आयुर्वेद का अर्थ औषधि - विज्ञान नही है वरन आयुर्विज्ञान अर्थात '' जीवन-का-विज्ञान'' है

फ़ॉलोअर

बुधवार, 13 अगस्त 2014

घर में बच्चे हैं तो अतीस जरूर होना चाहिए




अतीस एक ऎसी जड़ी बूटी  है जो हर उस घर में होनी चाहिए जहां १० साल तक के बच्चे हों।इसके पौधे ३ फिट तक ऊँचे होते हैं,सुन्दर फूल लगते हैं। इसे संस्कृत में अतिविषा या भंगुरा ,बंगाली में आतीच, तेलगू में अतिवस ,मराठी में अतिविस , मारवाड़ी में अतीस,पंजाबी में भी अतीस पर गुजराती में अतवस कहते हैं।
इसका वैज्ञानिक नाम है- Aconitum heterophyllum

इसके कांड में जिन रासायनिक तत्वों की पहचान हुई है उनके नाम हैं-  एकोनाइटिक एसिड ,टैनिक एसिड, पामितिक एसिड, स्टीयरिक ग्लीसराइड्स, ग्लूकोज, गोंद  और फैट।


यह बहुत सारे रोगों को ठीक करती है।जिनमे यह रोग प्रमुख हैं- पेट में कीड़े ,दस्त, बुखार, अरुचि, मंदाग्नि ,श्वास रोग, खांसी, यकृत  रोग,बवासीर, वमन, जहर का प्रभाव, न उतरने वाला बुखार, पाचन क्रिया, शरीर में दर्द, सूजन, आंव।

बुखार में- 
२ ग्राम अतीस का चूर्ण हर चार घंटे पर पानी से निगलवा दीजिये या शहद से चटा  दीजिये। 
या 
दो ग्राम अतीस का चूर्ण एक ग्राम छोटी इलायची का चूर्ण और एक ही ग्राम वंश लोचन के चूर्ण के साथ मिला कर दिन  में दो बार लीजिये। 


पेट में कीड़े -
अतीस और वायविडंग का चूर्ण बराबर मात्रा में मिलाएं और शहद मिला कर चाटें। 

बच्चों को-
बच्चों को कोई भी रोग हो खांसी ,बुखार,उलटी,दस्त, पेट में कीड़े , सांस चलना, भूख न लगना आदि सभी में आप केवल अतीस का चूर्ण शहद में मिलाकर दे सकते हैं। ५ साल तक के बच्चो को दो ग्राम उसके ऊपर दस साल तक के बच्चों को ३ या चार ग्राम चूर्ण काफी होगा। 
बच्चों की सच्ची दोस्त है ये जड़ी। बाज़ार में बच्चों के लिए जो भी आयुर्वेदिक टॉनिक उपलब्ध हैं ,सबमे अतीस जरूर होती है ,चाहे दांत निकलने के समय दी जाने वाली दवा हो या कोई जन्मघूंटी। 

शरीर में कफ वात और पित्त का अनुपात सही रखने के लिए सप्ताह में दो दिन ४-४ ग्राम अतीस का चूर्ण अवश्य पानी से निगल लिया कीजिए. 

बहुत कड़वी होती है ये जड़ी ,ये शरीर में किसी भी प्रकार का विष  हो तो उसको ख़त्म कर देती है। इसलीये संस्कृत में इसको अतिविषा के नाम से जानते हैं। 







इन आलेखों में पूर्व विद्वानों द्वारा बताये गये ज्ञान को समेट कर आपके समक्ष सरल भाषा में प्रस्तुत करने का छोटा सा प्रयत्न मात्र है .औषध प्रयोग से पूर्व किसी मान्यताप्राप्त हकीम या वैद्य से सलाह लेना आपके हित में उचित होगा

4 टिप्‍पणियां:

आशीष अवस्थी ने कहा…

बढ़िया व लाभप्रद जानकारी , अल्का जी धन्यवाद !
Information and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )

आशीष अवस्थी ने कहा…

आपकी इस रचना का लिंक दिनांकः 15 . 8 . 2014 दिन शुक्रवार को I.A.S.I.H पोस्ट्स न्यूज़ पर दिया गया है , कृपया पधारें धन्यवाद !

Unknown ने कहा…

सुन्दर बहुत बढ़िया

कविता रावत ने कहा…

बहुत बढ़िया उपयोगी स्वस्थ्य परक जानकारी के लिए आभार