आयुर्वेद का अर्थ औषधि - विज्ञान नही है वरन आयुर्विज्ञान अर्थात '' जीवन-का-विज्ञान'' है

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गुरुवार, 20 जून 2024

मै

अगर आपको भारत वर्ष की प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद पर थोड़ी सी भी आस्था है तो आप किसी भी बीमारी के आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट के लिए मुझसे बात कर सकते हैं.
यदि रोग पुराना है और आप कई वर्षो से विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों का सहारा ले रहे है तो कम से कम तीन महीने जड़ी बूटियाँ खा कर परिवर्तन देखिये.
मैं आपको अपने बारे मे  बता दूँ कि मै लखनऊ में रहती हूँ और पिछले 22 वर्षो से जड़ी बूटियों पर काम कर रही हूं. मेरे पूज्य बाबाजी स्व0 सीताराम मिश्र ने सन 1948 में वैद्य कि डिग्री हासिल कि थी. उनके साथ सिर्फ 6 लोगो को यह डिग्री मिली थी जिनमें गोरखपुर के वैद्य आत्माराम दूबे भी एक थे. इसलिए मेरे तो रक्त में ही आयुर्वेद है. मै साबूत और ताज़ी जड़ियों और मसालों की सहायता से औषधियों का मिश्रण तैयार करती हूँ जो क्लासिक भी होता है और यूनिक भी. मुझे प्राचीन ग्रंथो भैसज्य रत्नावली, चरक संहिता, सुश्रुत संहिता, अर्क प्रकाश, भाव प्रकाश जैसे सैकड़ो ग्रंथो पर भी विश्वास है और मै निरंतर इनका अध्ययन करती हूँ. शेष तो आप औषधि प्रयोग के बाद ही जान जायेंगे कि आयुर्वेद कैसे चमत्कार करता है. मेरा संपर्क नंबर निम्न है --
7518054158
9889478084

1 टिप्पणी:

बेनामी ने कहा…

मुझे कोरोना तो नहीं हुआ परन्तु तीनो इंजेक्शन लगवाने के 8-10 महिने बाद महसूस हुआ कि मुझे वादीवाला मस्सा हो गया है। कभी कभी 1-2 महीने के बाद एक दो दिन मल के साथ खून आकर बंद हो जाता है। मस्सा की साइज़ भी बड़ी हो रही है और शौच के समय दर्द होता है। मेरी आयु 60+ है। आयुर्वेदिक उपचार हो तो बताओ।