आयुर्वेद का अर्थ औषधि - विज्ञान नही है वरन आयुर्विज्ञान अर्थात '' जीवन-का-विज्ञान'' है

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मंगलवार, 8 अक्तूबर 2013

काली मिर्च की जय हो



आपके घर में आम का पेड़ है ? यदि है तो उसके नीचे काली मिर्च के ४-५ पौधे बो दीजिए, इसकी बेल होती है जो आम की छाया में बहुत अच्छी पनपती है. काली मिर्च की बेल एक बार लग गयी तो बीसों साल तक आपको फल देती रहेगी .मैंने असम ,नागालैंड की सीमा पर कर्बी आंगलांग में चाय के बागानों के बीच काली मिर्च की बड़ी खूबसूरत बेलें देखीं हैं. वाकई ये बेले सौंदर्य भी बढाती हैं.घर का ही नहीं आपके शरीर का भी .

इसके फल हरे हरे होते हैं जो पक कर लाल हो जाते हैं और सूख कर काले हो जाते हैं.
                    

इसके फल में स्टीरायड, एल्केलायड ,फ्लेवोनाइड, टैनिन्स, पालीसैकेराइड, ग्लाइकोसाइड, सैपोनिन्स, पैपरीन आदि तत्व पाए जाते हैं.इसके अतिरिक्त इसमें कैल्शियम, आयरन, फास्पोरस, कैरोटीन, थायमीन रिबोफ्लोवीन, ४९ %कार्बोहाइड्रेट , ११ %प्रोटीन, ६%फैट, ४%मिनरल्स, फाइबर १५%और नमी भी १५% पाई जाती है .


शायद अपने इन्हीं तत्वों की वजह से काली मिर्च प्रोस्टेट कैंसर और पैन्क्रियाज कैंसर को रोकने मे कामयाब होती है ,यह सीधे कैंसर कोशिकाओं की द्विगुरण  की क्षमता पर वार करती है और उन्हें बढ़ने नहीं देती.


यह अनेक रोगों में बहुत काम आती है। यहाँ तक कि ऐसे रोग जो जानलेवा समझे जाते हैं, काली मिर्च को देखते ही भूत की तरह भाग जाते हैं। जैसे मलेरिया


आप मलेरिया हो जाने पर प्रत्येक एक घंटे पर एक ग्राम काली मिर्च का चूर्ण खाना शुरू कर दीजिए ,चाहे चीनी मिला कर खाएं चाहे शहद मिला कर या किसी फल पर डाल कर. देखिये २४ घंटे में ही बुखार कैसे पीछा छोडता है।


बहुत ही पुराना जुकाम हो तो गुड़ और ५० ग्राम दही में ५ ग्राम काली मिर्च का चूर्ण मिला कर खाइए। सुबह शाम दोनों समय ,अधिकतम ११ दिनों तक।


दांत में बेपनाह दर्द हो रहा हो तो काली मिर्च के चूर्ण  से काढा बनाइये और ज़रा गुनगुना रहे तभी मुंह में उस हिस्से में ३-४ मिनट रोकिये जिधर का दांत दर्द करता हो।


हिस्टीरिया की बीमारी में रोगी को खट्टे दही में १ ग्राम काली मिर्च और १ ही ग्राम बच का चूर्ण मिला कर खिलाएं, यह खाली पेट खिलाना है . दूसरे दिन २ ग्राम काली मिर्च और २ ग्राम बच ,तीसरे दिन ३-३ ग्राम. दही की मात्रा उतनी ही रहेगी .हर महीने में तीन दिन खिलाने से रोग जड़ से खत्म हो जाएगा .


रतौंधी हो तो दही में काली मिर्च के कुछ दाने महीन पीस कर काजल बना लीजिए और आँखों में लगा कर सो जाए, एक महीने तक काफी रहेगा .


अगर खांसी आये तो शहद में काली मिर्च मिला कर चाटना चाहिए ,यह दवा तो सभी लोग जानते हैं.लेकिन उसके साथ थोड़ा सा घी मिला कर चाटना चाहिए.शहद के साथ घी का योग जहर का काम करता है लेकिन तब जब बराबर मात्रा में हो.आप आधा चम्मच शहद ले रहे हैं तो १० बूंद घी ले लीजिए.


बुरी तरह दस्त हो रहे हों तो ३ चुटकी काली मिर्च का चूर्ण पानी से निगल लीजिए.


याददाश्त काम होने की बीमारी आज कल बहुत है. इसके लिए एक गिलास दूध में आधा चम्मच मिश्री और आधा चम्मच काली मिर्च का चूर्ण मिला कर पीजिए .लगातार पीते रहिये दो महीने में फर्क दिखाई देगा.


मुंह में छाले हो गए हों तो किशमिश  और काली मिर्च मिला कर चबाएं , जितने दाने काली मिर्च उतनी ही किशमिश.


पेट में कीड़े हों तो एक कप मठ्ठे में १० दाने काली मिर्च का चूर्ण डाल कर रात में सोते समय पीजिए.


आँखों की रोशनी कम होना भी एक समस्या है.लेकिन इसकी दवा बहुत कड़वी है १०० ग्राम काली मिर्च ,१०० ग्राम देसी घी और १०० ग्राम मिश्री मिला कर रख लीजिए .पीस कर मिलाना है. रोज सुबह शाम एक -एक चम्मच खाना है.कम से कम ३ महीने तक.  


चलिए आपको वीर्यवान बनने  का तरीका भी बता  देते हैं हम. अखबारों में छापने वाले तमाम विज्ञापनों पर भरोसा करने से अच्छा है कि आप एक गिलास दूध में १५ दाने काली मिर्च का चूर्ण डाल कर उबालिए फिर इस दूध को ठंडा करके पी जाए, चीनी मिलाना मना है.  


काली मिर्च को मराठी में मिरें, गुजराती में काली मिरी ,संस्कृत में मरीच, अंग्रेजी में Black pepper,तथा वैज्ञानिक भाषा में  Pipier nigrum कहते हैं 


हाइड्रोसील हो गया हो तो ५ ग्राम काली मिर्च और १० ग्राम जीरे का चूर्ण मिलाकर पेस्ट बनाए और इस पेस्ट को गरम कीजिए इस पेस्ट में इतना गरम पानी मिलाएं कि यह थोड़ा पतला घोल बन जाए.इस घोल को बढे हुए अंडकोषों पर लेप करके सो जाएँ ,तीन चार दिनों तक ऐसा करने से फायदा दिखाई देने लगेगा.


कील मुहांसे ,झुर्रियों का भी इलाज करती है ये काली मिर्च .इसे गुलाब जल में पीस कर पेस्ट बना लीजिए ,रात में चेहरे पर लगा कर सो जाएँ.सुबह गरम पानी से धो लें.


मोटापा दूर करना हो तो रोज १० से १५ दाने काली मिर्च चबा कर खाइए.कम से कम दो महीने तक.


तंत्रिका तंत्र के रोगियों को और हार्ट पेशेंट को अपने भोजन में ऊपर से २-३ चुटकी काली मिर्च डाल कर खाना चाहिए.नर्वस सिस्टम मजबूत होगा.हार्ट मजबूत होगा.


टी बी के मरीजो के लिए काली मिर्च एक सुरक्षा कवच का काम करती है रोज कम से कम २-२ ग्राम काली मिर्च का चूर्ण दोनों समय खाइए


कुष्ठ रोगी अगर काली मिर्च का सेवन करें तो शरीर गलना अर्थात त्वचा में संक्रमण बढ़ना बिलकुल रुक जाएगा.लंबे समय तक खाते रहें तो कोढ़ जड़ से भी खत्म हो सकता है इन्हें दिन भर में ७-८ ग्राम काली मिर्च का चूर्ण भोजन ,चाय या शरबत में ऊपर से मिला कर खा लेना चाहिए.


काली मिर्च एलर्जी की तो दुश्मन है अगर आपको किसी चीज से एलर्जी है तो आप प्रतिदिन २० दाने काली मिर्च के जरुर खाइए.इससे मस्तिष्क भी शांत रहेगा.शरीर में रक्त और आक्सीजन का प्रवाह भी निर्बाध गति से होगा.कोलेस्ट्राल नहीं बढ़ेगा.


हिचकी आ रही हो तो २ चुटकी काली मिर्च का चूर्ण गरम तवे पर भून कर उसको सूंघ लीजिए.


पित्ती उछल रही हो तो १० दाने का चूर्ण आधा चम्मच घी में मिला कर उस स्थान पर मालिश कीजिए.यह मिश्रण खा भी लीजिए.


काली मिर्च ,प्याज और सेंधा नमक की चटनी पीस कर अगर आप गंजे सिर पर लगाइए तो बाल उगने लगेंगे, तीन -चार महीने लगातार लेप करके सोना होगा और शैम्पू का प्रयोग बंद करना होगा.


शरीर में कहीं सूजन हो गयी हो तो काली मिर्च पीस कर लेप कीजिए.

                                                   




इन आलेखों में पूर्व विद्वानों द्वारा बताये गये ज्ञान को समेट कर आपके समक्ष सरल भाषा में प्रस्तुत करने का छोटा सा प्रयत्न मात्र है .औषध प्रयोग से पूर्व किसी मान्यताप्राप्त हकीम या वैद्य से सलाह लेना आपके हित में उचित होगा

4 टिप्‍पणियां:

दिगम्बर नासवा ने कहा…

एक मिर्च ओर इतने उपयोग ... ये तो संजीवनी जैसी है .. वैसे नुझे तो लाल की जगह इसका स्वाद भी ज्यादा अच्छा लगता है ...

Unknown ने कहा…

नमस्कार,
आप गहरी ऒर सवस्थ नींद की भी कोई दवाई पर लिखे
अग्रिम धन्यवाद
विष्णु क गुप्ता

Unknown ने कहा…

नमस्कार,
आप गहरी ऒर सवस्थ नींद की भी कोई दवाई पर लिखे
अग्रिम धन्यवाद
विष्णु क गुप्ता

जीन और इंसान ने कहा…

वह ऊपर वाले तेरी कुदरत
दुनिया मे तूने क्या क्या नेमत बनाई है