आयुर्वेद का अर्थ औषधि - विज्ञान नही है वरन आयुर्विज्ञान अर्थात '' जीवन-का-विज्ञान'' है

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शुक्रवार, 19 अगस्त 2011

अजवाईन



यह लेख कादम्बिनी में प्रकाशित हो चुका है.  


ये हमारी बदकिस्मती है कि हम अपने मसालों के बारे में पूरी जानकारी नहीं रखते. हमारे बुजुर्गों ने मसालों का उपयोग प्रतिदिन केवल खाना स्वादिष्ट बनाने के लिए नहीं जरूरी बताया था वरन खुद को स्वस्थ रखने के लिए रोज खाने की एक दवा बता दी थी. पर अब हम थोड़े आलसी और थोड़े एडवांस हो गए हैं .मसाला पीसते या पिसवाते नहीं बल्कि पैकेट वाले रेडीमेड मसाले प्रयोग करते हैं. जिन्हें ज़रा तेज मसाला खाना हो वे घर में प्याज, लहसुन, मिर्च,धनिया पीस कर ऊपर से रेडीमेड मसाला डाल लेते हैं, पता नहीं खाने वालों को धोखा देते हैं या खुद को.


खैर आइये एक जानी पहचानी चीज अजवाईन के बारे में बातें करते हैं, यह क्या है क्यों खायी जाती है और शरीर के लिए कैसे उपयोगी है?
अजवाइन कुल तीन तरह की होती है - सामान्य अजवाईन , वन अजवाईन और खुरासानी अजवाईन. अजवाइन के बारे में आयुर्वेद कहता है कि ये अकेली ऎसी चीज है जिसमें सरसों और मिर्च का तीतापन, हींग के पाचक और विष शामक गुण और चिरैता का कडवापन तीनों एक साथ पाए जाते हैं. ये तीनों चीजें अपने आप में एक सम्पूर्ण  दवा की हैसियत रखती हैं. तो सोचिये अजवाईन कितनी गुणकारी हुई.
               

                             यह वन (जंगली)अजवाइन का पौधा है


आइये इनके औषधीय गुण देखें-


***शराबियों की आदत छुडाने के लिए-  उन्हें दिन भर एक चुटकी अजवाइन चबाने को देते रहिये हर दो घंटे पर.


***अजवाइन के ठंडे काढ़े से आँखें धुलिये तो आँखों की रोशनी तेज होगी और आँखों की सारी बीमारियाँ दूर हो जायेंगी.


***कुछ अच्छा नहीं लग रहा है ,किसी काम में मन नहीं लग रहा है, थकान, बुखार, सर्दी, खांसी, जुकाम, शरीर में कहीं दर्द, खाने की इच्छा कम हो गयी है तो बस एक बड़ा चम्मच अजवाइन लगभग ५-६ ग्राम मुंह में रखिये और बिना चबाये पानी से निगल जाइए. दो घंटे में ही चेहरे पर मुस्कान लौट आयेगी.
                         
                        यह  सामान्य अजवाइन का पौधा है  
***पुरानी खांसी- अजवाइन का चार ग्राम पावडर दिन में दो बार तीन दिनों  तक पानी से निगल लीजिये.


***श्वास रोग ,दमा-  अजवाइन का चार ग्राम  पावडर गुनगुने पानी से दिन में दो बार  ७ दिनों तक . हर महीने में ७ दिन.


***अगर आप प्रत्येक सप्ताह तीन दिनों तक खाली पेट ५ ग्राम अजवाईन पानी से निगलते रहेंगे तो आपको कभी डाक्टरों या अस्पताल का मुंह नहीं देखना पडेगा क्योंकि ये यकृत लीवर समेत शरीर के सभी भीतरी अंगों की कठोरता को कम करती है जिससे सभी अंग लचीले और एक्टिव हो जाते हैं और अपना काम सुचारू रूप से करते रहते हैं.


***सूखी खांसी में- अजवाइन की २ ग्राम मात्रा को पान में रखिये और उस पान को धीरे धीरे चबाते हुए सारा रस गले से नीचे उतार 
लीजिये.


*** फालिज में- रोजाना मरीज को ५ ग्राम अजवाइन पीस कर चीनी के शरबत में अच्छी तरह मिला कर पिला दीजिये


*** मासिक धर्म में रुकावट हो तो महिलाए अजवाइन का २ ग्राम पावडर दिन में दो बार गरम दूध से निगल लें ,केवल तीन दिन तक, पहले ही दिन रुकावट ख़त्म हो तो बंद कर दीजियेगा.


***दाद, खाज, खुजली या आग से जल गए हैं तो अजवाइन की  चटनी पानी के साथ पीसिये और प्रभावित स्थान पर लेप कर दीजिये .४-५ घंटे छोड़ दीजिये. यही चटनी ज़रा और पतला करके अगर घुटनों पर रगड़ेंगे तो घुटनों का दर्द ख़त्म हो जाएगा.


*** अगर किसी को नींद न आ रही हो तो खुरासानी अजवाइन ३ ग्राम की मात्रा में पानी से निगलवा दीजिये.इससे मन भी शांत होता है ,नींद भी गहरी आती है और पेट भी साफ़ हो जाता है. शुरुआत में २ ही ग्राम दीजिएगा.


*** अगर पेट में गैस परेशान करती है तो थोड़े से गुड में १-२ ग्राम खुरासानी अजवाइन मिलाकर गोली बनाएं और खा जाएँ.


*** पेट में कीड़े हों तो सुबह सवेरे थोड़ा सा गुड खाइए फिर २ ग्राम खुरासी अजवाइन पानी से निगल जाइए. बस ३ दिन काफी है.


*** गठिया, जोड़ों में दर्द या सूजन में खुरासानी अजवाइन को पानी के साथ पीस कर लेप करके सो जाएँ. प्रत्येक रात में . जल्दी ही दर्द ख़त्म हो जाएगा.


*** अगर आपको पथरी की आशंका हो तो प्रत्येक महीने ५ दिनों तक जंगली अजवाइन या अजमोद या वन अजवाइन ५ ग्राम पानी के साथ निगल लिया कीजिए, कभी पथरी नहीं बन सकती. जंगली अजवाइन का प्रयोग जानवरों के भी उपचार में बहुत किया जाता है.अगर आपके पालतू जानवरों को पेट से सम्बंधित कोई भी शिकायत हो तो वन अजवाइन चारे में मिला कर खिला दीजिये. कुत्तों के लिए २० ग्राम बकरी को भी २० ग्राम, गाय भैसों को ५० ग्राम काफी रहेगा.


*** दांतों के लिए- तीनों में से कोई भी अजवाइन भून कर पावडर बनाएं और उससे सप्ताह में तीन दिन दांत साफ़ कीजिए ,मसूढ़े स्वस्थ, दांत चमकदार और पायरिया गायब.


देखा आपने अजवाईन की ताकत. बस अब तीनों तरह की अजवाइन परमानेंट घर में रखिये.




इसका वैज्ञानिक नाम है - Carum copticum.  इसे संस्कृत में यवानी और बंगाली में यमानी कहते हैं. फारसी में तुख्मेवंग तथा अरबी में तेराल्वंज, मराठी में किरमानी आदि कहते हैं.

अजवाइन में मुख्यतः साईमोन, टरपेन, उड़नशील तेल, स्टीअरोप्तिन पाए जाते हैं .
चित्र गूगल इमेज से लिए गये हैं, आभार सहित 


इन आलेखों में पूर्व विद्वानों द्वारा बताये गये ज्ञान को समेट कर आपके समक्ष सरल भाषा में प्रस्तुत करने का छोटा सा प्रयत्न मात्र है .औषध प्रयोग से पूर्व किसी मान्यताप्राप्त हकीम या वैद्य से सलाह लेना आपके हित में उचित होगा

19 टिप्‍पणियां:

Shikha Kaushik ने कहा…

bahut achchhi jankari di hai .aabhar

blog paheli no.1

vijai Rajbali Mathur ने कहा…

जन-शिक्षा अभियान की यह कड़ी बेहद उपयोगी है।

सुज्ञ ने कहा…

बेहद गुणकारी है अजवायन!!
आभार इस स्वास्थ्यवर्धक जानकारी के लिए!!

SANDEEP PANWAR ने कहा…

अजवाईन के बारे में कई बाते तो मालूम ही नहीं थी।

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

बड़ी उपयोगी सलाह।

अनामिका की सदायें ...... ने कहा…

shukriya is jankari k liye.

दिगम्बर नासवा ने कहा…

अजवाइन की अच्छी जानकारी दी है आपने ... सच नें ये गुणकारी होती है ...

Asha Lata Saxena ने कहा…

बहुत उपयोगी जानकारी देती रचना आभार |
आशा

रेखा ने कहा…

अजवाइन के बहुत से गुणों के बारे में पता ही नहीं था जानकारी के लिए आभार

Maheshwari kaneri ने कहा…

गुणकारी अजवायन के विषय में विस्तृत जान्कारी देने के लिए धन्यवाद....

anita agarwal ने कहा…

hamara ghar dawaiyon ka khazana hai or hame hi pata nahi...bahut upyogi hai ye jaankari..
aisi jankari deti rahiyega ....

Vandana Ramasingh ने कहा…

जबरदस्त जानकारी मिली आपके ब्लॉग पर ....बहुत बहुत धन्यवाद

एक स्वतन्त्र नागरिक ने कहा…

कादम्बिनी में आपके अनेक लेख पढ़े है. उपयोगी जानकारी.
यदि मीडिया और ब्लॉग जगत में अन्ना हजारे के समाचारों की एकरसता से ऊब गए हों तो मन को झकझोरने वाले मौलिक, विचारोत्तेजक आलेख हेतु पढ़ें
अन्ना हजारे के बहाने ...... आत्म मंथन http://sachin-why-bharat-ratna.blogspot.com/2011/08/blog-post_24.html

Kunwar Kusumesh ने कहा…

बेहद उपयोगी.

जैसे ही आसमान पे देखा हिलाले-ईद.
दुनिया ख़ुशी से झूम उठी है,मना ले ईद.
ईद मुबारक

D.P. Mishra ने कहा…

आभार इस स्वास्थ्यवर्धक जानकारी के लिए!!

Unknown ने कहा…

अजवाइन और थोड़ा संेधा नमक लेकर उसमंे दो नींबुओं का रस िनचोड़ के तवे पर संेक
लंे।यह िमशर्ण जेब मंे रखंे। जब भी उस घातक पान मसाले की याद सताये, जेब से थोड़ा सा
िमशर्ण िनकालकर मँुह मंे डालंे।

prem sain ने कहा…

ये जो सप्ताह में ३ दिनों तक खाली पेट अजवाइन लेनी है ये कोई भी व्यक्ति ले सकता है क्या?

बेनामी ने कहा…

thanks for it

Unknown ने कहा…

शहद के द्वारा गाजर का मुरब्बा कैसे बनाये?