आयुर्वेद का अर्थ औषधि - विज्ञान नही है वरन आयुर्विज्ञान अर्थात '' जीवन-का-विज्ञान'' है

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शुक्रवार, 4 फ़रवरी 2011

सांप के ज़हर का तोड़

अपराजिता बहुत सामान्य सा पौधा है इसके आकर्षक फूलों के कारण इसे लान की सजावट के तौर पर भी लगाया जाता है. इसकी लताएँ होती हैं.ये इकहरे फूलों वाली बेल भी होती है और दुहरे फूलों वाली भी.फूल भी दो तरह के होते हैं -नीले और सफ़ेद


आप लोग अपने घरों में सफ़ेद फूलों वाली अपराजिता ही लगाएं 
क्योंकि यही सांप के ज़हर की दुश्मन है.


अगर सांप के विष का असर चमड़ी के अन्दर तक हो गया हो तो अपराजिता की जड़ का पावडर घी के साथ मिला कर खिला दीजिये.१२ ग्राम की मात्रा में.
सांप का ज़हर खून में घुस गया हो तो जड़ का पावडर दूध में मिला कर पिला दीजिये - १२ ग्राम 
सांप का जहर मांस में फ़ैल गया हो तो कूठ का पावडर और अपराजिता का पावडर १२-१२ ग्राम मिला कर पिला दीजिये.
अगर इस जहर की पहुँच हड्डियों तक हो गयी हो तो हल्दी का पावडर और अपराजिता का पावडर मिलाकर दे दीजिये .दोनों एक एक तोला हों 
अगर चर्बी में विष फ़ैल गया है तो अपराजिता के साथ अश्वगंधा का पावडर मिला कर दीजिये
और सांप के जहर ने वीर्य तक को प्रभावित कर डाला हो तो अपराजिता की   जड़ का १२ ग्राम पावडर ईसरमूल कंद के १२ ग्राम पावडर के साथ दे दीजिये.
इन सबका दो बार प्रयोग करना काफी होगा.
लेकिन सांप के विष की पहुँच कहाँ तक हो गयी है ये बात कोई बहुत जानकार व्यक्ति ही आपको बता पायेगा.
मेडिकल साइंस तो कहता है कि ज़हर की गति सांप की जाति पर निर्भर करती है लेकिन वे सांप जिन्हें जहरीला नहीं माना जाता जैसे पानी वाले सांप उनका जहर वीर्य तक पहुँचने में ५ दिन का समय ले लेता है और आने वाली संतान को प्रभावित करता है अतः सांप के ज़हर का निवारण जरूर कर लेना चाहिए.




इन आलेखों में पूर्व विद्वानों द्वारा बताये गये ज्ञान को समेट कर आपके समक्ष सरल भाषा में प्रस्तुत करने का छोटा सा प्रयत्न मात्र है .औषध प्रयोग से पूर्व किसी मान्यताप्राप्त हकीम या वैद्य से सलाह लेना आपके हित में उचित होगा

23 टिप्‍पणियां:

कविता रावत ने कहा…

....अपराजिता के फूल के चित्र सहित आपने सांप के काटे जाने पर विष परिमार्जन हेतु आपने बहुत अच्छी तरह बहुत उपयोगी जानकारी प्रस्तुत की है. .. अक्सर जानकारी के अभाव में कई तुरंत कुछ नहीं सूझ पाता है ऐसे मौको पर आपके बताई औषधि कारगर होगी, इससे अच्छी बात क्या हो सकती है..... ऊपयोगी जानकारी हेतु आपका बहुत बहुत आभार

Vinashaay sharma ने कहा…

सहमत हूं कविता रावत जी से ।

G.N.SHAW ने कहा…

AAP NE BAHUT HI SUNDAR JANKARI DI HAI....LEKIN BHAAGAWAN IS TARAH KE DURGHATANA KE SHIKAR HONE SE , SABHI KO BACHAYE.
आप-बीती-०६ माँ की ममता और दुलारा सर्प.

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

बहुत अच्छी जानकारी मिली, आभार।

Akhilesh pal blog ने कहा…

bahoot gun hai aparajita me achhi jaankaari ke liye danyavaad alka ji

Sushil Bakliwal ने कहा…

उपयोगी जानकारी के लिये आभार...

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत सुंदर जानकारी , आप ने यह नही लिखा कि इन चीजो को कितनी देर मे दे सकते हे, क्योकि सांप के काटने पर सभी घबरा जाते हे, ओर फ़िर यह समान बनाने मे देर लगेगी, कुछ समान बाजार से लाना पडेगा, फ़िर उसे बनाना पडेगा, तो कृप्या कोई सीमा भी लिखे कि हम कितने समय के अंदर अंदर यह दवा दे सकते हे, क्या कोबरा या ओर कोई बहुत जहरीला सांप काटे तो भी यह दवा काम करेगी?

Arvind Jangid ने कहा…

Very Useful Information, Thanks !

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

लेकिन सौ बातों की एक बात यह कि पता कैसे चलेगा जहर कहां तक पहुंचा है।

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ध्‍यान का विज्ञान।
मधुबाला के सौन्‍दर्य को निरखने का अवसर।

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

बहुत अच्छी और काम की जानकारी..... बहुत धन्यवाद

alka mishra ने कहा…

आदरणीय राज भाटिया जी,
आपने अच्छा प्रश्न उठाया है. वैसे भी ये दवाएं जितनी जल्दी अर्थात सांप के काटने के आधे घंटे से लेकर ५ घंटे तक तो आसानी से दी जा सकती हैं. ये दवा बेहद जहरीले नागों के ज़हर पर भी असर करती है. शर्त सिर्फ ये है कि मरीज होश में रहे, उसे सोने न दिया जाये. कभी कभी या अक्सर एलोपैथिक चिकित्सा तुरंत असर तो कर जाती है किन्तु विष अगर शरीर के अंदरूनी हिस्सों तक चला गया है तो दुष्परिणाम कोढ़, दिमागी खराबी, हार्ट डीजीज, रीनल फेल्योर,नपुंसकता,आदि के रूप में साल दो साल बाद भी सामने आते हैं.

केवल राम ने कहा…

कितनी काम की है यह जानकारी ...आपका शुक्रिया

प्रेम सरोवर ने कहा…

अपराजिता के फूल के बारे में अच्छी जानकारी मिली।सांप के काटे जाने पर विष निकाले के लिए इसका उपयोग करना के बारे में एक अच्छी जानकारी मिली।धन्यवाद।

Patali-The-Village ने कहा…

ऊपयोगी जानकारी हेतु आपका बहुत बहुत आभार|

Gyan Darpan ने कहा…

badhiya jankari

pratibha mishra 8574825702 ने कहा…

aapke gyan ke samudr se ek bund aur pathakon ko milee bahut achcha

सुनील गज्जाणी ने कहा…

अपराजिता के फूल के बारे में अच्छी जानकारी मिली।सांप के काटे जाने पर विष निकाले के लिए इसका उपयोग करना के बारे में एक अच्छी जानकारी मिली।
धन्यवाद।

Kunwar Kusumesh ने कहा…

आपकी आयुर्वेद की जानकारी और उसके प्रति रुझान प्रणम्य है.
मैं अंग्रेजी दवाइयां मजबूरी में खाता हूँ.मुझे आपके ब्लॉग से लाभदायक जानकारी मिल जाती है.आभार.

जयकृष्ण राय तुषार ने कहा…

बहुत सुंदर जानकारियों से सुसज्जित ब्लॉग बधाई और शुभकामनाएं |

रमेश कुमार जैन उर्फ़ निर्भीक ने कहा…

शकुन्तला प्रेस कार्यालय के बाहर लगा एक फ्लेक्स बोर्ड देखे.......http://shakuntalapress.blogspot.com/2011/03/blog-post_14.html क्यों मैं "सिरफिरा" था, "सिरफिरा" हूँ और "सिरफिरा" रहूँगा! देखे.......... http://sach-ka-saamana.blogspot.com/2011/03/blog-post_14.html

आप सभी पाठकों और दोस्तों से हमारी विनम्र अनुरोध के साथ ही इच्छा हैं कि-अगर आपको समय मिले तो कृपया करके मेरे (http://sirfiraa.blogspot.com , http://rksirfiraa.blogspot.com , http://shakuntalapress.blogspot.com , http://mubarakbad.blogspot.com , http://aapkomubarakho.blogspot.com , http://aap-ki-shayari.blogspot.com , http://sachchadost.blogspot.com, http://sach-ka-saamana.blogspot.com , http://corruption-fighters.blogspot.com ) ब्लोगों का भी अवलोकन करें और अपने बहूमूल्य सुझाव व शिकायतें अवश्य भेजकर मेरा मार्गदर्शन करें. आप हमारी या हमारे ब्लोगों की आलोचनात्मक टिप्पणी करके हमारा मार्गदर्शन करें और अपने दोस्तों को भी करने के लिए कहे.हम आपकी आलोचनात्मक टिप्पणी का दिल की गहराईयों से स्वागत करने के साथ ही प्रकाशित करने का आपसे वादा करते हैं # निष्पक्ष, निडर, अपराध विरोधी व आजाद विचारधारा वाला प्रकाशक, मुद्रक, संपादक, स्वतंत्र पत्रकार, कवि व लेखक रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा" फ़ोन:9868262751, 9910350461

vedvyathit ने कहा…

bhut 2 sadhuvad manvta ki sewa me aap snlgn hai iishwr aap ko apni anukmpa prdan kren

Unknown ने कहा…

पीलिया मे भी काम करती है

Unknown ने कहा…

पीलिया मे भी काम करती है