आयुर्वेद का अर्थ औषधि - विज्ञान नही है वरन आयुर्विज्ञान अर्थात '' जीवन-का-विज्ञान'' है

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सोमवार, 30 अप्रैल 2012

कई सारे रोगों की दवा भी है पोदीना



  ये पोदीना है .इसे तो देखते ही ठंडक दिल में उतर जाती है .इसका वैज्ञानिक नाम है Mentha spicata .इसे मिंट भी कहते हैं.पोदीने की चटनी खानी हो या पुदीने का शरबत पीना हो बस जी मचल जाता है . इस पोदीने पर एक बड़ी प्रसिद्द कहावत भी है कि "अरे वो तो बावन बीघा पोदीना बोते हैं ". पहले शहरों में और अब तो सिर्फ गाँव में नल के पास ही जहां पानी एकत्र होता रहता था वहाँ पोदीने की एक डाल जमीन में गाड़ दी जाती थी और फिर उसे भूल जाते थे . वही एक डाल साल भर पूरे घर को ही नहीं मोहल्ले वालों को भी पोदीने की चटनी खिलाती थी .ये पौधा पानी या कीचड़ में ही फलता फूलता है.अब शहरों में तो आँगन होते ही नहीं और नल , वो  तो  आजकल की पीढी के बच्चे चलाना भी नहीं जानते होंगे. तो पोदीना बस बाज़ार में ही मिलता है. लेकिन ये पोदीना है बड़े काम की चीज ,कई सारे रोग आप इससे दूर भी कर सकते हैं.आइये आज अपनी जानकारियाँ मैं आपसे भी बाँट लूं-----
--सर दर्द  में आप पोदीना पीस कर माथे पर लेप कर लीजिये.
--जुकाम में पोदीने की पत्ती को हथेली में मसलिये और उसे बार बार सूंघिए.
--हिस्टीरिया का चक्कर आ रहा हो तो चार चम्मच पोदीने के रस को हल्का सा गरम करके ७ दिन तक पीते रहिये ,दिन में एक बार.
--किसी जहरीले कीड़े ने काट लिया हो तो २५ ग्राम पोदीने की चटनी में मिश्री मिला कर खिला दीजिये और काटे हुए स्थान पर पोदीना  पीस कर लेप कर दीजिये
--अगर मोटापा कम करना चाहते हैं तो जितनी बार भी चाय पीनी हो उसमे १० पत्तियां पोदीने की जरूर डाल लीजिये.आपको दो महीने में ही अंतर दिखाई देगा. अगर महिलाओं को मासिक धर्म में अनियमितता की शिकायत है तो इस चाय से वह भी दूर हो जायेगी. 
--चेहरे में या पैर के तलुओं में जलन हो रही है तो पोदीना पीस कर लेप कीजिए .चेहरे की जलन भी मिटेगी और सौन्दर्य भी बढेगा .
--गरमी में अगर जुकाम खांसी बुखार एक साथ हो जाए अर्थात लू लग जाए तो यही पोदीना नवजीवन देता है. २०-२५ पत्ते पोदीना के और ५-७ दाने काली मिर्च और सेंधा नमक मिलाकर एक गिलास पानी में उबालिए ,जब आधा पानी बचे तो छान लीजिये और थोड़ा ठंडा करके पी जाएँ , दिन में दो बार यह काम कीजिए .दो ही दिन में आप बिलकुल स्वस्थ महसूस करेंगे खुद को. 
 --दाद ,खाज ,खुजली या एक्जीमा हो तो २ चम्मच पोदीने की चटनी में आधा चम्मच नीबू का रस मिला कर रख लीजिये और प्रभावित स्थान पर रोज लगा कर सो जाएँ
--अगर पेट में कीड़े हो गये हैं तो २५ ग्राम पोदीना और १५ दाने काली मिर्च एक साथ पीसिए और एक गिलास पानी में इसे मिलाकर बिना चीनी नमक डाले पी जाइए ,५ दिन खाली पेट इसे पिए.
--अगर किसी को कैंसर हो गया है तो उसे रोज ५० ग्राम दही में २० ग्राम पोदीने की चटनी मिला कर खिलाइए .
--आँखों के नीचे काले घेरे हो गये हैं तो पोदीना पीस कर वहां लेप कर दीजिये ,आधे घंटे तक लगा रहने दीजिये फिर धो लीजिये.२१ दिनों तक इसे करके देखिये.
--आपका खूबसूरत चेहरा मुंहासों से खराब हो गया है तो पोदीने की शरण में जाए ,कुछ उसी तरह कि त्वमेव माता च पिता त्वमेव ,और पोदीने की चटनी पीसिये उसमे आधा नीबू काट कर निचोड़िए और अपने चेहरे पर लेप कर लीजिये ,२०-२१ दिनों में ही मुहांसे गायब .
-- आपको भूख न लग रही हो तो कच्चे आम और पोदीने की चटनी से रोटियाँ खाएं ,नमक जरूर मिलाएं .कुछ ही दिनों में भूख खुल के लगने लगेगी.
-- अगर मुंह से बदबू आ रही है तो पोदीने के काढ़े से गरारे कीजिए .
-- गला बैठ गया है या खराश हो गयी है या गला दर्द कर रहा है तो पोदीना का काढ़ा नमक मिलाकर बनाए और उससे गरारे कीजिए .१२ घंटे में ही आराम महसूस होगा.
--दांतों में दर्द हो तो पोदीने की पत्ती चबाये और मुंह में दर्द वाले दांत के पास रोके रखे  १५ मिनट में दर्द गायब
 यह पोदीने का फूल है ,इसी से पिपरमिंट बनता है, दुखने वाले दांत में आप पिपरमिंट भी लगा सकते हैं .
--गुदा द्वार में खुजली हो रही हो तो नारियल के तेल में पिपरमिंट मिलाकर लगा दीजिये ,यह रोग छोटे बच्चों को बहुत परेशान करता है और अक्सर बच्चे रोते भी रहते हैं.
-- नाक से खून गिर रहा हो तो दोनों नाक में पोदीने के रस की २-३ बूंदे डाल लीजिये.यह रोग गरमी में बहुत होता है जिसका कारण लू लगना भी होता है.
-- उलटी दस्त में तो पुदीन हरा राम बाण की तरह काम करता है .पुदीनहरा न हो तो पोदीना पीस कर भी पिलाया जा सकता है ,मीठा शरबत ज्यादा फायदा करेगा.
पोदीने में कैलोरी ,प्रोटीन, पोटेशियम, थायमिन, कैल्शियम, नियोसीन, रिबोफ्लेविन, आयरन, विटामिन-ए,बी ,सी डी और इ, मेन्थाल, टैनिन आदि रासायनिक घटक पाए जाते हैं.
अब बोयेंगे न आप भी बावन बीघा पोदीना............. 
 
 
इन आलेखों में पूर्व विद्वानों द्वारा बताये गये ज्ञान को समेट कर आपके समक्ष सरल भाषा में प्रस्तुत करने का छोटा सा प्रयत्न मात्र है .औषध प्रयोग से पूर्व किसी मान्यताप्राप्त हकीम या वैद्य से सलाह लेना आपके हित में उचित होगा

7 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

पुदीना अब तो भोजन का आवश्यक अंग बन चुका है।

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत उपयोगी जानकारी...

जयकृष्ण राय तुषार ने कहा…

अलका जी उम्दा जानकारी देने हेतु आभार |

Madhuresh ने कहा…

हमेशा की तरह, बहुत ही उपयोगी आलेख,
सादर

सदा ने कहा…

बहुत ही उपयोगी एवं ज्ञानवर्धक प्रस्‍तुति।

Asha Joglekar ने कहा…

पुदीना तो बडे काम की चीज निकला थोडे बहुत उपयोग पेट के लिये वगैरा तो जानते थे पर एक्सपर्ट तो एक्सपर्ट ही है ।
खास कर चाय मे पोदीना डालने की बात बहुत अच्छी लगी ।

Asha Joglekar ने कहा…

पुदीना तो बडे काम की चीज निकला थोडे बहुत उपयोग पेट के लिये वगैरा तो जानते थे पर एक्सपर्ट तो एक्सपर्ट ही है ।
खास कर चाय मे पोदीना डालने की बात बहुत अच्छी लगी ।