आयुर्वेद का अर्थ औषधि - विज्ञान नही है वरन आयुर्विज्ञान अर्थात '' जीवन-का-विज्ञान'' है

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मंगलवार, 20 मई 2014

नया शोध



सर में चोट लगने की वजह से ८०% लोगो की सूंघने की क्षमता  कम हो जाती है या ख़त्म हो जाती है ,४० % लोगो की स्वाद कलिकाएँ प्रभावित होती हैं ,५०% लोग याददाश्त कम हो जाने के शिकार होते हैं ,३५% लोगों की सुनने की क्षमता काम हो जाती है ,२% लोगों की बोलने की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है. 
इन समस्याओं से लोगो को मुक्ति दिलाने के लिए एक जड़ी पर शोध कर रही हूँ ,६०% कामयाबी मिल चुकी है किन्तु मुझे १००% सकारात्मक परिणाम चाहिए. देखिये अभी कितना समय और धन खर्च होता है। 
लेकिन बुजुर्गों से आशीर्वाद की अपेक्षा है और सभी से निवेदन है क़ि  मेरी सफलता के लिए ईश्वर से प्रार्थना कीजिए।  


5 टिप्‍पणियां:

आशीष अवस्थी ने कहा…

बढ़िया लाभप्रद जानकारी अल्का जी , इतनी बढ़िया उपलब्धि के लिए हम ईश्वर से ज़रूर प्रार्थना करेंगे जिससे हमारे देशवासियों को फायदा हो ! धन्यवाद !
I.A.S.I.H - ब्लॉग ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )

AFTAB KHAN ने कहा…

Aap kamyab ho

AFTAB KHAN ने कहा…

Aap kamyab ho

Manoj Sharma ने कहा…

ईश्वर से हृदय से कामना है कि आप सम्पूर्ण रूप से कामयाब हों ,आपके लेख मेल पर सीधे कैसे प्राप्त कर सकता हूँ कृपया बतायें ,[फीड बर्नर नहीं है आपके ब्लॉग पर ] ,
मेरा पता - manoj.shiva72@gmail.com ,

दिगम्बर नासवा ने कहा…

बहुत बहुत शुभकामनायें ... आप जल्दी ही सफल हों इस शोध कार्य में ...