आयुर्वेद का अर्थ औषधि - विज्ञान नही है वरन आयुर्विज्ञान अर्थात '' जीवन-का-विज्ञान'' है

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सोमवार, 27 अप्रैल 2009

खेती से गरीबी नहीं, अमीरी उगायें- रोएँ नहीं हंसें और मुस्कुराएँ




जब से होश संभाला, यही सुनते आए हैं की देश की ७०% आबादी कृषि पर आधारित है। अर्थात इतना बड़ा उधोग या व्यवसाय, देश में दूसरा नहीं है। सिक्के का दूसरा पहलू यह है कि इस उधोग के लिए न तो कोई प्रशिक्षण है न ही ट्रेनिंग। फसलों का बीमा भी नहीं हो सकता। सरकार किसानों को सिर्फ़ कर्ज़ की सुविधा देती और वसूली, फसल उगे या न उगे, छाती पर चढ़ कर होती है। पिछले कुछ वर्षों में किसानों द्वारा आत्महत्या के अनगिनत मामले अख़बार की सुर्खियों में रहे हैं।




अजब विडम्बना है, किसान को खाद चाहिए तो वो गायब, सिंचाई के लिए पानी की आवश्यकता हो तो नहरें सूखी, डीजल, बीज, कीटनाशकों के साथ भी ऐसा ही खेल होता है। किसान लाइन लगाये और पुलिस की लाठियां खाए या ब्लैक में अपनी जरूरत खरीदे, सरकार, प्रशासन, अफसरान पर कोई असर नहीं। पिछले वर्ष किसानों को आलू ने जितना रुलाया, उन आंसुओं को पोंछने या भविष्य में ऐसा न होने देंगे सम्बन्धी कोई योजना किसी के संज्ञान में आई? बाकी बातें छोड़ भी दें तो एक सबसे अहम सवाल यह उठता है किसान की फसलों का मूल्य निर्धारण करने का अधिकारी कौन है ---- ख़ुद किसान या सरकार ? किसान ८-९ रूपये की दर से गेहूं बेचे और नामी कम्पनियां २० रूपये की दर से आटा। आलू १० रूपये में ६ किलो बिके लेकिन चिप्स के पैकट उन्हीं या बढ़ती हुई कीमतों पर बेचे जायें।




कथा का सार यह है किसानी का मतलब गरीबी। फसलें बोने का अर्थ- गरीबी उगाना ।




बस... बहुत हो चुका। किसानों के लिए किसानी में ही एक ऐसी योजना है जो पारम्परिक फसलों के साथ या उनसे इतर भी का जा सकती है। ये है औषधीय एवं सुगन्धित फसलों की खेती। इन की खेती में प्रति एकड़ ३०००० से लेकर २ लाख रूपये तक की आमदनी प्राप्त की जा सकती है। यदि थोड़ी प्लानिंग के साथ काम किया जाए तो प्रति माह आमदनी एवं सतत रोज़गार की व्यवस्था सुनिश्चित की जा सकती है।




इन फसलों की खेती में उपजाऊ, ऊसर, बंजर, सिंचित,असिंचित यहाँ तक कि जल जमाव वाली भूमि में भी अच्छी पैदावार ली जा सकती है। इन में से अधिकांश फसलें बहुवर्षीय है, अतः बार बार बुवाई से भी छुटकारा मिल जाता है। इन फसलों में पारम्परिक फसलों के मुकाबले लाभ ज़्यादा है और इन्हें मवेशी भी नहीं चरते।




उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हम इन फसलों का प्रशिक्षण, पौध/बीज व्यवस्था, जैविक कीटनाशक तथा खाद के साथ फसलों के विपणन का भी प्रबंध करते हैं।




आइये देखते हैं कुछ फसलें और प्रति एकड़ में लागत तथा शुद्ध लाभ:













13 टिप्‍पणियां:

Akhilesh Shukla ने कहा…

प्रिय मित्र
आपकी रचनाएं पढकर सुखद अनूभूति हुई। नयी तथा ज्ञानवर्धक जानकारी के लिए मेरे ब्लाग पर अवश्य पधारे।
अखिलेश शुक्ल
http://katha-chakra.blogspot.com
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कनिष्क कश्यप ने कहा…

welcome to the world of bloggers. Its great experience to go through sophisticated thoughts , you expressed.....
You are requested to contribute with your say on

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There is lot more to reveal
Thanks and Regards
Kanishka Kashyap

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sweet_dream ने कहा…

aadarniya alka ji
namskar,
aaj aap ka lekh padha bada hi sundar likha aapne main to sochta hu ki itna dher sara dimag kaha se llati hai aap.
bas aapke gyan me thoda izafa karna chahta hu ki aaj kal fasal bima hone laga hai

बेनामी ने कहा…

alka ji apka blog accha hain. kafi rochak jankariya hain. aur prakriti ka sanidhya bhi... aisa hi nai -nai jankariya deti rahiye.. kabhi meri rachnao par bhi apne vichar de

Udan Tashtari ने कहा…

उम्दा प्रयास है. अच्छा लगा. हिन्दी चिट्ठाजगत में स्वागत है. नियमित लिखें.

Randhir Singh Suman ने कहा…

bahut badhiya blog hai. gyanvardhak hai

loksangharsha.blogspot.com

MediaMentors.in ने कहा…

अलका जी
नमस्कार

आपका काम बहुत अच्छा लगा। यह समाज हित में भी है। आप जैसे
लोगों के प्रयासों से ही दुनिया लाभान्वित हो रही है। मैं भी जल्द एक
बेवसाइट शुरू कर रहा हूं। आपको बताऊंगा। फिलहाल मैं आपको बताऊं
कि मैं पत्रकार हूं और वॉयस ऑफ इण्डिया चैनल में काम कर रहा हूं।
धर्मचक्र के नाम से प्रोग्राम बनाता हूं। शायद आपने भी देखा हो। ..
मेरी बेवसाइट के लिए भी मुझे आपसे मदद लेनी पड सकती है।

धन्यवाद
गिरीश पाण्डेय
09868402423

योगेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा…

अलका जी आपने लिखा है,
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हम इन फसलों का प्रशिक्षण, पौध/बीज व्यवस्था, जैविक कीटनाशक तथा खाद के साथ फसलों के विपणन का भी प्रबंध करते हैं।

क्या ऐसे संस्थान के बारे में पूरी जानकारी देंगी हो सकता है मैं इसका प्रशिक्षण लूँ |

मेरा ई-मेल पता है,
yss.rajneesh@gmail.com

kppandey ने कहा…

pujyneey alkaji:- saadar parnam, aap ki jaankari lokhet ke ke liye param upyogi hai bhagwan aap ko shakti aur sehat de jesse ki aap lok hit karti rahen.yadi ho sake to yesi jankariya aap hamare i.d.par bhejne ki kirpa karen.hamara mail i.d kpp1255@rediffmail.com

kppandey ने कहा…

pujyneey alkaji:- saadar parnam, aap ki jaankari lokhet ke ke liye param upyogi hai bhagwan aap ko shakti aur sehat de jesse ki aap lok hit karti rahen.yadi ho sake to yesi jankariya aap hamare i.d.par bhejne ki kirpa karen.hamara mail i.d kpp1255@rediffmail.com

ramdayal ने कहा…

alka ji aapka blog me bahut hi achchi jankari di gai hai.inki kheti karne ki prashichchan dene ki bat aapne kahi hai plz iski puri jankari hamare id per bhejen. main iski kheti karane ki jankari lena chahta hun. is tarha ki jankari dene ke liye dhanybad.RAM DAYAL

बेनामी ने कहा…


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बेनामी ने कहा…

Could you please send me the details of this center where I can take the training for these crops. My email id is shivkumar.pundir@gmail.com