आयुर्वेद का अर्थ औषधि - विज्ञान नही है वरन आयुर्विज्ञान अर्थात '' जीवन-का-विज्ञान'' है

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मंगलवार, 29 नवंबर 2011

जायफल के गुण


ये जायफल का पेड़ है
इसके पत्ते हरे -पीले रंग के अंडाकार और चिकने होते हैं.फूल सफ़ेद रंग के घंटियों के आकार के होते हैं. जायफल का पेड़ सुन्दर और विशाल होता है. जायफल का रासायनिक संग्थ्हन बहुत टिपिकल है- इसके फल में जिरानियाल, यूजीनोल, सैफ्रोल, आइसोयूजिनोल, फैटिक एसिड, लोरिक एसिड, आलिक एसिड, लिनोलिल एसिड, स्टीयारिक एसिड, मियारीस्टिक एसिड,मिरीस्टिक एसिड, पामिटिक एसिड, उड़नशील तेल,स्थिर तेल आदि तत्व पाए जाते हैं.इसी कारण जायफल का एक ग्राम चूर्ण बड़ी तेज काम करता है.
यह एक जायफल अनेक बीमारियों की दवा है-
** सर में बहुत तेज दर्द हो रहा हो तो बस जायफल को पानी में घिस कर लगाएं.
** सर्दी के मौसम के दुष्प्रभाव से बचने के लिए जायफल को थोड़ा सा खुरचिये, चुटकी भर कतरन हो जाए तो उसे मुंह में रखकर चूसते रहिये.यह काम आप पूरे जाड़े भर एक या दो दिन के अंतराल पर करते रहिये.

** आपको किन्हीं कारणों से भूख न लग रही हो तो चुटकी भर जायफल की कतरन चूसिये इससे पाचक रसों की वृद्धि होगी और भूख बढ़ेगी ,भोजन भी अच्छे तरीके से पचेगा.
** दस्त आ रहे हों या पेट दर्द कर रहा हो तो जायफल को भून लीजिये और उसके चार हिस्से कर लीजिये एक हिस्सा मरीज को चूस कर खाने को कह दीजिये .सुबह शाम एक-एक हिस्सा खिलाएं.
** फालिज का प्रकोप जिन अंगों पर हो उन अंगों पर जायफल को पानी में घिस कर रोज लेप करना चाहिए ,दो माह तक ऐसा करने से अंगों में जान आ जाने की ८० % संभावना देखी गयी है.
** प्रसव के बाद अगर कमर दर्द नहीं ख़त्म हो रहा है तो जायफल पानी में घिस कर कमर पे सुबह शाम लगाएं ,एक सप्ताह में ही दर्द गायब हो जाएगा.
** पैरों में जाड़े में बिवाई खूब फटती है, ऐसे समय ये जायफल बड़ा काम आता है ,इसे  महीन पीस कर बीवाइयों में भर दीजिये.१२-१५ दिन में ही पैर भर जायेंगे.
** जायफल के चूर्ण को शहद के साथ खाने से ह्रदय मज़बूत होता है. पेट भी ठीक रहता है.
** अगर कान के पीछे कुछ ऎसी गांठ बन गयी हो जो छूने पर दर्द करती हो तो जायफल को पीस कर वहां लेप कीजिए जब तक गाठ ख़त्म न हो जाए, करते रहिये.
** अगर हैजे के रोगी को बार-बार प्यास लग रही है तो जायफल को पानी में घिस कर उसे पिला दीजिये.
** जी मिचलाने की बीमारी भी जायफल   को थोड़ा सा घिस कर पानी में मिला कर पीने से नष्ट हो जाती है.
** इसे थोडा सा घिस कर काजल की तरह आँख में लगाने से आँखों की ज्योति बढ़ जाती है.और आँख की खुजली और धुंधलापन ख़त्म हो जाता है.
** यह शरीर की स्वाभाविक गरमी की रक्षा करता है ,इसलिए ठंड के मौसम में इसे जरूर प्रयोग करना चाहिए.
** यह कामेन्द्रिय की शक्ति भी बढाता है.
** जायफल आवाज में सम्मोहन भी पैदा करता है.
** जायफल और काली मिर्च और लाल चन्दन को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर चेहरे पर लगाने से चेहरे की चमक बढ़ती है,मुहांसे ख़त्म होते हैं.
** किसी को अगर बार-बार पेशाब जाना पड़ता है तो उसे जायफल और सफ़ेद मूसली २-२ ग्राम की मात्र में मिलाकर पानी से निगलवा दीजिये ,दिन में एक बार ,खाली पेट, १० दिन लगातार.
** बच्चों को सर्दी-जुकाम हो जाए तो जायफल का चूर्ण और सोंठ का चूर्ण बराबर मात्रा में लीजिये फिर ३ चुटकी इस मिश्रण को गाय के घी में मिलाकर बच्चे को कहता दीजिये. सुबह शाम चटायें. 


जायफल के नाम 
इसे भिन्न -भिन्न भाषाओं में भिन्न-भिन्न नामों से पुकारा जाता है.- बंगाली और गुजराती में जायफल , कन्नड़ और तेलगू में-जजिकाया,जादिफल, तमिल में- आदि परभम, कोसम, सालुगमे, सीलों में-सादिकई ,कन्नर में जाजी, फारसी में- जोजबोय, अरबी में- जोजउल्तिब, जवावा, संस्कृत में- जातिफल, जातिशा, सगा,कोशा, मधुशोंदा, माल्तीफला, राज्बोग्या, शालुका और वैज्ञानिक भाषा में-Myristica fragrans 




    इन आलेखों में पूर्व विद्वानों द्वारा बताये गये ज्ञान को समेट कर आपके समक्ष सरल भाषा में प्रस्तुत करने का छोटा सा प्रयत्न मात्र है .औषध प्रयोग से पूर्व किसी मान्यताप्राप्त हकीम या वैद्य से सलाह लेना आपके हित में उचित होगा

7 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

बहुत ही उपयोगी जानकारी।

Sunil Kumar ने कहा…

kaam ki bat fayde ka souda abhar

kshama ने कहा…

Sab note kar liya.Bade kaam kee jaankaaree hotee hai hamesha.

Pallavi saxena ने कहा…

bahut upyogi jaankaari ....

Shikha Kaushik ने कहा…

bahut achchhi jankari pradan ki hai aapne .aabhar

अनामिका की सदायें ...... ने कहा…

shukriya is upyogi jankari k liye.

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

मकर संक्रांति की हार्दिक शुभ कामनाएँ।
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आज 15/01/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!