ये ठंड भला क्यों हमारी दुश्मन बने ?
बहुत मामूली सी गलती होती है और ठंड लग जाती है। अगर हम ज़रा सावधान रहें तो ऐसा नहीं होगा। सबसे पहले ठंड लगने के सामान्य लक्षण जान लीजिये -
१- लूज मोशन आना
२- सिर में मीठा मीठा दर्द
३- भोजन में नमक या कोई स्वाद कम महसूस होना
४- सुस्ती
५- समूह में बैठने की इच्छा होना।
इनमे से कोई लक्षण प्रकट हो तो दो काम तुरंत कीजिए -
१- पानी को खूब तेज गरम कीजिए ,उसमें २ चम्मच नमक मिलाएं फिर उस पानी में पहले एड़ी फिर धीरे धीरे पूरा पंजा डूबा कर २० मिनट बैठे रहें ,यह क्रिया दिन में दो बार कीजिए।
२- एक बड़ा चम्मच अजवाइन से भरिये ,फिर वह अजवाइन मुंह में रख कर पानी पी जाइए ,चबाना नहीं है अजवाइन को ,केवल निगलना है।
दो से तीन दिन में ही सर्दी से उत्पन्न सभी परेशानियां ख़त्म हो जाएंगी।
सर्दी या गरमी तभी परेशान करते हैं जब आपके शरीर की इम्यूनिटी कमजोर हो गयी हो। उसको बनाये रखने के लिए आप २-४ चीजों का सहारा लीजिए। एक महीने ६ ग्राम अश्वगंधा चूर्ण रोज पानी से निगलिये ,दूसरे महीने ५ ग्राम हल्दी चूर्ण ,तीसरे महीने ५ छोटी हर्रे का चूर्ण। सुबह सवेरे नाश्ते से ५ मिनट पहले निगलना है। चौथे महीने फिर अश्वगंधा से क्रम शुरू कीजिए। विश्वास कीजिए साल भर में एक बार भी डाक्टर के पास जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी। यही नहीं आप सारे मौसमों का भरपूर आनंद उठाएंगे।
बहुत मामूली सी गलती होती है और ठंड लग जाती है। अगर हम ज़रा सावधान रहें तो ऐसा नहीं होगा। सबसे पहले ठंड लगने के सामान्य लक्षण जान लीजिये -
१- लूज मोशन आना
२- सिर में मीठा मीठा दर्द
३- भोजन में नमक या कोई स्वाद कम महसूस होना
४- सुस्ती
५- समूह में बैठने की इच्छा होना।
इनमे से कोई लक्षण प्रकट हो तो दो काम तुरंत कीजिए -
१- पानी को खूब तेज गरम कीजिए ,उसमें २ चम्मच नमक मिलाएं फिर उस पानी में पहले एड़ी फिर धीरे धीरे पूरा पंजा डूबा कर २० मिनट बैठे रहें ,यह क्रिया दिन में दो बार कीजिए।
२- एक बड़ा चम्मच अजवाइन से भरिये ,फिर वह अजवाइन मुंह में रख कर पानी पी जाइए ,चबाना नहीं है अजवाइन को ,केवल निगलना है।
दो से तीन दिन में ही सर्दी से उत्पन्न सभी परेशानियां ख़त्म हो जाएंगी।
सर्दी या गरमी तभी परेशान करते हैं जब आपके शरीर की इम्यूनिटी कमजोर हो गयी हो। उसको बनाये रखने के लिए आप २-४ चीजों का सहारा लीजिए। एक महीने ६ ग्राम अश्वगंधा चूर्ण रोज पानी से निगलिये ,दूसरे महीने ५ ग्राम हल्दी चूर्ण ,तीसरे महीने ५ छोटी हर्रे का चूर्ण। सुबह सवेरे नाश्ते से ५ मिनट पहले निगलना है। चौथे महीने फिर अश्वगंधा से क्रम शुरू कीजिए। विश्वास कीजिए साल भर में एक बार भी डाक्टर के पास जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी। यही नहीं आप सारे मौसमों का भरपूर आनंद उठाएंगे।