कलौंजी का पौधा सौंफ के पौधे की तरह होता है इसके फूल हलके नीले रंग के होते हैं.कलौंजी के दाने तिकोने और काले रंग के होते हैं.ये बहुत सुगन्धित भी होते हैं.ये बहुत ताकतवर होते हैं.
कलौंजी के बीजों में मैलेंथीन,मैलेंथेजैनिंन ,एल्ब्यूमीन, शर्करा, गोंद, टैनिन, ग्लूकोसाइड, राल, स्थिर तेल, उड़नशील तेल जैसे तत्व विराजमान हैं.
इसे हिन्दी में मंगरैल ,फारसी में स्याह्दाना, अरबी में- हब्बतुस्सोदा, बंगाली में काली जीर, गुजराती मराठी आदि अनेक भाषाओं में कलौंजी ,संस्कृत में स्थूल्जीरक, बहुगंधा, अंग्रेजी में- Black curmin तथा वैज्ञानिक भाषा में Nigella sativa कहते हैं.
** अपच या पेट दर्द में आप कलौंजी का काढा बनाइये फिर उसमे काला नमक मिलाकर सुबह शाम पीजिये.दो दिन में ही आराम देखिये.
** मसाने और गुर्दे में पथरी हो तो कलौंजी को पीस कर पानी में मिलाइए फिर उसमे शहद मिलाकर पीजिये ,१०-११ दिन प्रयोग करके टेस्ट करा लीजिये.कम न हुई हो तो फिर १०-११ दिन पीजिये.
** कलौंजी की राख को तेल में मिलाकर गंजे अपने सर पर मालिश करें कुछ दिनों में नए बाल पैदा होने लगेंगे.इस प्रयोग में धैर्य महत्वपूर्ण है.
** अगर गर्भवती के पेट में बच्चा मर गया है तो उसे कलौंजी उबाल कर पिला दीजिये ,बच्चा निकल जायेगा.और गर्भाशय भी साफ़ हो जाएगा.
** किसी को बार-बार हिचकी आ रही हो तो कलौंजी के चुटकी भर पावडर को ज़रा से शहद में मिलकर चटा दीजिये.
** अगर किसी को पागल कुत्ते ने काट लिया हो तो आधा चम्मच से थोडा कम बल्कि तीन ग्राम कलौंजी को पानी में पीस कर पिला दीजिये.बस ३-४ बार एक दिन में एक ही बार
** जुकाम परेशान कर रहा हो तो इसके बीजों को गरम कीजिए ,मलमल के कपडे में बांधिए और सूघते रहिये. दो दिन में ही जुकाम और सर दर्द दोनों गायब .
** कलौंजी की राख को पानी से निगलने से बवासीर में बहुत लाभ होता है.
** कलौंजी का उपयोग चरम रोग की दवा बनाने में भी होता है.
** कलौंजी को पीस कर सिरके में मिलकर पेस्ट बनाए और मस्सों पर लगा लीजिये.मस्से कट जायेंगे.
** मुंहासे दूर करने के लिए कलौंजी और सिरके का पेस्ट रात में मुंह पर लगा कर सो जाएँ.
** कलौंजी का पावडर शहद में मिला कर काटे हुए स्थान पर लगाने से बंदर का जहर ख़त्म हो जाएगा
** जब सर्दी के मौसम में सर दर्द सताए तो कलौंजी और जीरे की चटनी पीसिये और मस्तक पर लेप कर लीजिये.
** घर में कुछ ज्यादा ही कीड़े-मकोड़े निकल रहे हों तो कलौंजी के बीजों का धुँआ कर दीजिये.
इन आलेखों में पूर्व विद्वानों द्वारा बताये गये ज्ञान को समेट कर आपके समक्ष सरल भाषा में प्रस्तुत करने का छोटा सा प्रयत्न मात्र है .औषध प्रयोग से पूर्व किसी मान्यताप्राप्त हकीम या वैद्य से सलाह लेना आपके हित में उचित होगा
14 टिप्पणियां:
bahut acchhi jankari di. aabhar.
कलौंजी का नाम सुनते ही भरवां बैंगनों का स्वाद मुँह में तैरने लगा। लेकिन स्वाद के साथ ही स्वास्थ्य से जुड़ी कलौंजी की उपयोगिता भी बताई आपने। अच्छा लगा।
very useful tips .thanks a lot .
कलौंजी का नाम खूब सुना है उसे देखा और खाया भी है लेकिन कलौंजी में इतने गुण होते हैं ये आज पता चला....सुनते हैं के कलौंजी प्याज़ के बीज होते हैं...सच है या झूट ये हमें नहीं मालूम...आपका ब्लॉग तो ज्ञान का भण्डार है...अद्भुत
नीरज
बढ़िया और उपयोगी जानकारी
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खाई तो है कलोंक्जी .. आज गुण भी पता चल गए ...
कल 09/12/2011को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
bahut hi shaandaar aur jaankaari vardhak post...abhaar...
बहुत ही अच्छी जानकारी ।
बहुत ही उपयोगी जानकारी
स्पैम से आपकी टिप्पणी निकाली तब जाकर जानपाए इतना कुछ।
एच.आई.वी.
मिस्र के वैज्ञानिक डॉ. अहमद अल-कागी ने कलौंजी पर अमेरीका जाकर बहुत शोध कार्य किया, कलौंजी के इतिहास को जानने के लिए उन्होंने इस्लाम के सारे ग्रंथों का अध्ययन किया। उन्होंने माना कि कलौंजी, जो मौत के सिवा हर मर्ज को ठीक करती है, का बीमारियों से लड़ने के लिए अल्ला ताला द्वारा हमें दी गई प्रति रक्षा प्रणाली से गहरा नाता होना चाहिये। उन्होंने एड्स के रोगियों पर इस बीज और हमारी प्रति रक्षा प्रणाली के संबन्धों का अध्ययन करने के लिए प्रयोग किये। उन्होंने सिद्ध किया कि एड्स के रोगी को नियमित कलौंजी, लहसुन और शहद के केप्स्यूल (जिन्हें वे कोनीगार कहते थे) देने से शरीर की रक्षा करने वाली टी-4 और टी-8 लिंफेटिक कोशिकाओं की संख्या में आश्चर्यजनक रूप से वृध्दि होती है। अमेरीकी संस्थाओं ने उन्हें सीमित मात्रा में यह दवा बनाने की अनुमति दे दी थी।
Kalonji ki rakh kse banate hai ?
Kalonji ki rakh kse banate hai ?
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