आयुर्वेद का अर्थ औषधि - विज्ञान नही है वरन आयुर्विज्ञान अर्थात '' जीवन-का-विज्ञान'' है

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मंगलवार, 10 मई 2011

सुगर के लिए





मैं एक रामबाण दवा लिख रही हूँ- ये बीसों प्रकार के प्रमेह जिनमें मधुमेह को तीसरा स्थान प्राप्त है ,को नष्ट करने में सक्षम है-

पारा ,गंधक ,लोहभस्म ,मीठातेलिया ,दालचीनी ,ताम्र भस्म ,बंग भस्म ,और अभ्रक भस्म ये सभी १२ ग्राम तथा तेजपात ,सोंठ, क़ाली मिर्च ,पीपल ,नागरमोथा ,वायविडंग,नागकेसर ,रेणुका ,छोटी इलायची और पीपरामूल सभी २५ ग्राम लेकर चूर्ण बना लें तथा आपस में अच्छी तरह मिला लीजिये ,इन सबको गज पीपल के २००ग्राम काढ़े में मिलाकर चने के आकार की गोलियां बना लीजिये ,प्रतिदिन एक गोली का सेवन कीजिये 


परहेज किसी चीज का नहीं है
बनाना भी सरल है 









इन आलेखों में पूर्व विद्वानों द्वारा बताये गये ज्ञान को समेट कर आपके समक्ष सरल भाषा में प्रस्तुत करने का छोटा सा प्रयत्न मात्र है .औषध प्रयोग से पूर्व किसी मान्यताप्राप्त हकीम या वैद्य से सलाह लेना आपके हित में उचित होगा

19 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

बहुत आभार।

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

सुगर के रोगियों को बताउंगा..

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

अच्छी जानकारी

राज भाटिय़ा ने कहा…

अच्छी जानकारी,धन्यवाद

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

उपयोगी जानकारी.... आभार

मनोज कुमार ने कहा…

उपयोगी जानकारी।

kshama ने कहा…

Phir khul gaya aapka pitara!
Mere simte lamhen blog pe zaroor padharen...kashm-kash me ek sawaal rakha hai...

दिगम्बर नासवा ने कहा…

बहुत उपयोगी जानकारी है ....

Gyan Darpan ने कहा…

गठिया के इलाज का नुस्खा बताएं, R/A 90 के आस पास हो गया है |

SANDEEP PANWAR ने कहा…

वाह, क्या वैध वाली बात कही है आपने,
आपकी इस कार्य के लिये, जितनी प्रशंसा की जाये कम है, धन्यवाद,

pratibha mishra 8574825702 ने कहा…

aapse hamesha upyogee jankaree miltee hai

मदन शर्मा ने कहा…

बहुत उपयोगी जानकारी है
आभार

मदन शर्मा ने कहा…

बहुत उपयोगी जानकारी है
आभार

एस एम् मासूम ने कहा…

पारा ? पारा कहां से लाया जाए और कितना इस्तेमाल किया जाए?

बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरना ने कहा…

पारा एक घातक विष है कृपया इसका प्रयोग न करें. आयुर्वेद में पारा का शोधन करने के पश्चात प्रयोग किया जाता है. मधुमेह की इस औषधि में पारा और गंधक के स्थान पर इनका शोधित रूप "कज्जली" के नाम से आयुर्वेदिक दवा की दुकानों पर मिल जाएगा. इसकी एक मात्रा १० से ३० मिलीग्राम तक होनी चाहिए इससे अधिक नहीं. कज्जली किसी अच्छी कंपनी की बनी हुयी ही खरीदें.

बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरना ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
बेनामी ने कहा…

meri 8 years old daughter ko tipe 1 suger hai pl koi jankari da.

parveen sharma

jahangeer ने कहा…

very nice advice thanks

Unknown ने कहा…

शुगर के लिए उपयोगी जानकारी है पर आप ने लिखा है की उपयोग के पहले वैद्य से परामर्श कर ले हम वैद्य कहाँ ढूढ़ें पारा और गंघक कैसे खरीदें। कोई बात पूछनी हो तो कृपया अपना मोबाइल नंबर या emailभी दें।