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रविवार, 28 जनवरी 2024
सर्दी और अजवाइन
शनिवार, 16 दिसंबर 2023
राजवारुणी
बुधवार, 25 जनवरी 2023
बुधवार, 28 सितंबर 2022
लिख लोढ़ा पढ़ पत्थर
सोमवार, 26 सितंबर 2022
सोमवार, 27 दिसंबर 2021
रविवार, 4 जुलाई 2021
5000 साल जी सकता है मानव
शुक्रवार, 18 जून 2021
छोटे नुस्खे
रविवार, 16 मई 2021
एपिलेप्सी
शुक्रवार, 26 मार्च 2021
आवश्यक ज्ञान
शुक्रवार, 12 फ़रवरी 2021
इन्हेलर
बुधवार, 6 मई 2020
पानी
मुझे नहीं ज्ञात कि आप मेरी बातों को कितनी गंभीरता से लेते हैं किंतु साधारण सी गलतियों का भारी दुष्परिणाम होता है ,ये सत्य है।
सोचिये बहुत छोटी सी बात है सभी ज्ञानीजन कहते भी हैं कि पानी ज्यादा पीएं।
आप ज्यादा पीने की कोशिश भी करते हैं और पीते भी हैं किंतु कोई लाभ नहीं होता।
कारण आज जान लीजिए--
आप एक बार में मुश्किल से 2 घूँट पानी पीते हैं ज्यादातर बोतल से। 2-2 घूँट की शक्ल में आप 4 से 5 लीटर पानी पी भी लेते हैं ।लेकिन ये पानी पीने का गलत तरीक़ा है।जब भी पानी पीना हो पूरा एक गिलास पानी पीएं अर्थात 200 ग्राम। तब शरीर में अच्छी रौनक दिखाई देगी।
खुद ही सोचिये अगर आपका भोजन 4 रोटी है, अभी आपने एक टुकड़ा रोटी खा ली।फिर आधे घण्टे बाद एक टुकड़ा खा ली तो पूरे दिन में आप 4 रोटी खा तो लेंगे लेकिन न पेट भरेगा न मन।बस यही हिसाब पानी का भी है।
आपके शरीर में पानी का निरंतर अभाव बना रहने से बी पी, सुगर, हार्ट और किडनी इफेक्टेड होती है।इसलिए इस छोटी सी बात को बहुत महंगी दवा समझें और कल से घूँट घूँट पानी पीना बन्द करें।
गुरुवार, 16 अप्रैल 2020
छोटे तीर
देवियों अगर आपको अनचाही अनजानी सी शारीरिक / मानसिक परेशानी महसूस हो रही हो तो सोते वक्त ईयर रिंग उतार दिया करें।
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यदि आपका रोग एक दिन पुराना है तो 7 घण्टे में औषधि असर करती है।एक महीना पुराना है तो 7 दिन बाद औषधि का असर दिखेगा।एक साल पुराना है तो 7 हफ्ते तक औषधि का प्रभाव होगा यदि कई वर्ष पुराना है तो उतने ही महीनों तक औषधि सेवन कीजिए।
पुराना होता हुआ रोग स्वरूप बदल कर कई अन्य बीमारियां भी उत्पन्न करता है और औषधियां सभी विकृतियों का नाश करके शरीर को साम्यावस्था में लाती हैं।
इसलिए औषधि सेवन धैर्य और आस्था से किया जाना चाहिए, तभी उत्तम प्रभाव देता है।
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सबकी सुरक्षा हो गयी आंख भूल गए।
सरसो के तेल की एक एक बून्द दोनों आंखों में डालिये थोड़ा लगेगा किन्तु बहुत लाभ मिलेंगे।
प्रतिदिन
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W H O जब किसी दवा की पुष्टि करेगा तब उसे डाक्टर अपनाएंगे।मैंने जो दवा तैयार की है उसे who से पुष्टि कराने का कोई मार्ग मेरे पास नही। अब ये डॉक्टर्स और रोगियों के अपने विवेक पर है कि वो kovid 19 को लाइलाज समझ मृत्यु की प्रतीक्षा करें या इस आयुर्वेदिक दवा को अपनाकर जीने की इच्छा पुनः जागृत करें।
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जिनके घरों के आस पास पीपल के पेड़ हैं वे लोग 5 पत्ते रोज एक गिलास पानी में 10 मिनट तक उबाल के पीएं।
प्रति व्यक्ति 5 पत्ते प्रतिदिन। इससे
गला फेफड़ा अंदरूनी पावर बढियां रहेंगे।किसी वायरस की मजाल नही कि आपको छू दे
शनिवार, 28 मार्च 2020
कोरोना
कोरोना संक्रमण को लेकर हर व्यक्ति कहीं न कहीं उबल रहा है।यह उबाल अगर हमने अपनी कमियों से शिक्षा लेकर उसे सही करने में लगा दिया, तब तो सार्थक होगा और हमें सुंदर भविष्य और सुंदर देश मिलेगा।
कल जब मैंने एक व्हाट्सएप मैसेज पढ़ा कि शनि ग्रह जब जब अपनी राशि मकर में आता है तो रोगजनित तबाही फैलाता है।यही इतिहास में कई बार देखा गया है।मैसेज में ये भी लिखा था कि 22 मार्च को मंगल भी मकर में प्रवेश करेगा और स्थितियां अधिक विकट हो जाएंगी।29 मार्च को जब इसी मकर राशि मे बृहस्पति का प्रवेश होगा तब जाकर मंगल और शनि की उग्रता पर कुछ लगाम लगेगी।मैं ज्योतिष की जानकार नहीं हूं किन्तु इतना ज्ञात है कि ज्योतिष ही वह विधा है जो ग्रह नक्षत्रों की चाल को सटीक रूप से पढ़कर भविष्य का वर्णन कर सकती है। यही गणना हमे आने वाली आपदा के प्रति सचेत कर सकती है और हम तदनुसार तैयारियां कर सकते हैं।
अब आइये मुख्य मुद्दे पर।आप सबने देखा होगा कि देश मे चुनाव नजदीक आते ही तमाम ज्योतिषाचार्य तमाम नेताओं की कुंडलियाँ खोलकर भविष्यवाणी करने लगते हैं। अखबारों में रोज एक कालम आने लगता है।मैं पूछती हूँ उन सभी से क्या उन्हें केवल नेताओं की कुंडली की गणना करने की ही शिक्षा मिली है? उन्हें ग्रह नक्षत्रों की वह गन्ना समझ मे नही आती जो अकाल, बाढ़, महामारी, आपदा, जीवन मृत्यु या सरकारी योजनाओं की सार्थकता-निरर्थकता के बारे में बताती हो, जो देश की भौगोलिक, आर्थिक, सामाजिक स्थितियों पर प्रकाश डालती हो।ऐसी जानकारियां वे समय समय पर जनता और सत्ता को क्यो नही बताते ताकि वक्त रहते उचित प्रबंध किए जा सके ।
मेरा अगला सवाल सत्तापक्ष से है। राजनीति को जब हम इतिहास के आईने में देखते हैं तो स्पष्ट दिखाई पड़ता है कि राजाओं के दरबार मे नवरत्नों में ज्योतिषाचार्य , आयुर्वेदाचार्य, नजूमी, भौगिलिक खण्ड के गणक, तारों की स्थितियों के गणक का प्रमुख स्थान होता था।यहां तक कि युद्धादि भी ज्योतिष गणना से उचित मुहूर्त में ही लड़े जाते थे ताकि कम से कम नुकसान करके विजय मिल जाये। आज हमारे देश के इतने विशाल मन्त्रिमण्डल में किसी ज्योतिषी किसी नजूमी किसी आयुर्वेदाचार्य के लिए कोई स्थान है, जो अपना कार्य उचित तरीके से करके देश और समाज की रक्षा कर सके? क्या आज का राजा खुद ही इतना विद्वान है कि वह ये सारे काम कर सकता है? और अगर कर सकता है तो देश आज इटनिविष्म परिस्थिति से क्यो जूझ रहा है।
हमारा भारत प्राचीन काल मे विश्वगुरु इसलिए था कि जल थल नभ तीनो के विषय मे उसके ज्ञान का कोई मुकाबला नही था।सोने की चिड़िया ये तभी बना जब देश के समस्त प्राकृतिक संसाधनों का हर नागरिक समुचित उपयोग करके सुखी रहता था ।तभी अर्थ , धर्म, न्याय, ज्ञान, साहित्य, पराक्रम सादाचार के क्षेत्र में हमारी तूती बोलती थी और शेष विश्व के शासक उसी लालच में बार बार हम पर आक्रमण करके भी पराजित होते रहे।
शायद इस कोरोना आपदा ने पुनः हमीक बार पीछे मुड़कर देखने सोचने और सचेत हो जाने का अवसर दिया हो और हम पुनः अपनी अलौकिक क्षमताओं का उचित उपयोग कर खुद को सुरक्षित और संरक्षित कर सकें।
अलका मिश्रा
लखनऊ
गुरुवार, 19 मार्च 2020
हैलो कोरोना
Please click to watch full video at:
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https://youtu.be/J2MdzqN4xag
कोरोना का भूत और हौवा सारी दुनिया मे देखा जा रहा है। बचाव और निदान के जगह जगह उपाय भी बताए जा रहे हैं।
कुछ जड़ी बूटियों से कोरोना वायरल से बचाव के नुस्ख़े दे रही हूं।
देखें सबसे पहले, "Gopal Raju Motivational Videos" चैनल यू ट्यूब में गोपाल राजू जी के माध्यम से।
डॉ अलका मिश्रा
लखनऊ
रविवार, 28 जुलाई 2019
Swelling, Anti Ageing, Wrinkles, Boost Energy, Hair Growth Etc.Treatmen...
रविवार, 21 जुलाई 2019
माइग्रेन के लिए
Please click blue link to view full video in you tube at,
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https://youtu.be/mAiqS4BFjWs
लखनऊ की अलका जी आयुर्वेद में बहुत ही अच्छा कार्य कर रही हैं।
उनके पूर्व में भी मैंने वीडियो दिए थे।
उनकी अकेले कार्य करने की लगन, सच्चाई और डॉक्टर या वैद्य का सबसे बड़ा गुण, मितभाषी और मधुरता, प्रभु ने प्राकृतिक रूप से उनमें भर दी है।
प्रस्तुत है माइग्रेन सिरदर्द का एक असरदार इलाज, जटामासी।
गोपाल राजू
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रुचि न हो सारगर्भित चीज़ों में, तो कृपया न खोलें ये वीडियो।
मंगलवार, 9 जुलाई 2019
छोटे छोटे नुस्खे
ब्रश या मंजन करने की परंपरा सिर्फ दांतों को चमकदार बनाने के लिए नहीं पड़ी।अपितु इसका उद्देश्य मसूढ़ों की मालिश होता था। मसूढ़े मजबूत रहेंगे तभी तो दांतो पर उनकी पकड़ मजबूत होगी।अभी तक किसी कम्पनी ने कोई ऐसा ब्रश नही बनाया जो मसूढो की मालिश करके उन्हें मजबूती प्रदान करे। उंगली से मंजन करने से यह मालिश हो जाती है और दांत मजबूती से धंसे रहते हैं हिलते नही और न ही कैविटी बनने पाती है।दांतो के बीच अनाज भी नही फंसता।पायरिया ,दर्द से भी मुक्ति मिलती है।
क्या आप आज से सरसो का तेल नमक और उँगली से मंजन शुरू करेंगे।सिर्फ 5 मिनट।
नींद न आने की एक बहुत अच्छी दवा जंगली जायफल है।यह सामान्य जायफल की अपेक्षा आकार में बड़ा होता है।
इसे थोड़ा सा पीस कर शहद के साथ चाटिए।अच्छी नींद आएगी
अजवाइन के 3 महत्वपूर्ण उपयोग हमेशा याद रखिये तथा औरो को भी बताइये--
पेट के लिए आधा चम्मच अजवाइन 2 चुटकी नमक के साथ साबुत ही निगलनी है।
हार्ट के लिए एक चम्मच अजवाइन का काढ़ा बना कर पीना है।
बुखार और बदन दर्द के लिए एक चम्मच अजवाइन साबुत ही पानी के साथ निगलनी है।
कल से आषाढ़ का महीना शुरू है।अब पूरे एक महीने तक बेल बिल्कुल मत खाइएगा।और केला भरपूर खाइएगा।अपने लीवर की तंदुरुस्ती के लिए।
शतावर के चूर्ण को पानी में घोल कर उससे बाल धोएं।बाल लंबे होने लगेंगे।
गुरुवार, 24 जनवरी 2019
सर्वाइकल के लिए तेल
https://youtu.be/31d9ttjbd84
बहुत मेहनत से दर्द एक तेल बनाया है । कई लोगों ने बताया कि मात्र एक बार के प्रयोग से ही उनको दर्द में बहुत आराम मिला है।
वैसे तो ये सर्वाइकल के लिए रामबाण सिद्ध हुआ है, तथापि शरीर के किसी भी भाग में दर्द के लिए इसका प्रयोग किया जा सकता है।
अलका मिश्रा
लखनऊ
✅Please click blue link to view full video at you tube.
गुरुवार, 17 जनवरी 2019
लीवर के लिए
https://youtu.be/8ukneO1lmCc
शरीर का ये अंग बिना किसी को तंग किये अपने कार्य में संलग्न है, इसीलिए इसके महत्व को जान नहीं पाते।
पर भैया जिस दिन ये बिगड़ गया तो फिर बस शरीर की शामत और बीमारियों का बोल बाला।
ये है आपका लीवर और इसको घरेलू उपाय से मज़बूत भी बनाया जा सकता हैं।
अलका मिश्रा
लखनऊ
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*Please click blue link to view full video*
ये अद्भुत तेल
https://youtu.be/0Ja2EVMhUDo
🤢मोटापे और बालों की समस्या हल करने वाला अद्भुत तेल जिसको भारत सरकार के एक उपक्रम द्वारा सम्मानित भी किया गया है।
गोपाल राजू जी की सहायता से मेरा पहला वीडियो।
🔴पूरा देखने के लिए
वीडियो की फ़ोटो नहीं बल्कि लिंक में क्लिक करें।
अच्छा लगे तो कृपया लाइक व सब्सक्राइब ज़रूर कर दें।
नोटिफिकेशन बेल में क्लिक करना न भूले, इससे हमारे हर नए वीडियो आपको सबसे पहले मिलेंगे।
🙏🏻अलका मिश्रा
लखनऊ
रविवार, 6 जनवरी 2019
ये प्याज
प्याज का उचित प्रयोग कीजिये ये अमृत है
ग्रंथो में स्पष्ट लिखा है कि प्याज की सेवन मात्रा 10 से 15 ग्राम ही है।इससे अधिक प्रयोग निरंतर करने से शरीर की जीवनी शक्ति कमजोर हो जाती है और स्मरण शक्ति को भी हानि पहुंचती है।यूरिक एसिड बढ़ जाता है। जीवनी शक्ति कमजोर होते ही तमाम रोगों का आक्रमण शरीर झेल नही पाता।स्नायु तंत्र को उत्तेजित करने वाली प्याज का हम मारक उपयोग कर रहे हैं।
जैसे परमाणु शक्ति अद्भुत है।उससे बिजली भी पैदा कर सकते है और बम भी बना सकते हैं।यह आपको सोचना होता है कि उसका सदुपयोग कैसे करें।
यही स्थिति प्याज की है।वह अमृत है कई बीमारियों की अद्भुत दवा है तो वही दूसरी ओर पका के या तल के खाते रहने से वह बीमारियां पैदा भी कर देती है।यही हो रहा है आजकल।
मैं अभी सिर्फ दो उपयोग प्याज के बताने जा रही हूं जिससे आप अपनी बीमारियां जड़ से खत्म कर सकते हैं।शर्त ये है कि आपके भोजन में प्याज बिल्कुल नही होनी चाहिए।
यदि आपको हार्ट की प्रॉब्लम है तो आप प्रतिदिन सुबह एक चम्मच प्याज का रस ताजा निकला हुआ पी लीजिये। सिर्फ 2 माह में हार्ट प्राब्लम खत्म हो जाएगी।
यदि आपको शरीर मे कहीं भी खुजली है तो आप वहां रोज प्याज का रस लगा कर सोएं।और अपने सिरहाने एक प्लेट में प्याज काट कर किसी मेज पर या जमीन पर रखें और सुबह उसको घर से बाहर फेंक दें।कई लोगो की खुजली एक हफ्ते में ही खत्म हो गयी है।आप तब तक ऐसा करें जब तक जड़ से खुजली खत्म न हो जाये।
लेकिन ध्यान रहे प्याज भोजन में बिल्कुल नही होनी चाहिए।
बुधवार, 5 दिसंबर 2018
ये है देश में फैल रहे रोगों की जड़
आजकल शेफ का कैरियर बहुत चार्मिंग समझा जा रहा है और कुक की डिमांड ही नहीं बढ़ रही है,वरन स्ट्रीटफूड और रेस्तरां में लंच डिनर का क्रेज लोगो के सिर चढ़ कर बोल रहा है। घर में भोजन पकाने का समय नही है या आलस एक बड़ी वजह है, भगवान जाने।मगर ये लक्षण एक भयावह त्रासदी को जन्म देने वाले हैं।
त्रासदी और आपदा सिर्फ आंधी ,तूफान,बाढ़, जलजला, ज्वालामुखी और दावानल ही नही होते वरन सबसे बड़ी त्रासदी है महामारी।चाहे वो फ्लू के रूप में हो या थायराइड, डायलिसिस, कैंसर, हार्ट डिजीज, गैस, शुगर या विकृत शिशु के रूप में। प्राकृतिक त्रासदी में तो जरूर एक दो जीव ही बच गए तो वे संतति द्वारा पुनः एक विशाल जन समूह की रचना कर लेंगे ।लेकिन इन महामारियों के बाद तो बचे हुए जीव संतति योग्य रहेंगे ही नहीं।
अगर गंभीरता से सोचा जाए तो ये महामारियां अब भी विद्यमान हैं लेकिन छोटे रूप में।इसीलिए किसी के कान पर जूं नही रेंगती और हमारे देश का स्वास्थ्य बजट शेष देशों के मुकाबले बहुत कम है।अब इनके कारण पर निगाह डालिये वह है भोजन पकाने की विधि।चाहे आपके घर में या होटल खोमचे और ढाबों में। पकाने वाले का सिर्फ एक उद्देश्य है कि भोजन स्वादिष्ट हो।यह स्वाद खोजने के चक्कर मे जो प्रयोग किये जा रहे हैं वह ही बिमारी को पैदा कर रहे हैं। अब न तो गृह विज्ञान की शिक्षा लड़कियों को दी जाती है न ही सामान्य खाद्यान्न के गुणों का ज्ञान किसी के पास है।तो पकाने वाले यह जानेंगे कैसे कि किन चीजों का मिश्रण जहर का काम करता है या क्या वस्तु कब खाने से किडनी लीवर डैमेज हो सकते हैं।
उदाहरण देखिये - किसी होटल में जाएं तो सलाद में मूली गाजर प्याज आपको हमेशा मिलेगा और रायता भी।अब यहीं से जहर बनना शुरू हो गया क्योंकि मूली के साथ दही जहर का काम करती है।यह जहर आपकी जान नही लेगा बल्कि लीवर या किडनी को डैमेज करेगा।जो कुछ भी परोसा जाता है उसमें लाल मिर्च या इमली/आम की खटाई जरूर पड़ी होती है, जो लीवर और मलाशय के साथ जननेन्द्रियों की कार्य करने की क्षमता को भी कम करती है।किसी भी दाल/ कढ़ी /रसेदार सब्जी का स्वाद बढ़ाने के लिए उसमें दही या क्रीम मिलाया जाता है।इसका दुष्प्रभाव तो ज्यादा भयानक है।दूध से बनी चीजों और नमक का मिश्रण स्किन डिजीज, सोरायसिस, खुजली, बालझड़ना और कब्ज को पैदा करता है।मांसाहार पकाते समय भी दही दूध का समावेश पेट काफी देर तक भारी रहने का कारण बनता है।
बेमौसम की सब्जियां खाते समय लोग गर्व और गौरव का अनुभव करते हैं। जो बेहद हानिकारक होती है।गर्मी के मौसम में मटर पुलाव, मटर पनीर, बैगन, धनिया, गोभी, गाजर के हलुवे का बड़ा क्रेज है।जबकि ये सर्दी के मौसम में पैदा होने वाली सब्जियां हैं।जिन्हें पचाने के लिए पाचक रस गर्मी में नही निकलेगा।नतीजा उल्टी, दस्त, फ़ूड प्वाइजनिंग का शिकार हो जाते हैं।इस बात पर कुतर्क करने से पहले सिर्फ इतना सोच लीजिये कि सर्दी में आपका शरीर शाल, स्वेटर, रजाई में सुख का अनुभव करता है क्या गर्मी में गर्म कपड़े बरदाश्त होंगे ???
अब आप आँखे बंद करके थोड़ी देर गंभीरता से सोचिये कि आपने अपने पेट में कब कौन सा जहर डाला है जिसके कारण आप कुछ बीमारियों के मालिक बन गए है।अब से हम नही सम्भले तो महामारी नामक त्रासदी तय है।हमें अपनी शिक्षा और खान पान के ढांचे में आमूलचूल परिवर्तन करना होगा।गृहविज्ञान की शिक्षा सबके लिए अनिवार्य होनी चाहिए।वह भी सिर्फ पास होने के स्तर पर नही बल्कि ज्ञान के स्तर पर।कौन सा मसाला कब और किस तरह से किस महीने में खाना है।किस सब्जी के साथ किस अनाज का मिश्रण उचित है।इसका सम्पूर्ण ज्ञान गृहिणियों, छात्र छात्राओं, शेफ, खोमचे ,ढाबे ,होटल वालों सभी को होना चाहिए। तब जाकर हम एक स्वस्थ समाज का निर्माण कर पाएंगे।स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क रहता है।स्वस्थ मस्तिष्क ही बेहतर डाक्टर, इंजीनियर ,राजनीतिज्ञ, न्यायविद ,माता और पिता बना सकता है।