भिलावा कोसंस्कृत में भल्लातक कहते हैं और वैज्ञानिक भाषा में Semicarpus anacardium ।इसका पेड़ 30 फुट तक ऊँचा देखा गया है ।इस पेड़ में हरे और पीले दो तरह के फूल खिलते हैं जिसमे से एक नर फूल होता है और दूसरा मादा।
भिलावा के फल में दो तरह का तेल पाया जाता है।इसकी गिरी के अंदर मीठा तेल और फल के रस में काले रंग का विषैला तेल।यह तेल शरीर में कहीं भी लग जाए तो छाले पड़ जाते है।
भिलावा एक ऐसा फल है जिसमें कैंसर को जड़ से खतम कर देने की ताकत है ।
यह फल कफनाशक, पित्त नाशक और वातनाशक भी है। यह हृदय रोग, आमाशय रोग, दन्त रोग और पुराने बुखार को भी ठीक करता है।यह सांप के जहर को मारता है। यह चर्म रोग को भी सही करता है।कोई घाव सड़ गया हो तो इसी भिलावे के तेल से वह सही हो जाता है और अंग काटने की नौबत नहीं आती।तिल्ली या लीवर बढ़ गया हो तो भिलावा रामबाण औषध है।यदि कफ के साथ रक्त आ रहा है तो फौरन भिलावे की शरण में जाएँ।
इसके इतने सारे फायदे हैं किंतु जैसे मैंने अन्य लेखों म यह बताया है कि इसकी दवाएं किस तरह से बनाएं ,उस तरह भिलावे की किसी दवा की निर्माण विधि मैं नहीं लिख सकती क्योंकि यह बहुत खतरनाक चीज है ।इसका तेल ज़रा सा भी शरीर मे कहीं पर लग जाए तो छाले और जलन महीनो तक परेशान करती है।
भिलावा के फल में दो तरह का तेल पाया जाता है।इसकी गिरी के अंदर मीठा तेल और फल के रस में काले रंग का विषैला तेल।यह तेल शरीर में कहीं भी लग जाए तो छाले पड़ जाते है।
भिलावा एक ऐसा फल है जिसमें कैंसर को जड़ से खतम कर देने की ताकत है ।
यह फल कफनाशक, पित्त नाशक और वातनाशक भी है। यह हृदय रोग, आमाशय रोग, दन्त रोग और पुराने बुखार को भी ठीक करता है।यह सांप के जहर को मारता है। यह चर्म रोग को भी सही करता है।कोई घाव सड़ गया हो तो इसी भिलावे के तेल से वह सही हो जाता है और अंग काटने की नौबत नहीं आती।तिल्ली या लीवर बढ़ गया हो तो भिलावा रामबाण औषध है।यदि कफ के साथ रक्त आ रहा है तो फौरन भिलावे की शरण में जाएँ।
इसके इतने सारे फायदे हैं किंतु जैसे मैंने अन्य लेखों म यह बताया है कि इसकी दवाएं किस तरह से बनाएं ,उस तरह भिलावे की किसी दवा की निर्माण विधि मैं नहीं लिख सकती क्योंकि यह बहुत खतरनाक चीज है ।इसका तेल ज़रा सा भी शरीर मे कहीं पर लग जाए तो छाले और जलन महीनो तक परेशान करती है।
भिलावा रसायन के फायदे जो अगस्त्य मुनि ने बताये हैं और भैषज्य रत्नावली में उद्धृत हैं-------
इस रसायन के प्रताप से रोगी हाथी के समान बलवान, घोड़े के समान वेगवान और बृहस्पति से भी अधिक बुद्धिमान हो जाता है।बड़े बड़े ग्रन्थ को समझ लेता है और याद कर लेता है।500 वर्ष तक जीता है।इससे सभी कुष्ठ रोग अवश्य दूर हो जाते हैं।मनुष्य सुवर्ण के समान कांतिमान हो जाता है।टूटे दांत निकल आते हैं और सफ़ेद बाल भी काले हो जाते हैं, मोर के समान उत्तम स्वर हो जाता है।प्रसन्न इन्द्रियों वाला और विशेष प्रतिभाशाली हो जाता है।नवयौवन चिरस्थायी हो जाता है।
इस रसायन के प्रताप से रोगी हाथी के समान बलवान, घोड़े के समान वेगवान और बृहस्पति से भी अधिक बुद्धिमान हो जाता है।बड़े बड़े ग्रन्थ को समझ लेता है और याद कर लेता है।500 वर्ष तक जीता है।इससे सभी कुष्ठ रोग अवश्य दूर हो जाते हैं।मनुष्य सुवर्ण के समान कांतिमान हो जाता है।टूटे दांत निकल आते हैं और सफ़ेद बाल भी काले हो जाते हैं, मोर के समान उत्तम स्वर हो जाता है।प्रसन्न इन्द्रियों वाला और विशेष प्रतिभाशाली हो जाता है।नवयौवन चिरस्थायी हो जाता है।
मेरा अनुभव यह कहता है कि प्रत्यइक ठंड के मौसम मे 3 माह यदि भिलावा रसायन खा लिया जाए तो आप अपने शरीर के साथ वास्तविक न्याय करेंगे।शरीर हमेशा खिला खिला सा रहेगा।अनेक छोटी छोटी समस्याएं स्वतः समाप्त हो जाएंगी।इम्युनिटी तो बढ़ेगी ही।
मध्यप्रदेश के आदिवासी इलाको में इसका बहुत सेवन होता है। आदिवासी लोग इसको भून कर इसके अंदर की गिरी खाते है।पर इसकी एक गिरी एक दिन मे पचना भी मुशकील होता है। इसे खाने का आसान तरीका भिलावा रसायन ही है जो सुरक्षित है और स्वादिष्ट भी।
उम्र को बहुत तेजी से थामता है भिलावा रसायन।
उम्र को बहुत तेजी से थामता है भिलावा रसायन।
9 टिप्पणियां:
ye teen mahine ka kitni kimat ka hai kya aap mere whatsapp no. 9871118940 par bata sakte hai. aur ye sarduyon me kab se kab tak khana chahiye
iski importance apne batai aap iska rate bhi bata digiye
Surendra bhi Mai uske bare me Jada to nahi Janta par aapko iska dal lake de Sakta hu contact me 7756042837
Meri mom ke face pe bhilawa ka duhan lgne se soojan aagai h ab vo thik ni horhi h isko kese thik kre
कितना चाहिए मैं दूंगा
मेरे यहां खेतों में बहुत है
इसकी गीरी कैसे निकाले
ये दवाई अच्छी हैं... मै इस दवाई के बारे मे बहुत सूना था.... जिस bhai को दवाई चाहिए ओ कॉल करे ..9834867168.....
क्या पित्त पृकृति के लोग इसका सेवन कर सकते हैं?
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