनामिका की सदायें ...... ने कहा…

आज इस ब्लॉग को फोल्लो कर लिया है और अब हम मुलेठी की जन्म कुंडली का इंतज़ार कर रहे हैं.

सुनील गज्जाणी ने कहा…

namaskar !
achchi zankari hai . deahi cheejo ka bas upyog karne wala chahiye . bhandaar hai .
thnks

Girish Kumar Billore ने कहा…

शुक्रिया दीदी

Asha Joglekar ने कहा…

अलका जी बहुत दिनों बाद आई हूँ आप के ब्लॉग पर । मुलैठी के बारे में सिर्फ खांसी के लिये उपयोग पता था, पर पेप्टिक अल्स और आँखों के लिये भी उपयोगी है ये आपने ही बताया । सचमुच आपका ब्लॉग खजाना है स्वास्थ्य के लिये ।

Asha Joglekar ने कहा…

अलका जी बहुत दिनों बाद आई हूँ आप के ब्लॉग पर । मुलैठी के बारे में सिर्फ खांसी के लिये उपयोग पता था, पर पेप्टिक अल्स और आँखों के लिये भी उपयोगी है ये आपने ही बताया । सचमुच आपका ब्लॉग खजाना है स्वास्थ्य के लिये ।

Asha Joglekar ने कहा…

शुभ दशहरा ।

शिक्षामित्र ने कहा…

इस पोस्ट के 11 दिन हो गए हैं। दूसरा भाग आना चाहिए।

Vinashaay sharma ने कहा…

कम्प्युटर खराब होने के कारण बहुत दिनों के बाद आ सका,सदा की भान्ति लाभप्रद पोस्ट

Shalini kaushik ने कहा…

alka ji,aapke blog ke bare me amar ujala se pata laga.bahut achha laga aapka blog.nahi janti ki aapko ispar likhne me deri kyon hoti hai par aapki gyanverdhak upasthiti achhi lagti hai.