आयुर्वेद का अर्थ औषधि - विज्ञान नही है वरन आयुर्विज्ञान अर्थात '' जीवन-का-विज्ञान'' है

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मंगलवार, 5 मई 2009

सतावर कुछ चित्र




7 टिप्‍पणियां:

ghughutibasuti ने कहा…

क्या यह एस्पैरेगस नहीं है?
घुघूती बासूती

Prem Farukhabadi ने कहा…

आप का ब्लॉग सचमुच बहुत अच्छा लगा .आपकी सोच कितनी अच्छी है.परहित में आपकी आस्था सराहनीय है. मेरी शुभ कामनाये आपके साथ है.
ईश्वर आपको इस शुभ कार्य में सफलता दे.बधाई !!

Divya Narmada ने कहा…

जडी-बूटियों का जिसे, 'सलिल' हो गया ज्ञान।
उसका जीवन सत्य ही, हो जाता रस-खान॥

दिव्यनर्मदा पर लिखें, कृपया कुछ आलेख।
जनगण का हित सध सके, हर्षित हों हम देख॥

-दिव्यनर्मदा.ब्लॉगस्पॉट.कॉम

-दिव्यनर्मदा@जीमेल.कॉम

sandeep ने कहा…

pahala sukh nirogi kya
duja sukh ghar ho maya
teza sukh putr aagyaakari
choutha sukh patani gunvanti

alka mishra ने कहा…

सदीप जी ,यह पूरा मुक्तक इस तरह है --
पहला सुख निरोगी काया
दूजा सुख घर होवे माया
तीजा सुख सुशीला नारी
चौथा सुख सुत आज्ञाकारी

Unknown ने कहा…

aapke blog par aakar sukh aur swasthya ki anubhooti hui .......
ATYANT AAKARSHAK AUR UPYOGI SAAMGRI K LIYE HARDIK BADHAI

बेनामी ने कहा…

उम्दा प्रयास