आयुर्वेद का अर्थ औषधि - विज्ञान नही है वरन आयुर्विज्ञान अर्थात '' जीवन-का-विज्ञान'' है

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रविवार, 21 दिसंबर 2025

वीडिओस

https://youtube.com/playlist?list=PLZqwe5te0xmoFX2RjUxRrem1NkZDsFxGv&si=Un843teA2UjieoVL

*अलका मिश्रा जी के कुछ विडियोज की प्लेलिस्ट बना दी है l बहुत जल्दी इसके और भी वीडियोस मिलेंगे आपको Gopal  Raju videos me l*

*अगर रुचि है उनके वीडियोस में, तो ऊपर दिए लिंक में क्लिक करें l*

गुरुवार, 18 सितंबर 2025

नाभि सेट करने का उपाय

नाभि सेट करने का उपाय --------------------------------
नाभि सेट करने के तीन उपाय मै आपको बता रही हूँ किन्तु हर उपाय सात दिन लगातार करना होगा -

1- सवेरे ज़ब आप सोकर उठते हैं तो बिस्तर से सीधे नीचे पैर न रखे. लेटे हैं तो बैठ जाएँ फिर अपने पैरों की तरफ धीरे धीरे झुकें 2 मिनट बाद सीधे हो जाएँ फिर 2 मिनट तक झुकें. अब आप बिस्तर से नीचे उतर कर दिन शुरू करें 

2- आप सीधे लेट जाएँ और दोनों पैरो के अंगूठे के ठीक बगल वाली ऊँगली को किसी को खींचने को कहें कम से कम सात बार वही एक ऊँगली खींच कर पुटकायें.

3- सीधे लेट कर नाभि में लटजीरा के तीन पत्तों का रस डाल कर 10 मिनट लेटिए फिर धीरे धीरे उठ कर एक गिलास पानी पीजिये.

सोमवार, 28 जुलाई 2025

इम्युनिटी बूस्टर

https://youtube.com/shorts/53yu9rxfkyE?si=BxqnJGiS65z1KZji

शनिवार, 21 जून 2025

किसी ने बताया है


*जिंदगी बचाने के अचूक आसान तरीके🌹*
*1.गले में कुछ फँस जाए:- तब केवल अपनी भुजाओं को ऊपर उठाएं:- एक बच्चे की 56 वर्षीय दादी घर पर टेलीविज़न देखते हुए फल खा रही थी। जब वो अपना सर हिला रही थी तब अचानक एक फल का टुकड़ा उसके गले में फँस गया। उसने अपने सीने को बहुत दबाया पर कुछ भी फायदा नहीं हुआ। जब बच्चे ने दादी को परेशान देखा तो उसने पूछा कि "दादी माँ क्या आपके गले में कुछ फँस गया है?" वो कुछ भी उत्तर नहीं दे पाई। बच्चा "मुझे लगता है कि आपके गले में कुछ फँस गया है। अपने हाथ ऊपर करो, हाथ ऊपर करो"* 
*दादी माँ ने तुरंत अपने हाथ ऊपर कर दिए और वो जल्द ही फँसे हुए फल के टुकड़े को गले से बाहर थूकने में कामयाब हो गयी। उसके पोते ने बताया कि ये बात उसने अपने विद्यालय में सीखी है।*
*2.सुबह उठते वक्त होने वाले शरीर के दर्द:- सुबह उठते वक्त गर्दन में दर्द और अकड़न महसूस होने पर अपने पांव ऊपर उठाएं। अपने पांव के अंगूठे को बाहर की तरफ खेंचे और धीरे धीरे उसकी मालिश करें और घड़ी की दिशा में एवं घड़ी की विपरीत दिशा में घुमाए।*
*3.पांव में बॉयटा या ऐठन:- बाएँ पांव में बॉयटा आया है तो अपने दाएँ हाथ को जितना ऊपर उठा सकते हैं उठायें और यदि बॉयटा दाएँ पांव में आया है तो आप अपने बाएँ हाथ को जितना ऊपर ले जा सकते हैं ले जायें। इससे आपको तुरंत आराम आएगा।*
*4.पांव का सुन्न होना:- बायां पांव सुन्न होने पर अपने दाएं हाथ को जोर से बाहर की ओर झुलायें या झटके दें। यदि दायां पांव सुन्न है तो अपने बाऐं हाथ को जोर से बाहर की ओर झुलायें या झटका दें।*
*5.आधे शरीर में लकवा:- एक सिलाई की सुई लेकर तुरन्त ही कानों की लोलिका के सबसे नीचे वाले भाग में सुई चुभा कर एक एक बूंद खून निकालें | इससे रोगी को तुरंत आराम आ जायेगा। उस पर से सब पक्षाघात के लक्षण भी मिट जायेंगे।*
*6.ह्रदय आघात की वजह से हृदय का रुकना:- ऐसे व्यक्ति के पांव से जुराबें उतार कर (यदि पहनी है तो) सुई से उसकी दसों पांव की उंगलियों में सुई चुभो कर एक एक बूंद रक्त की निकालें | इससे रोगी तुरन्त उठ जाएगा।*
*7.यदि रोगी को सांस लेने में तकलीफ हो:- चाहे ये दमा से हो या ध्वनि तंत्र की सूजन की वजह या और कोई कारण हो, जब तक कि रोगी का चेहरा सांस न ले पाने की वजह से लाल हो उसके नासिका के अग्रभाग पर सुई से छिद्र कर दो बून्द काला रक्त निकाल दें |*
*उपरोक्त सभी तरीकों से कोई खतरा नहीं है और ये केवल 10 सेकेंड में ही किये जा सकते हैं।*
*इस मैसेज को सुरक्षित (Save) करके रखलें। आपातकाल (Emergency) मे काम आयेगा। किसी की जान बचा सकते हो ओर साथ साथ चिकित्सा का भी प्रबंध करे। आपकी सहायतार्थ यह उपाय बहुत काम आ सकते है*।

गुरुवार, 8 मई 2025

ध्यान से सुनिए

खास है येhttps://youtu.be/Id397CnjvEo?si=OpyWWQiWIQOIO9v-

मंगलवार, 6 मई 2025

पूर्ण जवानी पाने का रहस्य

यह पूर्ण रूप से शास्त्रोक्त हैयह पूरी तरह वैदिक है
https://youtu.be/Id397CnjvEo?si=xOTS9WkW4tvVUW0q

गुरुवार, 20 जून 2024

मै

अगर आपको भारत वर्ष की प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद पर थोड़ी सी भी आस्था है तो आप किसी भी बीमारी के आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट के लिए मुझसे बात कर सकते हैं.
यदि रोग पुराना है और आप कई वर्षो से विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों का सहारा ले रहे है तो कम से कम तीन महीने जड़ी बूटियाँ खा कर परिवर्तन देखिये.
मैं आपको अपने बारे मे  बता दूँ कि मै लखनऊ में रहती हूँ और पिछले 22 वर्षो से जड़ी बूटियों पर काम कर रही हूं. मेरे पूज्य बाबाजी स्व0 सीताराम मिश्र ने सन 1948 में वैद्य कि डिग्री हासिल कि थी. उनके साथ सिर्फ 6 लोगो को यह डिग्री मिली थी जिनमें गोरखपुर के वैद्य आत्माराम दूबे भी एक थे. इसलिए मेरे तो रक्त में ही आयुर्वेद है. मै साबूत और ताज़ी जड़ियों और मसालों की सहायता से औषधियों का मिश्रण तैयार करती हूँ जो क्लासिक भी होता है और यूनिक भी. मुझे प्राचीन ग्रंथो भैसज्य रत्नावली, चरक संहिता, सुश्रुत संहिता, अर्क प्रकाश, भाव प्रकाश जैसे सैकड़ो ग्रंथो पर भी विश्वास है और मै निरंतर इनका अध्ययन करती हूँ. शेष तो आप औषधि प्रयोग के बाद ही जान जायेंगे कि आयुर्वेद कैसे चमत्कार करता है. मेरा संपर्क नंबर निम्न है --
7518054158
9889478084

रविवार, 28 जनवरी 2024

सर्दी और अजवाइन

                                 अजवाइन के फायदे मैंने पहले भी बताएं हैं। सर्दी के मौसम में ठंड लग जाने से लूज मोशन ,सिर  दर्द , बुखार जैसी समस्याओं को ये अजवाइन चुटकी बजाते ही ख़त्म कर देती है। एक चम्मच लगभग ५ ग्राम अजवाइन को मुंह में रख कर सादे पानी से निगल लेने से काफी आराम मिलता है। ३ दिन लगातार एक चम्मच अजवाइन को पानी से निगल लेने से ये समस्याएं जड़ से ही ख़त्म हो जाएँगी और आपको हॉस्पिटल जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी.  

              इन आलेखों में पूर्व विद्वानों द्वारा बताये गये ज्ञान को समेट कर आपके समक्ष सरल भाषा में प्रस्तुत करने का छोटा सा प्रयत्न मात्र है .औषध प्रयोग से पूर्व किसी मान्यताप्राप्त हकीम या वैद्य से सलाह लेना आपके हित में उचित होगा 




शनिवार, 16 दिसंबर 2023

राजवारुणी

प्रकाण्ड विद्वान और महान शिवभक्त  लंकाधिपति रावण की पत्नी मंदोदरी जब गर्भवती थीं और क्लांत थी तो उनके मन को प्रसन्न करने के लिए रावण ने इस औषधि का वर्णन किया था जिसे बाद में राजवारुणी के नाम से जाना गया।

आजकल मदिरापान का फैशन चल निकला है जो बाद में लत बन कर जानलेवा भी साबित हो जाता है। बाजार में उपलब्ध मदिरा लीवर डेमेज करती है सभी जानते हैं लेकिन फिर भी पीते हैं।
रावण संहिता और रावण रचित अन्य आयुर्वेद की पुस्तकों में  राजवारुणी , पशुमांस से निर्मित वारुणी मय, पक्षिमांस से निर्मित मय, औषधियों से निर्मित मय वारुणी का विशद वर्णन है।अगर आप सभी ने अपनी बेबाक प्रतिक्रिया दी तो मै औषधियों से निर्मित वारुणी जिसे राजवारुणी का दर्जा प्राप्त है उसके निर्माण की कोशिश कर सकती हूँ ।अन्य तरह की मय नहीं बना सकती क्योंकि मुझे लहसुन प्याज़ छुने से भी परहेज है जीव मांस तो दूर की बात है।
किन्तु इस वारुणी को गर्भवती मंदोदरी के लिए रावण ने निर्मित किया था यह शरीर को पुष्टि देती है और मन को अतीव प्रसन्नता प्रदान करती है।यह  तीन महीने के समय में निर्मित होती है।

बुधवार, 25 जनवरी 2023

Jagdishvari mareshvari bhuvneshvari parmeshvari
maa dhyan de kuchh gyan de yshamaam de kuchh bhaan de






इन आलेखों में पूर्व विद्वानों द्वारा बताये गये ज्ञान को समेट कर आपके समक्ष सरल भाषा में प्रस्तुत करने का छोटा सा प्रयत्न मात्र है .औषध प्रयोग से पूर्व किसी मान्यताप्राप्त हकीम या वैद्य से सलाह लेना आपके हित में उचित होगा

बुधवार, 28 सितंबर 2022

लिख लोढ़ा पढ़ पत्थर

बड़ी मुसीबत है, कुछ बताना भी गुनाह है।लोग ऐसे ऐसे ताने दे रहे हैं, एक सज्जन ने तो व्हाट्सअप पर ग्रुप में करेले वाली टिप्स के नीचे लिख दिया कि सितंबर में भिंडी न खाएं बेसन तो बिल्कुल नही।
मुझे क्रोध आना लाजिमी था।शायद यही कारण है कि आज अस्पतालों के धन्धे खूब चमक रहे हैं।
मैं ही पागल हूँ।खाओ भइया, कुंवार में करेला भी खाओ, भादो में दही भी खाओ।मेरे पेट मे दर्द थोड़ी होगा।न मेरे पल्ले से पैसे खर्च होंगे।
एक सज्जन मस्तिष्क के बारे में शोध परक पोस्ट लिखते हैं, विद्वान लगते हैं, उनका कहना था कि लीवर तो हमेशा एक ही जैसा पाचक रस देता है।
अब ये नार्मल सी बात है कि ऐसा कैसे संभव होगा। यही शरीर है न ।आज जैसे कपड़े पहन कर आप घूम आते हैं क्या आज से 4 महीने बाद यही कपड़े पहन कर घर से बाहर निकलने की हिम्मत होगी ??
तो ये सामान्य सा सामान्यज्ञान क्यो नही समझ मे आ रहा कि शरीर के प्रत्येक अंग का व्यवहार मौसम के अनुसार बदलता है।

सोमवार, 27 दिसंबर 2021

बाल काले रखने वाला मंजन

इससे मंजन करते रहने से बाल सफेद नही होते।

रविवार, 4 जुलाई 2021

5000 साल जी सकता है मानव

कई हजार वर्ष जीना कोई मुश्किल नहीं है किंतु इसके लिए सर्वाधिक आवश्यक है कि आपका शरीर निरोग हो। उसके लिए मौसम और शरीर के अनुकूल भोजन हेतु प्रकृति ने बहुत कुछ दिया है मनुष्य को। यदा कदा आ जाने वाली व्याधियों के लिए जड़ी बूटियां भी प्रचुर मात्रा में देती है पृथ्वी।लेकिन इसी पृथ्वी पर वह खजाना भी उपलब्ध है जिसका यथाशक्ति यथाभक्ति सेवन करने से मनुष्य अतीन्द्रिय हो सकता है। अतीन्द्रिय का अर्थ है आपकी देखने सुनने खाने पीने जीने आदि की क्षमता का सैकड़ों गुना बढ़ जाना। पृथ्वी पर उपस्थित इसी खजाने के लिए देवतागण भी आते हैं।वर्ष में सिर्फ एक दिन। ताकि उनकी अतीन्द्रिय क्षमता बरकरार रहे और देवपद बना रहे। यही खजाना हम मनुष्य नही प्राप्त कर पाते।
महान वैद्य शल्य चिकित्सा के जनक महर्षि सुश्रुत ने लिखा है कि-----
ओषधिनाम पतिं सोममुपयुज्य विचक्षणः
दशवर्ष सहस्राणि नवां धारयते तनुम
नाग्निरतोयँ न विषम न शस्त्रम न अस्त्रमेव च
तस्यालमायु क्षपणे समर्थानि भवन्ति हि।

ॐ सोमलताय नमो नमः
ये दिव्य औषधियां हैं:----
अंशुमान
मुंजवान
चन्द्रसोम
रजतप्रभ
दुर्वासोम
कनीयान
श्वेताक्ष
कनकप्रभ
प्रतानवान
तालवृंत
करवीर
अंशवान
स्वयंप्रभ
महासोम
गरुड़ाहृत
गायत्र
त्रिष्टुभ
पांक्त
जागत
शॉकवर
अग्निष्टोम
रैवत
त्रिपदा गायत्री
उडुपति

ये वो महाऔषधियाँ हैं जिनका रसपान देवता वर्ष में एक बार अवश्य करते हैं।

शुक्रवार, 18 जून 2021

छोटे नुस्खे

***** आपको लगता है कि गले में कुछ फंसा हुआ है।आवाज स्पष्ट नही है या सीने में भारीपन है तो सिर्फ एक काम कीजिये।एक जग में गुनगुना पानी लीजिये और आराम से आल्थी पालथी मार के बैठ जाइए।मुंह में पानी भरिये और तब तक भरे रहिये जब तक असहनीय न हो जाये फिर पानी बाहर। दो चार लम्बी लम्बी सांसे लीजिये फिर दुबारा मुंह में पानी भरिये और सहन की सीमा तक शांति से बैठिये।इस तरह से 5 बार तो कीजिये ही।

इस पानी मे अगले दिन अजवाइन का काढ़ा भी मिला सकते हैं।

रिस्पांस जरूर बताइयेगा।🙂

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 औषधि का निर्माण तो किया है ब्रेड के ब्लैक फंगस पर ट्राई भी किया खांसी और सूखते गले पर भी सफल प्रयोग किया।अब आप को समर्पित।
इसको मैं अगर टैबलेट बना पाती तो चूसने से ही लाभ मिलता किन्तु तैयार चूर्ण को शहद से चाटना होगा।
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 अद्भुत योग है भाई आयुर्वेद में, जितने महीने इसका सेवन करेंगे उतने सौ वर्षों तक जीयेंगे।
इसका सेवन ऋषि मुनिगण अवश्य किया करते थे।
हाँ औषधि के बाद मूंग चावल और घी आंवला की खिचड़ी खाने का नियम है बिना नमक की।
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*गाय का घी*

गाय का पुराना घी केवल बाहरी उपचार के लिए उपयोगी है।सेवन करने के लिए गाय का ताजा घी ही उत्तम रहता है।

रविवार, 16 मई 2021

एपिलेप्सी

https://youtu.be/bkDHqpK1m24
☝️🔺
*आक के दूध के अनेक फ़ायदे हैं । सुनिए क्या बता रही हैं अलका जी 1 मिनट में।*

शुक्रवार, 26 मार्च 2021

आवश्यक ज्ञान


विश्व का सबसे बड़ा और वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र (ऋषि मुनियो पर किया अनिल अनुसंधान )

■ काष्ठा = सैकन्ड का  34000 वाँ भाग
■ 1 त्रुटि  = सैकन्ड का 300 वाँ भाग
■ 2 त्रुटि  = 1 लव ,
■ 1 लव = 1 क्षण
■ 30 क्षण = 1 विपल ,
■ 60 विपल = 1 पल
■ 60 पल = 1 घड़ी (24 मिनट ) ,
■ 2.5 घड़ी = 1 होरा (घन्टा )
■ 24 होरा = 1 दिवस (दिन या वार) ,
■ 7 दिवस = 1 सप्ताह
■ 4 सप्ताह = 1 माह ,
■ 2 माह = 1 ऋतू
■ 6 ऋतू = 1 वर्ष ,
■ 100 वर्ष = 1 शताब्दी
■ 10 शताब्दी = 1 सहस्राब्दी ,
■ 432 सहस्राब्दी = 1 युग
■ 2 युग = 1 द्वापर युग ,
■ 3 युग = 1 त्रैता युग ,
■ 4 युग = सतयुग
■ सतयुग + त्रेतायुग + द्वापरयुग + कलियुग = 1 महायुग (चतुर्युगी )
■ 72 महायुग = मनवन्तर ,
■ 1000 महायुग = 1 कल्प
■ 1 नित्य प्रलय = 1 महायुग (धरती पर जीवन अन्त और फिर आरम्भ )
■ 1 नैमितिका प्रलय = 1 कल्प ।(देवों का अन्त और जन्म )
■ महालय  = 730 कल्प ।(ब्राह्मा का अन्त और जन्म )

सम्पूर्ण विश्व का सबसे बड़ा और वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र यही है। जो हमारे देश भारत में बना। ये हमारा भारत जिस पर हमको गर्व है l
दो लिंग : नर और नारी ।
दो पक्ष : शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष।
दो पूजा : वैदिकी और तांत्रिकी (पुराणोक्त)।
दो अयन : उत्तरायन और दक्षिणायन।

तीन देव : ब्रह्मा, विष्णु, शंकर।
तीन देवियाँ : महा सरस्वती, महा लक्ष्मी, महा गौरी।
तीन लोक : पृथ्वी, आकाश, पाताल।
तीन गुण : सत्वगुण, रजोगुण, तमोगुण।
तीन स्थिति : ठोस, द्रव, वायु।
तीन स्तर : प्रारंभ, मध्य, अंत।
तीन पड़ाव : बचपन, जवानी, बुढ़ापा।
तीन रचनाएँ : देव, दानव, मानव।
तीन अवस्था : जागृत, मृत, बेहोशी।
तीन काल : भूत, भविष्य, वर्तमान।
तीन नाड़ी : इडा, पिंगला, सुषुम्ना।
तीन संध्या : प्रात:, मध्याह्न, सायं।
तीन शक्ति : इच्छाशक्ति, ज्ञानशक्ति, क्रियाशक्ति।

चार धाम : बद्रीनाथ, जगन्नाथ पुरी, रामेश्वरम्, द्वारका।
चार मुनि : सनत, सनातन, सनंद, सनत कुमार।
चार वर्ण : ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र।
चार निति : साम, दाम, दंड, भेद।
चार वेद : सामवेद, ॠग्वेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद।
चार स्त्री : माता, पत्नी, बहन, पुत्री।
चार युग : सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर युग, कलयुग।
चार समय : सुबह, शाम, दिन, रात।
चार अप्सरा : उर्वशी, रंभा, मेनका, तिलोत्तमा।
चार गुरु : माता, पिता, शिक्षक, आध्यात्मिक गुरु।
चार प्राणी : जलचर, थलचर, नभचर, उभयचर।
चार जीव : अण्डज, पिंडज, स्वेदज, उद्भिज।
चार वाणी : ओम्कार्, अकार्, उकार, मकार्।
चार आश्रम : ब्रह्मचर्य, ग्राहस्थ, वानप्रस्थ, सन्यास।
चार भोज्य : खाद्य, पेय, लेह्य, चोष्य।
चार पुरुषार्थ : धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष।
चार वाद्य : तत्, सुषिर, अवनद्व, घन।

पाँच तत्व : पृथ्वी, आकाश, अग्नि, जल, वायु।
पाँच देवता : गणेश, दुर्गा, विष्णु, शंकर, सुर्य।
पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ : आँख, नाक, कान, जीभ, त्वचा।
पाँच कर्म : रस, रुप, गंध, स्पर्श, ध्वनि।
पाँच  उंगलियां : अँगूठा, तर्जनी, मध्यमा, अनामिका, कनिष्ठा।
पाँच पूजा उपचार : गंध, पुष्प, धुप, दीप, नैवेद्य।
पाँच अमृत : दूध, दही, घी, शहद, शक्कर।
पाँच प्रेत : भूत, पिशाच, वैताल, कुष्मांड, ब्रह्मराक्षस।
पाँच स्वाद : मीठा, चर्खा, खट्टा, खारा, कड़वा।
पाँच वायु : प्राण, अपान, व्यान, उदान, समान।
पाँच इन्द्रियाँ : आँख, नाक, कान, जीभ, त्वचा, मन।
पाँच वटवृक्ष : सिद्धवट (उज्जैन), अक्षयवट (Prayagraj), बोधिवट (बोधगया), वंशीवट (वृंदावन), साक्षीवट (गया)।
पाँच पत्ते : आम, पीपल, बरगद, गुलर, अशोक।
पाँच कन्या : अहिल्या, तारा, मंदोदरी, कुंती, द्रौपदी।

छ: ॠतु : शीत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, बसंत, शिशिर।
छ: ज्ञान के अंग : शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छन्द, ज्योतिष।
छ: कर्म : देवपूजा, गुरु उपासना, स्वाध्याय, संयम, तप, दान।
छ: दोष : काम, क्रोध, मद (घमंड), लोभ (लालच),  मोह, आलस्य।

सात छंद : गायत्री, उष्णिक, अनुष्टुप, वृहती, पंक्ति, त्रिष्टुप, जगती।
सात स्वर : सा, रे, ग, म, प, ध, नि।
सात सुर : षडज्, ॠषभ्, गांधार, मध्यम, पंचम, धैवत, निषाद।
सात चक्र : सहस्त्रार, आज्ञा, विशुद्ध, अनाहत, मणिपुर, स्वाधिष्ठान, मुलाधार।
सात वार : रवि, सोम, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि।
सात मिट्टी : गौशाला, घुड़साल, हाथीसाल, राजद्वार, बाम्बी की मिट्टी, नदी संगम, तालाब।
सात महाद्वीप : जम्बुद्वीप (एशिया), प्लक्षद्वीप, शाल्मलीद्वीप, कुशद्वीप, क्रौंचद्वीप, शाकद्वीप, पुष्करद्वीप।
सात ॠषि : वशिष्ठ, विश्वामित्र, कण्व, भारद्वाज, अत्रि, वामदेव, शौनक।
सात ॠषि : वशिष्ठ, कश्यप, अत्रि, जमदग्नि, गौतम, विश्वामित्र, भारद्वाज।
सात धातु (शारीरिक) : रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा, वीर्य।
सात रंग : बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी, लाल।
सात पाताल : अतल, वितल, सुतल, तलातल, महातल, रसातल, पाताल।
सात पुरी : मथुरा, हरिद्वार, काशी, अयोध्या, उज्जैन, द्वारका, काञ्ची।
सात धान्य : उड़द, गेहूँ, चना, चांवल, जौ, मूँग, बाजरा।

आठ मातृका : ब्राह्मी, वैष्णवी, माहेश्वरी, कौमारी, ऐन्द्री, वाराही, नारसिंही, चामुंडा।
आठ लक्ष्मी : आदिलक्ष्मी, धनलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, गजलक्ष्मी, संतानलक्ष्मी, वीरलक्ष्मी, विजयलक्ष्मी, विद्यालक्ष्मी।
आठ वसु : अप (अह:/अयज), ध्रुव, सोम, धर, अनिल, अनल, प्रत्युष, प्रभास।
आठ सिद्धि : अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, वशित्व।
आठ धातु : सोना, चांदी, ताम्बा, सीसा जस्ता, टिन, लोहा, पारा।

नवदुर्गा : शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कुष्मांडा, स्कन्दमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री।
नवग्रह : सुर्य, चन्द्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु।
नवरत्न : हीरा, पन्ना, मोती, माणिक, मूंगा, पुखराज, नीलम, गोमेद, लहसुनिया।
नवनिधि : पद्मनिधि, महापद्मनिधि, नीलनिधि, मुकुंदनिधि, नंदनिधि, मकरनिधि, कच्छपनिधि, शंखनिधि, खर्व/मिश्र निधि।

दस महाविद्या : काली, तारा, षोडशी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्तिका, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, कमला।
दस दिशाएँ : पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, आग्नेय, नैॠत्य, वायव्य, ईशान, ऊपर, नीचे।
दस दिक्पाल : इन्द्र, अग्नि, यमराज, नैॠिति, वरुण, वायुदेव, कुबेर, ईशान, ब्रह्मा, अनंत।
दस अवतार (विष्णुजी) : मत्स्य, कच्छप, वाराह, नृसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध, कल्कि।
दस सति : सावित्री, अनुसुइया, मंदोदरी, तुलसी, द्रौपदी, गांधारी, सीता, दमयन्ती, सुलक्षणा, अरुंधती।

शुक्रवार, 12 फ़रवरी 2021

इन्हेलर

इन्हेलर
जादुई तेल
Fast Oil

सुबह दोपहर शाम 3 बार कम से कम सूंघना है। डाइरेक्ट शीशी से नही सूंघना ,पहले हथेली में लगाइये दोनो हथेलियां आपस मे रगडिये फिर सुंघिये।आंख स्किन नाक वगैरा में डाइरेक्ट लगने में थोड़ी जलन करता है।जहां भी लगाना हो अपनी उंगली में लगाकर तब लगाएं।

अस्थमा ,साइनस, सर्दी,खांसी जुकाम, बुखार में तुरंत आराम मिलता है

दांत में दर्द हो तो उंगली के पोर में लगाकर फिर दांत में लगाएं

जल जाने पर डाइरेक्ट शीशी  से लगाएं।

चोट पर ,घाव पर डाइरेक्ट लगाएं।

मोच लगने पर भी लगा सकते हैं।

कोई कीड़ा, मधुमक्खी, चींटी आदि के काटने पर भी तुरंत लगाइये ।

सिरदर्द ,माइग्रेन, तनाव में माथे पर 2 बार रगड़ लीजिये डाइरेक्ट।

पेट मे दर्द हो तो नाभि पर लगा लीजिये या एक चम्मच में शीशी रगड़ कर चम्मच में पानी भरिये और पी जाएं।

बुधवार, 6 मई 2020

पानी

मुझे नहीं ज्ञात कि आप मेरी बातों को कितनी गंभीरता से लेते हैं किंतु साधारण सी गलतियों का भारी दुष्परिणाम होता है ,ये सत्य है।

सोचिये बहुत छोटी सी बात है सभी ज्ञानीजन कहते भी हैं कि पानी ज्यादा पीएं।
आप ज्यादा पीने की कोशिश भी करते हैं और पीते भी हैं किंतु कोई लाभ नहीं होता।
कारण आज जान लीजिए--
आप एक बार में मुश्किल से 2 घूँट पानी पीते हैं ज्यादातर बोतल से। 2-2 घूँट की शक्ल में आप 4 से 5 लीटर पानी पी भी लेते हैं ।लेकिन ये पानी पीने का गलत तरीक़ा है।जब भी पानी पीना हो पूरा एक गिलास पानी पीएं अर्थात 200 ग्राम। तब शरीर में अच्छी रौनक दिखाई देगी।

खुद ही सोचिये अगर आपका भोजन 4 रोटी है, अभी आपने एक टुकड़ा रोटी खा ली।फिर आधे घण्टे बाद एक टुकड़ा खा ली तो पूरे दिन में आप 4 रोटी खा तो लेंगे लेकिन न पेट भरेगा न मन।बस यही हिसाब पानी का भी है।

आपके शरीर में पानी का निरंतर अभाव बना रहने से बी पी, सुगर, हार्ट और किडनी इफेक्टेड होती है।इसलिए इस छोटी सी बात को बहुत महंगी दवा समझें और कल से घूँट घूँट पानी पीना बन्द करें।

गुरुवार, 16 अप्रैल 2020

छोटे तीर

देवियों अगर आपको अनचाही अनजानी सी शारीरिक / मानसिक परेशानी महसूस हो रही हो तो सोते वक्त ईयर रिंग उतार दिया करें।
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यदि आपका रोग एक दिन पुराना है तो 7 घण्टे में औषधि असर करती है।एक महीना पुराना है तो 7 दिन बाद औषधि का असर दिखेगा।एक साल पुराना है तो 7 हफ्ते तक औषधि का प्रभाव होगा यदि कई वर्ष पुराना है तो उतने ही महीनों तक औषधि सेवन कीजिए।

पुराना होता हुआ रोग स्वरूप बदल कर कई अन्य बीमारियां भी उत्पन्न करता है और औषधियां सभी विकृतियों का नाश करके शरीर को साम्यावस्था में लाती हैं।
इसलिए औषधि सेवन धैर्य और आस्था से किया जाना चाहिए, तभी उत्तम प्रभाव देता है।
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सबकी सुरक्षा हो गयी आंख भूल गए।
सरसो के तेल की एक एक बून्द दोनों आंखों में डालिये थोड़ा लगेगा किन्तु बहुत लाभ मिलेंगे।
प्रतिदिन

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W H O जब किसी दवा की पुष्टि करेगा तब उसे डाक्टर अपनाएंगे।मैंने जो दवा तैयार की है उसे who से पुष्टि कराने का कोई मार्ग मेरे पास नही। अब ये डॉक्टर्स और रोगियों के अपने विवेक पर है कि वो kovid 19 को लाइलाज समझ मृत्यु की प्रतीक्षा करें या इस आयुर्वेदिक दवा को अपनाकर जीने की इच्छा पुनः जागृत करें।

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जिनके घरों के आस पास पीपल के पेड़ हैं वे लोग 5 पत्ते रोज एक गिलास पानी में 10 मिनट तक उबाल के पीएं।
प्रति व्यक्ति 5 पत्ते प्रतिदिन। इससे
गला फेफड़ा अंदरूनी पावर बढियां रहेंगे।किसी वायरस की मजाल नही कि आपको छू दे