आजकल मदिरापान का फैशन चल निकला है जो बाद में लत बन कर जानलेवा भी साबित हो जाता है। बाजार में उपलब्ध मदिरा लीवर डेमेज करती है सभी जानते हैं लेकिन फिर भी पीते हैं।
रावण संहिता और रावण रचित अन्य आयुर्वेद की पुस्तकों में राजवारुणी , पशुमांस से निर्मित वारुणी मय, पक्षिमांस से निर्मित मय, औषधियों से निर्मित मय वारुणी का विशद वर्णन है।अगर आप सभी ने अपनी बेबाक प्रतिक्रिया दी तो मै औषधियों से निर्मित वारुणी जिसे राजवारुणी का दर्जा प्राप्त है उसके निर्माण की कोशिश कर सकती हूँ ।अन्य तरह की मय नहीं बना सकती क्योंकि मुझे लहसुन प्याज़ छुने से भी परहेज है जीव मांस तो दूर की बात है।
किन्तु इस वारुणी को गर्भवती मंदोदरी के लिए रावण ने निर्मित किया था यह शरीर को पुष्टि देती है और मन को अतीव प्रसन्नता प्रदान करती है।यह तीन महीने के समय में निर्मित होती है।
1 टिप्पणी:
राजवारुणी बनाने का प्रयास करें , प्रयास सफल हो तो अग्रीम भुगतान वाले लोगों को उपलब्ध कराये
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