क्या चीज है ये अमरुद भी. आजकल तो बाज़ारों में बस इसी का बोलबाला है. किसी जमाने में इसे ग़रीबों का सेब कहा जाता था . आखिर क्यों न कहा जाए. इसमें इतने सारे तत्व पाए जाते हैं कि शरीर में पहुँचते ही अपनी उपस्थिति दर्ज करा देते हैं. ये अकेला ऐसा फल है जिसको खाने के बाद अजीब सी प्रसन्नता का अनुभव होता है यानी कि मन खुश हो जाता है. आइये जानते हैं आज इसके बारे में कि ये अपने भीतर आखिर क्या छुपाये हुए है कि बाज़ारों में यूं इठला इठला कर बरबस ही ध्यान खींच लेता है ------
इसे हिन्दी में जामफल भी कहते हैं.संस्कृत में पेरुकम, दृढबीजं, अरबी में कम्सुरा, मराठी में पेरू, बंगाली में पियारा, गुजराती में जामफड़े , तेलगू में गोइया, द्रविण में कोईया, कर्नाटक में शिवे, और वैज्ञानिक भाषा में सिडियम गुआबिया कहते हैं.
आयुर्वेद में अमरुद को मधुर, ग्राही, कफकारक, वातवर्धक, स्वादिष्ट, शीतल, तीक्ष्ण, भारी, त्रिदोष नाशक और साथ में भ्रम ,मूर्छा और शारीरिक जलन को नष्ट करने वाला माना गया है.
अमरुद में ल्यू कोसायनीदीन, क्वेरसेटिन, बीता सितो-स्तीराल, गुवाजेवरीन , लिमोनीन, पिनीन, निओसीन,विटामिन-बी ६,विटामिन-सी, कैदिनिन, सिट्रिक, रीबोफ्लेविन, एमिनो एसिड, स्टार्च, ग्लूकोज, फ्रक्टोज, सुक्रोज, टैनिन्स, थायमिन, कीरोटिन,आक्जेलिक, क्वीनिक, सक्सीनिक, मलिक, तार्तेरिक एसिड, फार्नेसिं, करक्यूमिन, सिनामिक, रहामनोज जैसे तत्वों की भरमार होती है.
अमरुद तो अमरुद इसके पत्ते, पेड़ की छाल, जड़ भी दवाओं का काम करते हैं-
***अगर पेट में दर्द हो या बदहजमी की स्किकायत हो तो इसके कोमल पत्ते पीस कर रस निकालिए और ३०- ३५ ग्राम पिला दीजिये.
***मुंह में कोई घाव हो या मसूड़ों से खून आता हो तो अमरुद के पत्तों का काढा बनाकर उसे ५-५ मिनट मुंह में रख कर कुल्ला कीजिए.
*** बहुत दस्त हो रहे हो तो पत्तों का काढा २५-२५ ग्राम २-३ बार पिला दीजिये.
***अगर किसी को भांग का नशा चढ़ गया हो तो अमरुद खिला दीजिये ,नशा उतर जाएगा.
***हैजे के कारण उल्टी, दस्त हो रहा हो तो अमरुद के पत्तों का काढा बहुत तेज फ़ायदा करेगा.
***दांतों में दर्द हो रहा हो तो अमरुद के पत्ते चबाएं.
***बच्चो को अगर बहुत दिनों से दस्त या पतली टट्टी की शिकायत है तो अमरुद की बीस ग्राम जड़ को दो सौ ग्राम पानी में उबालिए जब आधा से भी थोड़ा कम पानी बचे तो उतार लीजिये और छान लीजिये. एक-एक चम्मच सुबह दोपहर शाम को पिलायें . बीमारी ख़त्म.
*** आप कब्ज से परेशान हों तो शाम को चार बजे कम से कम २०० ग्राम अमरुद नमक लगाकर खा जाया करें, फायदा अगली सुबह से ही नज़र आने लगेगा. १० दिन तो खा ही लीजिये फिर जब तक मन करे तब तक खाएं.
*** ये अमरूद हृदय को मजबूत करता है, दिमाग को भी शक्ति देता है और पाचन शक्ति दुरुस्त करता है. मीठा अमरुद पेचिश में भी फायदा पहुंचता है .अगर भोजन के बाद एक अमरुद खाया जाए तो भोजन में मौजूद सारे तत्व आसानी से पाच जाते हैं अर्थात खाना शरीर में लगता है. इसको खाने से मन प्रसन्न रहता है.यह भूख को भी बढाता है.
*** अगर आँखों में सूजन आ गयी हो तो इसके फूलों को मसल कर लेप कर दीजिये. सूजन ख़त्म भी होगी आँखों की रोशनी भी तेज होगी.
*** अमरुद को पतला पतला काटिए अब उस पर काली मिर्च का पावडर ,नमक ,थोड़ी चीनी और नीम्बू डालिए. कुछ देर ढक के रख दीजिये .फिर चाव से खाइए. मुझे अमरुद खाने का ये तरीका ज्यादा पौष्टिक लगता है.
चाहे जो कहिये इस अमरुद का जवाब नहीं .
इन आलेखों में पूर्व विद्वानों द्वारा बताये गये ज्ञान को समेट कर आपके समक्ष सरल भाषा में प्रस्तुत करने का छोटा सा प्रयत्न मात्र है .औषध प्रयोग से पूर्व किसी मान्यताप्राप्त हकीम या वैद्य से सलाह लेना आपके हित में उचित होगा
इसे हिन्दी में जामफल भी कहते हैं.संस्कृत में पेरुकम, दृढबीजं, अरबी में कम्सुरा, मराठी में पेरू, बंगाली में पियारा, गुजराती में जामफड़े , तेलगू में गोइया, द्रविण में कोईया, कर्नाटक में शिवे, और वैज्ञानिक भाषा में सिडियम गुआबिया कहते हैं.
आयुर्वेद में अमरुद को मधुर, ग्राही, कफकारक, वातवर्धक, स्वादिष्ट, शीतल, तीक्ष्ण, भारी, त्रिदोष नाशक और साथ में भ्रम ,मूर्छा और शारीरिक जलन को नष्ट करने वाला माना गया है.
अमरुद में ल्यू कोसायनीदीन, क्वेरसेटिन, बीता सितो-स्तीराल, गुवाजेवरीन , लिमोनीन, पिनीन, निओसीन,विटामिन-बी ६,विटामिन-सी, कैदिनिन, सिट्रिक, रीबोफ्लेविन, एमिनो एसिड, स्टार्च, ग्लूकोज, फ्रक्टोज, सुक्रोज, टैनिन्स, थायमिन, कीरोटिन,आक्जेलिक, क्वीनिक, सक्सीनिक, मलिक, तार्तेरिक एसिड, फार्नेसिं, करक्यूमिन, सिनामिक, रहामनोज जैसे तत्वों की भरमार होती है.
अमरुद तो अमरुद इसके पत्ते, पेड़ की छाल, जड़ भी दवाओं का काम करते हैं-
***अगर पेट में दर्द हो या बदहजमी की स्किकायत हो तो इसके कोमल पत्ते पीस कर रस निकालिए और ३०- ३५ ग्राम पिला दीजिये.
***मुंह में कोई घाव हो या मसूड़ों से खून आता हो तो अमरुद के पत्तों का काढा बनाकर उसे ५-५ मिनट मुंह में रख कर कुल्ला कीजिए.
*** बहुत दस्त हो रहे हो तो पत्तों का काढा २५-२५ ग्राम २-३ बार पिला दीजिये.
***अगर किसी को भांग का नशा चढ़ गया हो तो अमरुद खिला दीजिये ,नशा उतर जाएगा.
***हैजे के कारण उल्टी, दस्त हो रहा हो तो अमरुद के पत्तों का काढा बहुत तेज फ़ायदा करेगा.
***दांतों में दर्द हो रहा हो तो अमरुद के पत्ते चबाएं.
***बच्चो को अगर बहुत दिनों से दस्त या पतली टट्टी की शिकायत है तो अमरुद की बीस ग्राम जड़ को दो सौ ग्राम पानी में उबालिए जब आधा से भी थोड़ा कम पानी बचे तो उतार लीजिये और छान लीजिये. एक-एक चम्मच सुबह दोपहर शाम को पिलायें . बीमारी ख़त्म.
*** आप कब्ज से परेशान हों तो शाम को चार बजे कम से कम २०० ग्राम अमरुद नमक लगाकर खा जाया करें, फायदा अगली सुबह से ही नज़र आने लगेगा. १० दिन तो खा ही लीजिये फिर जब तक मन करे तब तक खाएं.
*** ये अमरूद हृदय को मजबूत करता है, दिमाग को भी शक्ति देता है और पाचन शक्ति दुरुस्त करता है. मीठा अमरुद पेचिश में भी फायदा पहुंचता है .अगर भोजन के बाद एक अमरुद खाया जाए तो भोजन में मौजूद सारे तत्व आसानी से पाच जाते हैं अर्थात खाना शरीर में लगता है. इसको खाने से मन प्रसन्न रहता है.यह भूख को भी बढाता है.
*** अगर आँखों में सूजन आ गयी हो तो इसके फूलों को मसल कर लेप कर दीजिये. सूजन ख़त्म भी होगी आँखों की रोशनी भी तेज होगी.
*** अमरुद को पतला पतला काटिए अब उस पर काली मिर्च का पावडर ,नमक ,थोड़ी चीनी और नीम्बू डालिए. कुछ देर ढक के रख दीजिये .फिर चाव से खाइए. मुझे अमरुद खाने का ये तरीका ज्यादा पौष्टिक लगता है.
चाहे जो कहिये इस अमरुद का जवाब नहीं .
इन आलेखों में पूर्व विद्वानों द्वारा बताये गये ज्ञान को समेट कर आपके समक्ष सरल भाषा में प्रस्तुत करने का छोटा सा प्रयत्न मात्र है .औषध प्रयोग से पूर्व किसी मान्यताप्राप्त हकीम या वैद्य से सलाह लेना आपके हित में उचित होगा
25 टिप्पणियां:
तब तो बहुत काम का है अमरूद।
हमारा तो अमरुद खाने में अवरोध था कि यह पोषक गुणो वाला नहीं है। किन्तु आपने जो स्वास्थ्यकर लाभ बताए तो अमरुद अब अवरुद्ध न रहा।
बहुत बढ़िया जानकारी .
आज ही बाज़ार जाना पड़ेगा, बहुत अच्छी जानकारी, धन्यवाद!
एक फल के रुप में तो यह प्रिय रहा ही है । आपने इसके बहुत से औषधिय लाभों से भी परिचित करवा दिया । आभार...
isiliye to jab bhi mil gaya, kha leta hun....क्या स्वप्न भी सच्चे होतें है ?...भाग-५.,यह महानायक अमिताभ बच्चन के जुबानी.
अमरूद के लाभ क्या हैं?
अमरूद खाओ, खुद जान जाओ।
मेरा तो दिल ललचा रह हे इन अमरुदो को देख कर... पता नही कब से दर्शन नही हुये इन के...
बहुत बढ़िया जानकारी
अंग्रेजों ने सेब को ज्यादा महत्व दिया, इसलिये 'An apple a day keeps the doctor away' कहावत का जन्म हुआ। लेकिन भारतीय परिवेष में अमरूद न ही केवल बेहतर फल है पर सस्ता भी।
बाकई अमरूद का जबाब नहीं ।
बाकई अमरूद का जबाब नहीं ।
अलका जी,
आपका ब्लॉग तो स्वास्थ के खज़ाने से भरा हुआ है!
अमरुद के बारे में इतनी जानकारी भरी पोस्ट पढ़ कर अच्छा लगा!
इस जानकारी के लिए आपका आभार।
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ज्योतिष,अंकविद्या,हस्तरेख,टोना-टोटका।
सांपों को दूध पिलाना पुण्य का काम है ?
किसी सब्जी या फल से hyper acidity का इलाज संभव हो तो बताइयेगा. अंग्रेजी दवा खाते खाते परेशान हो चुका हूँ.आपको फलों/सब्जियों के औषधीय गुणों का अच्छा ज्ञान है ऐसा मुझे आपकी पोस्टों से लगा.
मेरे ब्लॉग पर टिप्पणी के लिए आभार.
ye amrood bhi hai mast-mast...
अमरुद के फल के बारे में उम्दा जानकारी...... आभार
इस अमरूद का प्रयोग तो हम भी करते हैं कब्ज के लिए ...
बहुत उपयोगी पोस्ट हमेशा की तरह ...
Are Wah! Tab to waqayi is amrood ka jawab nahee!
अमरुद के बारे में इतनी साड़ी जानकारी! बेहद शिक्षाप्रद.
इस जानकारी के लिए आपका आभार।
हम तो आपके और आपकी बातों के मुरीद हो गए है| आपके पास् तो स्वास्थ्य का इतना बड़ा खजाना है कि उसमे में चाहे जितना लो वह कभी कम नहीं होता | आभार
amruad very like fruits
Bahut sunder jaankari..... Shukriya aapka
Bahut sunder jaankari..... Shukriya aapka
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