आयुर्वेद का अर्थ औषधि - विज्ञान नही है वरन आयुर्विज्ञान अर्थात '' जीवन-का-विज्ञान'' है

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बुधवार, 21 सितंबर 2016

डेंगू, चिकनगुनिया

डेंगू और चिकनगुनिया से बचने के लिए चार चीजे जरूर घर में रखिये
कलौंजी गुड़ अजवाइन दालचीनी
साथ में आलू भी।
किसी को भी बुखार पैरासिटामॉल खाने से केवल 4 घंटे के लिए उतर रहा हो तो फ़ौरन मुझे फोन कीजिये। 9889478084, 8604992545
या निम्नलिखित तरीका अप्लाई कीजिये।
250 ग्राम कलौंजी को पीस लीजिये उसमें 250 या 300 ग्राम गुड़ मिला दीजिये।अगर लसलसा पन आ गया है तो सामान्य आकार का लड्डू बना लीजिये।मरीज को एक एक लड्डू सुबह दोपहर शाम खाना है कम से कम 4 दिन लगातार। 4 दिन बाद दिन में बस एक लड्डू खाना है।
यही एक लड्डू दिन में एक बार मरीज के बाक़ी घर के लोग खा लें तो उनको बुखार नहीं होगा।
एक चम्मच अजवाइन और एक चम्मच दालचीनी को 300 ग्राम पानी में 15 मिनट उबालना है इसमें भी गुड़ डालना है।अगर मिल जाएँ तो तुलसी के 20 या 25 पत्ते और 10 दाने काली मिर्च भी। यह काढ़ा छान कर आधा आधा दिन में 2 बार पीना है चाय की तरह।
मरीज के घर के लोग दिन में बस 1 बार पिएंगे।
बुखार उतरने के बाद मरीज को आलू कम से कम 250 ग्राम उबाल कर काट कर उसमें नमक निम्बू भुना जीरा काली मिर्च चाट मसाला आदि मिला कर खिलाएं।इस चाट में कोई तेल या लाल मिर्च नहीं डालनी।
अगर मिल जाए तो गिलोय का काढ़ा भी सुबह शाम पीयें।
ये सारे काम सिर्फ एक हफ्ते ही करने हैं।लीवर भी सही होगा।ताकत भी आएगी और बुखार का वायरस जड़ से ख़त्म हो जाएगा।चिकनगुनिया के बाद शरीर की हड्डियों में दर्द भी नहीं होगा न ही हड्डियाँ टेढ़ी होंगी।

2 टिप्‍पणियां:

रश्मि प्रभा... ने कहा…

bulletinofblog.blogspot.in/2016/09/5.html

Unknown ने कहा…

चिकनगुनिया एक संक्रमण

चिकनगुनिया एक संक्रमण है जो चिकनगुनिया वायरस के कारण होता है। बुखार और जोड़ों के दर्द इसके लक्षण में शामिल हैं। ये बीमारी आमतौर पर दो से बारह दिनों तक संक्रमण के बाद रहती है। अन्य लक्षणों में सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, संधियों में सूजन, और शरीर पर दाने शामिल हो सकते हैं। अधिकांश लोगों एक सप्ताह के भीतर इस बीमारी से आराम पा लेते हैं; हालांकि, कभी कभी जोड़ों के दर्द महीनों परेशान कर सकते हैं।